Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मन्दिर का आरोहण गीत।
1 पूरे जीवन भर मेरे अनेक शत्रु रहे हैं।
इस्राएल हमें उन शत्रुओं के बारे में बता।
2 सारे जीवन भर मेरे अनेक शत्रु रहे हैं।
किन्तु वे कभी नहीं जीते।
3 उन्होंने मुझे तब तक पीटा जब तक मेरी पीठ पर गहरे घाव नहीं बने।
मेरे बड़े—बड़े और गहरे घाव हो गए थे।
4 किन्तु भले यहोवा ने रस्से काट दिये
और मुझको उन दुष्टों से मुक्त किया।
5 जो सिय्योन से बैर रखते थे, वे लोग पराजित हुए।
उन्होंने लड़ना छोड़ दिया और कहीं भाग गये।
6 वे लोग ऐसे थे, जैसे किसी घर की छत पर की घास
जो उगने से पहले ही मुरझा जाती है।
7 उस घास से कोई श्रमिक अपनी मुट्ठी तक नहीं भर पाता
और वह पूली भर अनाज भी पर्याप्त नहीं होती।
8 ऐसे उन दुष्टों के पास से जो लोग गुजरते हैं।
वे नहीं कहेंगे, “यहोवा तेरा भला करे।”
लोग उनका स्वागत नहीं करेंगे और हम भी नहीं कहेंगे, “तुम्हें यहोवा के नाम पर आशीष देते हैं।”
यरूशलेम का पतन
39 यरूशलेम पर जिस तरह अधिकार हुआ वह यह है: यहूदा के राजा सिदकिय्याह के राज्यकाल के नवें वर्ष के दसवें महीने में बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर ने अपनी पूरी सेना के साथ यरूशलेम के विरुद्ध कूच किया। उसने हराने के लिये नगर का घेरा डाला 2 और सिदकिय्याह के ग्यारहवें वर्ष के चौथे महीने के नौवें दिन यरूशलेम की चहारदीवारी टूटी। 3 तब बाबुल के राजा के सभी राजकीय अधिकारी यरूशलेम नगर में घुस आए। वे अन्दर आए और बीच वाले द्वार पर बैठ गए। उन अधिकारियों के नाम ये हैं: समगर जिले का प्रशासक नेर्गलसरेसेर एक बहुत उच्च अधिकारी नेबो—सर्सकीम अन्य उच्च अधिकारी और बहुत से अन्य बड़े अधिकारी भी वहाँ थे।
4 यहूदा के राजा सिदकिय्याह ने बाबुल के उन पदाधिकारियों को देखा, अत: वह और उसके सैनिक वहाँ से भाग गये। उन्होंने रात में यरूशलेम को छोड़ा और राजा के बाग से होकर बाहर निकले। वे उस द्वार से गए जो दो दीवारों के बीच था। तब वे मरुभूमि की ओर बढ़े। 5 किन्तु बाबुल की सेना ने सिदकिय्याह और उसके साथ की सेना का पीछा किया। कसदियों की सेना ने यरीहो के मैदान में सिदकिय्याह को जा पकड़ा उन्होंने सिदकिय्याह को पकड़ा और उसे बाबुल के राजा नबूकदनेस्सर के पास ले गए। नबूकदनेस्सर हमात प्रदेश के शिब्ला नगर में था। उस स्थान पर नबूकदनेस्सर ने सिदकिय्याह के लिये निर्णय सुनाया। 6 वहाँ रिबला नगर में बाबुल के राजा ने सिदकिय्याह के पुत्रों को उसके सामने मार डाला और सिदकिय्याह के सामने ही नबूकदनेस्सर ने यहूदा के सभी राजकीय अधिकारियों को मार डाला। 7 तब नबूकदनेस्सर ने सिदकिय्याह की आँखे निकाल लीं। उसने सिदकिय्याह को काँसे की जंजीर से बाँधा और उसे बाबुल ले गया।
8 बाबुल की सेना ने राजमहल और यरूशलेम के लोगों के घरों में आग लगा दी और उन्होंने यरूशलेम की दीवारें गिरा दीं। 9 नबूजरदान नामक एक व्यक्ति बाबुल के राजा के विशेष रक्षकों का अधिनायक था। उसने उन लोगों को लिया जो यरूशलेम में बच गए थे और उन्हें बन्दी बना लिया। वह उन्हें बाबुल ले गया। नबूजरदान ने यरूशलेम के उन लोगों को भी बन्दी बनाया जो पहले ही उसे आत्मसमर्पण कर चुके थे। उसने यरूशलेम के अन्य सभी लोगों को बन्दी बनाया और उन्हें बाबुल ले गया। 10 किन्तु विशेष रक्षकों के अधिनायक नबूजरदान ने यहूदा के कुछ गरीब लोगों को अपने पीछे छोड़ दिया। वे ऐसे लोग थे जिनके पास कुछ नहीं था। इस प्रकार उस दिन नबूजरदान ने उन यहूदा के गरीब लोगों को अंगूर के बाग और खेत दिये।
11 किन्तु नबूकदनेस्सर ने नबूजरदान को यिर्मयाह के बारे में कुछ आदेश दिये। नबूजरदान, नबूकदनेस्सर के विशेष रक्षकों का अधिनायक था। आदेश ये थे: 12 “यिर्मयाह को ढूँढों और उसकी देख—रेख करो। उसे चोट न पहुँचाओ। उसे वह सब दो, जो वह माँगे।”
13 अत: राजा के विशेष रक्षकों के अधिनायक नबूजरदान बाबुल की सेना का एक मुख्य पदाधिकारी नबूसजबान एक उच्च अधिकारी नेर्गलसरेसेर और बाबुल की सेना के अन्य सभी अधिकारी यिर्मयाह की खोज में भेजे गए। 14 न लोगों ने यिर्मयाह को मन्दिर के आँगन से निकाला जहाँ वह यहूदा के राजा के रक्षकों के संरक्षण में पड़ा था। कसदी सेना के उन अधिकारियों ने यिर्मयाह को गदल्याह के सुपुर्द किया। गदल्याह अहीकाम का पुत्र था। अहीकाम शापान का पुत्र था। गदल्याह को आदेश था कि वह यिर्मयाह को उसके घर वापस ले जाये। अत: यिर्मयाह अपने घर पहुँचा दिया गया और वह अपने लोगों में रहने लगा।
एबेदमेलेक को यहोवा से सन्देश
15 जिस समय यिर्मयाह रक्षकों के संरक्षण में मन्दिर के आँगन में था, उसे यहोवा का एक सन्देश मिला। सन्देश यह था, 16 “यिर्मयाह, जाओ और कूश के एबेदमेलेक को यह सन्देश दो: यह वह सन्देश है, जिसे सर्वशक्तिमान यहोवा इस्राएल के लोगों का परमेश्वर देता है: ‘बहुत शीघ्र ही मैं इस यरूशलेम नगर सम्बन्धी अपने सन्देशों को सत्य घटित करूँगा। मेरा सन्देश विनाश लाकर सत्य होगा। अच्छी बातों को लाकर नहीं। तुम सभी इस सत्य को घटित होता हुआ अपनी आँखों से देखोगे। 17 किन्तु एबेदमेलेक उस दिन मैं तुम्हें बचाऊँगा।’ यह यहोवा का सन्देश है। ‘तुम उन लोगों को नहीं दिये जाओगे जिनसे तुम्हें भय है। 18 एबेदमेलेक मैं तुझे बचाऊँगा। तुम तलवार के घाट नहीं उतारे जाओगे, अपितु बच निकलोगे और जीवित रहोगे। ऐसा होगा, क्योंकि तुमने मुझ पर विश्वास किया है।’” यह सन्देश यहोवा का है।
धैर्य रखो
7 सो भाईयों, प्रभु के फिर से आने तक धीरज धरो। उस किसान का ध्यान धरो जो अपनी धरती की मूल्यवान उपज के लिए बाट जोहता रहता है। इसके लिए वह आरम्भिक वर्षा से लेकर बाद की वर्षा तक निरन्तर धैर्य के साथ बाट जोहता रहता है। 8 तुम्हें भी धैर्य के साथ बाट जोहनी होगी। अपने हृदयों को दृढ़ बनाए रखो क्योंकि प्रभु का दुबारा आना निकट ही है। 9 हे भाईयों, आपस में एक दूसरे की शिकायतें मत करो ताकि तुम्हें अपराधी न ठहराया जाए। देखो, न्यायकर्त्ता तो भीतर आने के लिए द्वार पर ही खड़ा है।
10 हे भाईयों, उन भविष्यवक्ताओं को याद रखो जिन्होंने प्रभु के लिए बोला। वे हमारे लिए यातनाएँ झेलने और धैर्यपूर्ण सहनशीलता के उदाहरण हैं। 11 ध्यान रखना, हम उनकी सहनशीलता के कारण उनको धन्य मानते हैं। तुमने अय्यूब के धीरज के बारे में सुना ही है और प्रभु ने उसे उसका जो परिणाम प्रदान किया, उसे भी तुम जानते ही हो कि प्रभु कितना दयालु और करुणापूर्ण है।
सोच समझ कर बोलो
12 हे मेरे भाईयों, सबसे बड़ी बात यह है कि स्वर्ग की अथवा धरती की या किसी भी प्रकार की कसमें खाना छोड़ो। तुम्हारी “हाँ”, हाँ होनी चाहिए, और “ना” ना होनी चाहिए। ताकि तुम पर परमेश्वर का दण्ड न पड़े।
© 1995, 2010 Bible League International