Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
निर्देसक बरे दाऊद क एक ठू भजन।
1 हे परमेस्सर सिय्योन पर्वत पइ, हम पचे तोहका इ सान्ति पराथना भेंट किहउँ ह
अउर आपन प्रतिग्या क पूरा किहेउँ ह।
2 मइँ तोहरे ओन कामन क बखान करत हउँ, जउन तू किहा ह।
उ तू ही बाटइ जउन पराथनन क उत्तर दिह्या।
एह बरे हर कउनो मनई तोहार लगे मँ आवत हीं।
3 जब हमार पाप हम पइ भारी पड़त हीं, हमसे सहा नाहीं जाइ पावत,
तउ तू हमार ओन पापन्क हरिके लइ जात ह।
4 हे परमेस्सर, जेका तू चुन्या ह
अउर आपन आँगनन मँ बसइ बरे लिआवा ह उ पचे बहोत असीसित होइहीं।
उ पचे तोहार घर,
तोहार पवित्तर मन्दिर क बहोत बढ़ियाँ चिजियन स भरि देइहीं।
5 परमेस्सर मोर उद्धारकर्त्ता,
तू जउने तरह स लोगन क सम्मान दिहा ह इ बहोत नीक बाटइ।
तू अचरज भरा काम करा,
एह बरे दूर रास्ट्रन क लोगन अउर दूर क समुद्दरन तोहार लगे सुरच्छा बरे आइहीं।
6 परमेस्सर आपन महासक्ती क प्रयोग किहस अउ पर्वत रच डाएस।
ओकर सक्ति हम आपन चारिहुँ कइँती लखत अही।
7 परमेस्सर उफनत भवा सागर सांत किहस।
परमेस्सर जगत क सबहिं अनगिनत लोगन क बनाएस।
8 जउन अद्भुत बातन क परमेस्सर करत अहइ, ओनसे धरती क हर मनई डेरात अहइ।
परमेस्सर तू ही हर कहूँ सूरज क उगावत अउ डुबावत ह।
हर जगह लोग तोहार गुणगान करत हीं।
9 भुइँया क सारी रखवारी तू करत ह।
तू ही ऍका सींचत अउ तू ही ऍहसे बहोत सारी वस्तुअन क उपजावत अहा।
हे परमेस्सर, नदियन क पानी स तू ही भरत अहा।
तू ही फसलन क बढ़त करत अहा।
10 तू जोता भए खेतन पइ बर्खा करत अहा।
तू खेतन क जल स लबालब कइ देत ह,
अउर धरती क बर्खा स नरम बनावत ह,
अउर तू फिन पौधन क बढ़त करत ह।
11 तू नवा बरिस क सुरूआत उत्तिम फसलन स करत ह।
तू भरपूर फसलन स गाड़ियन भर देत अहा।
12 बन अउ पर्वत दूब घासे स ढँकि जात हीं।
13 भेड़िन स चरागाहन भर गइन।
फसलन स घाटियन भरपूर होत अहइँ।
हर कउनो गावत अउ आनन्द मँ ऊँचा पुकारत अहइ।
यहोवा आपन लोगन स आपनी जिन्नगी बदलइ क कहत ह
12 किन्तु अब भी यहोवा क सँदेसा इ अहइ:
“पुरे मन स मोरे लगे वापस आवा।
विलाप करा अउ चीख व पुकार करा
अउर उपवास करा।
13 अरे आपन ओढ़ना क बदले,
तू पचे आपन सोक व दुःख क देखाइ बरे आपन दिल क ही फारि डावा।”
तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क लगे लउटि आवा।
उ दयालु अउ करूणा स पूर्ण अहइ।
ओका हाली किरोध नाहीं आवत ह।
ओकर पिरेम महान अहइ।
होइ सकत ह जउन किरोध उ तू पचन्क बरे सोचे होइ,
ओकरे बरे उ आपन मन बदल लेइ।
14 कउन जानत ह, होइ सकत ह यहोवा आपन मन बदल लेइ
अउर इ भी होइ सकत ह कि उ तू पचन क बरे कउनो वरदान छोड़ जाइ।
फुन तू पचे आपन परमेस्सर यहोवा क
अन्नबलि अउ पेय भेंट अर्पण कइ पावा।
यहोवा स पराथना करा
15 सिय्योन पइ नरसिंहा फूँका।
उ बिसेस सभा बरे बोलावा द्या।
उ उपवास क खास समइ क बोलावा द्या।
16 तू पचे, लोगन क बटोरा।
बिसेस सभा बरे ओनका बोलावा।
तू पचे बुढ़वा मनइयन क बटोरा अउर लरिकन क भी संग मँ बटोरा।
उ सबइ नान्ह गदेलन भी लिआवा जउन अब भी महतारी क दूध पिअत अहइँ।
नई दुलहिन क अउर दुलहा लोगन क
ओनकर ओलरइ-कमरा स बोलावा।
17 हे यहोवा क सेवक,
याजक लोगो आँगन अउ वेदी क बीच विलाप करा।
ओन सबहिं लोगन क इ परथना करइ द्या: “हे यहोवा आपन लोगन पइ दया करा।
तू पचे आपन लोगन क लजाइ जिन द्या।
दूसर रास्ट्र क हम लोगन पइ हँसत
भए इ कहइ क मौका जिन द्या कि
‘ओनकर परमेस्सर कहाँ अहइ?’”
यहोवा तू सबन्क तोहरे पचन्क धरती वापस दियाई
18 तउ यहोवा क आपन देस क बारे जलन होइ गवा।
अउर आपन लोगन क बरे मँ अफसोस परकट किया।
19 ओनके परथना क उत्तर मँ यहोवा आपन लोगन स कहेस।,
“मइँ तोहरे पचन्क बरे भरपूर अन्न, दाखमधु अउर तेल पठउब।
मइँ अब दूसर रास्ट्रन क तू पचन्क
पइ हँसइ नाहीं देब।
20 मइँ उत्तर क हमलाआवर फउजन क तू पचन्क धरती स वापस भेज देब।
मइँ ओनका झुरान अउ उजड़ी भइ धरती पइ पठाउब।
ओनमाँ स कछू पूरब क समूद्दरे मँ
अउ ओनमाँ स कछू पच्छिम समूद्दरे मँ जइहीं।
उ पचे मरि भए होइ ओनके सड़त भइ दुर्गन्ध आकासे तलक जाइ
काहेकि उ पचे बहोत ही खउफनाक करम किहस।
परमेस्सर बहोत महान काम किहेउँ ह।”
धरती क फुन नवा बनावा जाइ
21 हे धरती, तू डर स जिन काँपा।
खुस होइ जा अउर आनन्द स भरि जा।
यहोवा बहोत महान काम किहेउँ ह।
22 ओ मैदान क पसुओ, तू पचे जिन डरा।
रेगिस्तान क चरागाहन मँ घास उगइहीं।
फल क बृच्छ फल देइ लागिही।
अंजीर क बृच्छ सबन्त नीक फल अउर अंगूरे क बेलन भरपूर फसल देइहीं।
मरियम क परमेस्सर क स्तुति
46 तबहीं मरियम कहेस,
“मोर प्रान पर्भू (परमेस्सर) क स्तुति करत ह।
47 मोर आतिमा मोरे उद्धारकर्ता परमेस्सर मँ खुस भइ।
48 उ आपन दीन दास की बिटिया क
सुधि लिहेस
अउर अब हाँ आजु क बाद
सबहिं मोका धन्य कइहीं।
49 काहेकि उ सक्तीवाला मोरे बरे बड़कवा कारज किहेस ह।
ओकर नाउँ पवित्तर अहइ।
50 जउन ओसे डेरात हीं
उ ओन पइ पीढ़ी दर पीढ़ी दाया करत ह।
51 उ आपन बाँहन क सक्ती देखाइस।
उ घमंडी मनइयन क ओनके डींग हाँकइवालन क बिचारन क छितराइ दिहेस।
52 उ राजन क सिंहासने स तरखाले उतार दिहस।
दीनन क ऊँचा उठाएस।
53 उ भुखान मनइयन क नीक चीजे स भरपूर कइ देई
अउर धनी लोगन क निकारि देई।
54 उ आपन सेवकन इस्राएलियन क दाया कइर आवा
अउर हमरे पूर्वजन क बचन क मुताबिक।
55 ओका इब्राहीम अउर ओकर संताने प
सदा दाया देखॉवइ क याद रही।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.