Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
23 तउ, हे सिय्योन क लोगो, खुस रहा।
आपन परमेस्सर यहोवा मँ आनन्द स भरि जा।
काहेकि उ तू पचन्क संग भला करी अउर तू पचन्क बर्खा देइ।
उ तू पचन्क अगवा क बर्खा देइ।
अउर उ तू पचन्क पाछे क भी बर्खा देइ जइसे पहिले देत रहा।
24 तोहार पचन्क इ सबइ खरिहान गोहूँ स भरि जइहीं
अउर तू पचन्क कुप्पे दाखमधु अउर जइतून क तेल स उफनाइ लागिहीं।
25 “उ सबइ भिनभिनात भइ टिड्डियन,
फुदकत भइ टिड्डियन, बिनास करइवाली टिड्डियन अउ कुतरत भइ टिड्डियन
जउन कि तोहार पचन्क चिजियन खाइ गएन मइँ ही पठए रहेउँ।
मुला मइँ यहोवा ओन मुसीबतन क बरिसन क बदला
तू पचन्क चुका देब।
26 तू पचे भरपूर खाइब्या
अउर खाइ क सन्तुट्ठ होइ जाब्या।
आपन परमेस्सर यहोवा क नाउँ क तू पचे गुणगान करब्या
काहेकि उ तू पचन्क बरे अद्भुत बातन किहेस ह।
अब मोर लोग फुन कबहुँ लज्जित न होइहीं।
27 तू पचन्क पता लग जाइ कि मइँ इस्राएली लोगन्क साथ हउँ
तू पचन्क पता लगि जाइ कि मइँ तोहार सबन्क परमेस्सर यहोवा हउँ।
अउर कउनो दूसर परमेस्सर नाहीं अहइ।
मोर लोग फुन कबहुँ लजइहीं नाहीं होइहीं।”
सबहिं लोगन पइ आपन आतिमा उड़ेरइ क यहोवा क प्रतिग्या
28 “एकरे पाछे
मइँ तू सबन्पइ आपन आतिमा उडेरबउँ।
तोहार पचन्क बेटवन-बिटियन भविस्सवाणी करिहीं।
तोहार पचन्क बूढ़े सपनन लखिहीं
अउर तोहार पचन्क नउजवान दर्सन लखिहीं।
29 उ समइ मइँ आपन आतिमा
तोहार दास-दासियन तलक पइ भी उडेरब।
30 धरती पइ अउ अकासे मँ जउन घटित होहीं ओकरे बरे मँ मइँ चेतावनी देब्या।
हुआँ खून, आगी अउ गहिर धुआँ क स्तम्भ होइ।
31 सूरज अँधियारे मँ बदल जाइ
अउर चाँद खून क रंग मँ बदली।
तउ फुन यहोवा क दिन जउन कि सचमुच मँ महान अउ भयानक दिन अहइ आइ।
32 तब कउनो भी मनई जउन यहोवा स ओकरे नाउ लइ क परथना करइ ओका बचा लइ जाइ।
काहेकि यहोवा वादा किहेस ह
कि सिय्योन क पर्वते पइ अउर यरूसलेम मँ उ सबइ लोग होइहीं जेका बचावा गवा अहइँ।
सिरिफ उहइ लोग बचिहीं
जेका यहोवा बुलावत ह।
निर्देसक बरे दाऊद क एक ठू भजन।
1 हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह
अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह।
2 मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह।
उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या।
एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं।
3 जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमसे सहा नाहीं जाइ पावत,
तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह।
4 हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह
अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं।
उ पचे तोहार घर,
तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं।
5 परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता,
तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ।
तू अचरज भरा काम करा,
एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं।
6 परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस।
ओकर सक्ति हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही।
7 परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस।
परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस।
8 जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ।
परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह।
हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं।
9 भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह।
तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा।
हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा।
तू ही फसलन क बढ़त करत अहा।
10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा।
तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह,
अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह,
अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह।
11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह।
तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा।
12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं।
13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन।
फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ।
हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।
6 जहाँ तक मोर बात बा, मइँ तउ अब अर्घ क समान उँड़ेला जाइ पर हउँ। अउर मोर तउ एह जीवन स विदा लेइ क समइ भी आइ पहुँचा अहइ। 7 मइँ उत्तम स्पर्धा मँ लगा रहा हउँ। मइँ आपन दउड़-दउड़ चुका हउँ। मइँ बिसवास क रास्ता क रच्छा किहे हउँ। 8 अब विजय मुकुट मोर प्रतिच्छा मँ बा। जउन अच्छे जीवन क बरे मिलइ क बा। ओह दिना निआउ कर्ता पर्भू मोका विजय मुकुट पहिराई। न केवल मोका, बल्कि ओन्हन सभन क जउन पिरेम क साथे ओकरे परगट होइ क बाट जोहत रहत हीं।
16 सुरू मँ जब मइँ आपन बचाव पेस करइ लागउँ तउ मोर पच्छ मँ कउनो सामने नाहीं आवा। बल्कि ओन्हन तउ मोका अकेलइ छोड़ि दिहे रहेन। परमेस्सर करई ओन्हे एकर हिसाब न देइ पड़इ। 17 मोरे पच्छ मँ त पर्भू खड़ा होइके मोका सक्ती दिहेस। त्ताकि मोरे द्वारा सुसमाचार क भरपूर प्रचार होइ सकइ, जेका सभन गैर यहूदियन सुनि पावइँ। सिंह क मुँह स मोका बचाइ लीन्ह गवा बा।
18 कीहींउ पाप क भारी हमला स पर्भू मोका बचाई अउर अपने सरग क राज्य मँ सुरच्छा स लइ जाई। ओकर महिमा हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन।
दीन होइके परमेस्सर क आराधना
9 फिन ईसू ओन मनइयन बरे जउन आपन क नेक तउ मानत रहेन, अउर कउनो क कछू नाहीं समझतेन, इ दिस्टान्त कथा सुनाएस: 10 “मन्दिर मँ दुइ मनई पराथना करत रहेन, एक फरीसी रहा अउर दूसर चुंगी (टैक्स) क उगहिया। 11 उ फरीसी अलग खड़ा होइके इ पराथना करइ लाग, ‘हे परमेस्सर मइँ तोहार धन्यबाद करत हउँ कि मइँ दूसर मनइयन जउन डाकू, ठग अउर व्यभिचार नाहीं हउँ अउर न ही इ चुंगी उगहिया जइसा हउँ। 12 मइँ हप्ता मँ दुइ दाई उपास राखत हउँ अउर आपन समूची आमदनी क दसवाँ हींसा दान मँ दइ देत हउँ।’
13 “मुला उ चुंगी उगहिया जउन दूर खड़ा रहा अउर हिआँ तलक कि सरगे कइँती आपन आँखिन उठाइके नाहीं लखत रहा, आपन छतिया पीटत भवा बोला, ‘हे परमेस्सर, मोहे पापी प द्या कर!’ 14 मइँ तोहका बतावत हउँ, इहइ मनई धर्मी कहवाइके आपन घरे लौट गवा, न कि उ दूसर। काहेकि हर उ मनई जउन आपन खुद क बड़का समझी, ओका छोटका बनइ दीन्ह जाइ अउर जउन दीन मानी, ओका बड़का बनइ दीन्ह जाइ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.