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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 142

दाऊद का एक कला गीत।

मैं सहायता पाने के लिये यहोवा को पुकारुँगा।
    मै यहोवा से प्रार्थना करुँगा।
मैं यहोवा के सामने अपना दु:ख रोऊँगा।
    मैं यहोवा से अपनी कठिनाईयाँ कहूँगा।
मेरे शत्रुओं ने मेरे लिये जाल बिछाया है।
    मेरी आशा छूट रही है किन्तु यहोवा जानता है।
    कि मेरे साथ क्या घट रहा है।

मैं चारों ओर देखता हूँ
    और कोई अपना मिस्र मुझको दिख नहीं रहा
मेरे पास जाने को कोई जगह नहीं है।
    कोई व्यक्ति मुझको बचाने का जतन नहीं करता है।
इसलिये मैंने यहोवा को सहारा पाने को पुकारा है।
    हे यहोवा, तू मेरी ओट है।
    हे यहोवा, तू ही मुझे जिलाये रख सकता है।
हे यहोवा, मेरी प्रार्थना सुन।
    मुझे तेरी बहुत अपेक्षा है।
तू मुझको ऐसे लोगों से बचा ले
    जो मेरे लिये मेरे पीछे पड़े हैं।
मुझको सहारा दे कि इस जाल से बच भागूँ।
    फिर यहोवा, मैं तेरे नाम का गुणगान करुँगा।
मैं वचन देता हूँ। भले लोग आपस में मिलेंगे और तेरा गुणगान करेंगे
    क्योकि तूने मेरी रक्षा की है।

हबक्कूक 3:1-16

हबक्कूक की प्रार्थना

हबक्कूक नबी के लिये शिग्योनीत प्रार्थना:

हे यहोवा, मैंने तेरे विषय में सुना है।
    हे यहोवा, बीते समय में जो शक्तिपूर्ण कार्य तूने किये थे, उनपर मुझको आश्चर्य है।
अब मेरी तुझसे विनती है कि हमारे समय में तू फिर उनसे भी बड़े काम कर।
    मेरी तुझसे विनती है कि तू हमारे अपने ही दिनों में उन बातों को प्रकट करेगा
किन्तु जब तू जोश में भर जाये
    तब भी तू हम पर दया को दर्शाना याद रख।

परमेश्वर तेमान की ओर से आ रहा है।
    वह पवित्र परान के पहाड़ से आ रहा है।

आकाश प्रतिबिंबित तेज से भर उठा।
    धरती पर उसकी महिमा छा गई है!
वह महिमा ऐसी है जैसे कोई उज्जवल ज्योति हो।
    उसके हाथ से ज्योति की किरणें फूट रहीं हैं और उसके हाथ में उसकी शक्ति छिपी है।
उसके सामने महामारियाँ चलती हैं
    और उसके पीछे विध्वंसक नाश चला करता है।
यहोवा खड़ा हुआ और उसने धरती को कँपा दिया।
    उसने अन्य जातियों के लोगों पर तीखी दृष्टि डाली और वे भय से काँप उठे।
जो पर्वत अनन्त काल से अचल खड़े थे,
    वे पर्वत टूट—टूट कर गिरे और चकनाचूर हो गये।
पुराने, अति प्राचीन पहाड़ ढह गये थे।
    परमेश्वर सदा से ही ऐसा रहा है!

मुझको ऐसा लगा जैसे कुशान के नगर दु:ख में हैं।
    मुझको ऐसा दिखा जैसे मिद्यान के भवन डगमगा गये हों।
हे यहोवा, क्या तूने नदियों पर कोप किया क्या जलधाराओं पर तुझे क्रोध आया था
    क्या समुद्र तेरे क्रोध का पात्र बन गया?
जब तू अपने विजय के घोड़ों पर आ रहा था,
    और विजय के रथों पर चढ़ा था, क्या तू क्रोध से भरा था?

तूने अपना धनुष ताना
    और तीरों ने अपने लक्ष्य को बेध दिया।

जल की धाराएँ धरती को चीरने के लिए फूट पड़ी।
10 पहाड़ों ने तुझे देखा और वे काँप उठे।
    जल धरती को फोड़ कर बहने लगा था।
धरती से ऊँचे फव्वारे
    गहन गर्जन करते हुए फूट रहे थे।
11 सूर्य और चाँद ने अपना प्रकाश त्याग दिया।
    उन्होंने जब तेरी भव्य बिजली की कौंधों को देखा, तो चमकना छोड़ दिया।
    वे बिजलियाँ ऐसी थी जैसे भाले हों और जैसे हवा में छुटे हुए तीर हों।
12 क्रोध में तूने धरती को पाँव तले रौंद दिया
    और देशों को दण्डित किया।
13 तू ही अपने लोगों को बचाने आया था।
    तू ही अपने चुने राजा को विजय की राह दिखाने को आया था।
तूने प्रदेश के हर बुरे परिवार का मुखिया,
    साधारण जन से लेकर अति महत्वपूर्ण व्यक्ति तक मार दिया।

14 उन सेनानायकों ने हमारे नगरों पर
    तूफान की तरह से आक्रमण किया।
उनकी इच्छा थी कि वे हमारे असहाय लोगों को
    जो गलियों के भीतर वैसे डर कर छुपे बैठे हैं
जैसे कोई भिखारी छिपा हुआ है खाना कुचल डाले।
    किन्तु तूने उनके सिर को मुगदर की मार से फोड़ दिया।
15 किन्तु तूने सागर को अपने ही घोड़ों से पार किया था
    और तूने महान जलनिधि को उलट—पलट कर रख दिया।
16 मैंने ये बातें सुनी और मेरी देह काँप उठी।
    जब मैंने महा—नाद सुनी, मेरे होंठ फड़फड़ाने लगे!
मेरी हड्डियाँ दुर्बल हुई, मेरी टाँगे काँपने लगीं।
    इसीलिये धैर्य के साथ मैं उस विनाश के दिन की बाट जोहूँगा।
ऐसे उन लोगों पर जो हम पर आक्रमण करते हैं, वह दिन उतर रहा है।

यहूदा 5-21

मैं तुम्हें स्मरण कराना चाहता हूँ (यद्यपि तुम तो इन सब बातों को जानते ही हो) कि जिस प्रभु ने पहले अपने लोगों को मिस्र की धरती से बचाकर निकाल लिया था, बाद में जिन्होंने विश्वास को नकार दिया, उन्हें किस प्रकार नष्ट कर दिया गया।[a] मैं तुम्हें यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि जो दूत अपनी प्रभु सत्ता को बनाए नहीं रख सके, बल्कि जिन्होंने अपने निजी निवास को उस भीषण दिन के न्याय के लिए अंधकार में जो सदा के लिए हैं बन्धनों मे रखा है। इसी प्रकार मैं तुम्हें यह भी याद दिलाना चाहता हूँ कि सदोम और अमोरा तथा आस-पास के नगरों ने इन दूतों के समान ही यौन अनाचार किया तथा अप्राकृतिक यौन सम्बन्धों के पीछे दौड़ते रहे। उन्हें कभी नहीं बुझने वाली अग्नि में झोंक देने का दण्ड दिया गया। वे हमारे लिए उदाहरण के रूप में स्थित हैं।

ठीक इसी प्रकार हमारे समूह में घुस आने वाले ये लोग अपने स्वप्नों के पीछे दौड़ते हुए अपने शरीरों को विकृत कर रहे हैं। ये प्रभु के सामर्थ्य को उठाकर ताक पर रख छोड़ते है तथा महिमावान स्वर्गदूतों के विरोध में बोलते हैं। प्रमुख स्वर्गदूत मीकाईल जब शैतान के साथ विवाद करते हुए मूसा के शव के बारे में बहस कर रहा था तो वह उसके विरुद्ध अपमानजनक आक्षेपों के प्रयोग का साहस नहीं कर सका। उसने मात्र इतना कहा, “प्रभु तुझे डाँटे-फटकारे।”

10 किन्तु ये लोग तो उन बातों की आलोचना करते हैं, जिन्हें ये समझते ही नहीं और ये लोग बुद्धिहीन पशुओं के समान जिन बातों से सहज रूप से परिचित हैं, वे बातें वे ही हैं जिनसे उनका नाश होने को है। 11 उन लोगों के लिए यह बहुत बुरा है कि उन्होंने कैन का सा वही मार्ग चुना। धन कमाने के लिए उन्होंने अपने आपको वैसे ही गलती के हवाले कर दिया जैसे बिलाम ने किया था। सो वे ही नष्ट हो जायेंगे जैसे कोरह के विद्रोह में भाग लेने वाले नष्ट कर दिए गए थे।

12 ये लोग तुम्हारे प्रीति-भोजों में उन छुपी हुई चट्टानों के समान हैं जो घातक हैं। ये लोग निर्भयता के साथ तुम्हारे संग खाते-पीते हैं किन्तु उन्हें केवल अपने स्वार्थ की ही चिंता रहती है। वे बिना जल के बादल हैं। वे पतझड़ के ऐसे पेड़ हैं जिन पर फल नहीं होता। वे दोहरे मरे हुए हैं। उन्हें उखाड़ा जा चुका है। 13 वे समुद्र की ऐसी भयानक लहरें हैं, जो अपने लज्जापूर्ण कार्यों का झाग उगलती रहती हैं। वे इधर-उधर भटकते ऐसे तारे हैं जिनके लिए अनन्त गहन अंधकार सुनिश्चित कर दिया गया है।

14 आदम से सातवीं पीढ़ी के हनोक ने भी इन लोगों के लिए इन शब्दों में भविष्यवाणी की थी: “देखो वह प्रभु अपने हज़ारों-हज़ार स्वर्गदूतों के साथ 15 सब लोगों का न्याय करने के लिए आ रहा है। ताकि लोगों ने जो बुरे काम किए हैं, उन्हें उनके लिए और उन्होंने जो परमेश्वर के विरुद्ध बुरे वचन बोले हैं, उनके लिए दण्ड दे।”

16 ये लोग चुगलखोर हैं और दोष ढूँढने वाले हैं। ये अपनी इच्छाओं के दास हैं तथा अपने मुँह से अहंकारपूर्ण बातें बोलते हैं। अपने लाभ के लिए ये दूसरों की चापलूसी करते हैं।

जतन करते रहने के लिए चेतावनी

17 किन्तु प्यारे मित्रो, उन शब्दों को याद रखो जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के प्रेरितों द्वारा पहले ही कहे जा चुके हैं। 18 वे तुमसे कहा करते थे कि “अंत समय में ऐसे लोग होंगे जो परमेश्वर से जो कुछ संबंधित होगा उसकी हँसी उड़ाया करेंगे।” तथा वे अपवित्र इच्छाओं के पीछे-पीछे चला करेंगे। 19 ये लोग वे ही हैं जो फूट डलवाते हैं।

20 ये लोग अपनी प्राकृतिक इच्छाओं के दास हैं। इनकी आत्मा नहीं हैं। किन्तु प्रिय मित्रों तुम एक दूसरे को आध्यात्मिक रूप से अपने अति पवित्र विश्वास में सुदृढ़ करते रहो। पवित्र आत्मा के साथ प्रार्थना करो। 21 हमारे प्रभु यीशु मसीह की करुणा की बाट जोहते हुए जो तुम्हें अनन्त जीवन तक ले जाएगी परमेश्वर की भक्ति में लीन रहो।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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