Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मेम्
97 आ हा, यहोवा तेरी शिक्षाओं से मुझे प्रेम है।
हर घड़ी मैं उनका ही बखान किया करता हूँ।
98 हे यहोवा, तेरे आदेशों ने मुझे मेरे शत्रुओं से अधिक बुद्धिमान बनाया।
तेरा विधान सदा मेरे साथ रहता है।
99 मैं अपने सब शिक्षाओं से अधिक बुद्धिमान हूँ
क्योंकि मैं तेरी वाचा का पाठ किया करता हूँ।
100 बुजुर्ग प्रमुखों से भी अधिक समझता हूँ।
क्योंकि मैं तेरे आदेशों को पालता हूँ।
101 हे यहोवा, तू मुझे राह में हर कदम बुरे मार्ग से बचाता है,
ताकि जो तू मुझे बताता है वह मैं कर सकूँ।
102 यहोवा, तू मेरा शिक्षक है।
सो मैं तेरे विधान पर चलना नहीं छोड़ूँगा।
103 तेरे वचन मेरे मुख के भीतर
शहद से भी अधिक मीठे हैं।
104 तेरी शिक्षाएँ मुझे बुद्धिमान बनाती है।
सो मैं झूठी शिक्षाओं से घृणा करता हूँ।
15 यहोवा कहता है,
“रामा में एक चिल्लाहट सुनाई पड़ेगी—
यह कटु रूदन और अधिक उदासी भरी होगी।
राहेल अपने बच्चों के लिये रोएगी राहेल सान्त्वना पाने से इन्कार करेगी,
क्योंकि उसके बच्चे मर गए हैं।”
16 किन्तु यहोवा कहता है: “रोना बन्द करो,
अपनी आँखे आँसू से न भरो!
तुम्हें अपने काम का पुरस्कार मिलेगा!”
यह सन्देश यहोवा का है।
“इस्राएल के लोग अपने शत्रु के देश से वापस आएंगे।
17 अत: इस्राएल, तुम्हारे लिये आशा है।”
यह सन्देश यहोवा का है।
“तुम्हारे बच्चे अपने देश में वापस लौटेंगे।
18 मैंने एप्रैम को रोते सुना है।
मैंने एप्रैम को यह कहते सुना है:
‘हे यहोवा, तूने, सच ही, मुझे दण्ड दिया है
और मैंने अपना पाठ सीख लिया।
मैं उस बछड़े की तरह था जिसे कभी प्रशिक्षण नहीं मिला कृपया मुझे दण्ड देना बन्द कर, मैं तेरे पास वापस आऊँगा।
तू सच ही मेरा परमेश्वर यहोवा है।
19 हे यहोवा, मैं तुझसे भटक गया था।
किन्तु मैंने जो बुरा किया उससे शिक्षा ली।
अत: मैंने अपने हृदय और जीवन को बदल डाला।
जो मैंने युवाकाल में मूर्खतापूर्ण काम किये उनके लिये मैं परेशान और लज्जित हूँ।’”
20 परमेश्वर कहता है:
“तुम जानते हो कि एप्रैम मेरा प्रिय पुत्र है।
मैं उस बच्चे से प्यार करता हूँ।
हाँ, मैं प्राय: एप्रैम के विरुद्ध बोलता हूँ,
किन्तु फिर भी मैं उसे याद रखता हूँ। मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ।
मैं सच ही, उसे आराम पहुँचाना चाहता हूँ।”
यह सन्देश यहोवा का है।
21 “इस्राएल के लोगों, सड़कों के संकेतों को लगाओ।
उन संकेतों को लगाओ जो तुम्हें घर का मार्ग बतायें।
सड़क को ध्यान से देखो।
उस सड़क पर ध्यान रखो जिससे तुम यात्रा कर रहे हो।
मेरी दुल्हन इस्राएल घर लौटो,
अपने नगरों को लौट आओ।
22 अविश्वासी पुत्री कब तक तुम चारों ओर मंडराती रहोगी
तुम कब घर आओगी”
यहोवा एक नयी चीज़ धरती पर बनाता है:
एक स्त्री, पुरुष के चारों तरफ।
23 इस्राएल का परमेश्वर सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है: “मैं यहूदा के लोगों के लिये फिर अच्छा काम करूँगा। उस समय यहूदा देश और उसके नगरों के लोग इन शब्दों का उपयोग फिर करेंगे: ‘ऐ सच्ची निवास भूमि ये पवित्र पर्वत यहोवा तुम्हें आशीर्वाद दे।’
24 “यहूदा के सभी नगरों में लोग एक साथ शान्तिपूर्वक रहेंगे। किसान और वह व्यक्ति जो अपनी भेड़ों की रेवड़ों के साथ चारों ओर घूमते हैं, यहूदा में शान्ति से एक साथ रहेंगे। 25 मैं उन लोगों को आराम और शक्ति दूँगा जो थके और कमजोर हैं।”
26 यह सुनने के बाद मैं (यिर्मयाह) जगा और अपने चारों ओर देखा। वह बड़ी आनन्ददायक नींद थी।
अंधे को आँखें
(मत्ती 20:29-34; लूका 18:35-43)
46 फिर वे यरीहो आये और जब यीशु अपने शिष्यों और एक बड़ी भीड़ के साथ यरीहो को छोड़ कर जा रहा था, तो बरतिमाई (अर्थ “तिमाई का पुत्र”) नाम का एक अंधा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था। 47 जब उसने सुना कि वह नासरी यीशु है, तो उसने ऊँचे स्वर में पुकार पुकार कर कहना शुरु किया, “दाऊद के पुत्र यीशु, मुझ पर दया कर।”
48 बहुत से लोगों ने डाँट कर उसे चुप रहने को कहा। पर वह और भी ऊँचे स्वर में पुकारने लगा, “दाऊद के पुत्र, मुझ पर दया कर!”
49 तब यीशु रुका और बोला, “उसे मेरे पास लाओ।”
सो उन्होंने उस अंधे व्यक्ति को बुलाया और उससे कहा, “हिम्मत रख! खड़ा हो! वह तुझे बुला रहा है।” 50 वह अपना कोट फेंक कर उछल पड़ा और यीशु के पास आया।
51 फिर यीशु ने उससे कहा, “तू मुझ से अपने लिए क्या करवाना चाहता है?”
अंधे ने उससे कहा, “हे रब्बी, मैं फिर से देखना चाहता हूँ।”
52 तब यीशु बोला, “जा, तेरे विश्वास से तेरा उद्धार हुआ।” फिर वह तुरंत देखने लगा और मार्ग में यीशु के पीछे हो लिया।
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