Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
एक पीड़ित मनई क उ समय क पराथना जब उ आपन क टूटा भवा महसूस करत ह अउर आपन वेदना अउ कस्टे क यहोवा स कहि डाकइ चाहत ह।
1 हे यहोवा, मोर पराथना क सुना।
मोर पराथना क तोहे तलक आवइ द्या।
2 जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ मोका नज़र अंदाज़ जिन करा।
जब मइँ तोहार पराथना करेउँ तउ तू मोर सुना मोर पराथना क हाली जवाब द्या।
3 मोर जिन्नगी वइसे बीती रही जइसे उड़त भवा धुआँ।
मोर सक्ति अइसे अहइ जइसे धीरे धीरे बुझत आग।
4 मोर सक्ति छीन होइ चुकी अहइ।
मइँ वइसा ही अहउँ जइसा झुरान मुरझान घास।
आपन सबइ वेदना मँ मोका भूख नाहीं लागत।
5 दुःख क कारण,
मइँ सिरिफ चमड़ा अउर हड्डियन होइ गवा अहउँ।
6 मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो एकान्त निर्जन जगह मँ उल्लू रहत होइ।
मइँ अकेला अहउँ जइसे कउनो पुरान खण्डहर मँ उल्लू रहत होइ।
7 मइँ जाग कइ पूरी रात पहरा करत हउँ।
मइँ उ अकेले पंछी जइसा होइ गवा हउँ, जउन छते पइ बइठा भवा होइ।
8 मोर सत्रु सदा मोका बेइज्जत करत हीं,
अउर लोग मोर नाम लइके मोर हँसी उड़ावत हीं।
9 दुःख मोर खइया होइ गवा अहइ।
आँसू नीचे लुढ़किके मोर पिअइया बन जात ह।
10 काहेकि यहोवा तू मोसे रूठ गवा अहा।
तू ही मोका ऊपर उठाए रह्या, अउर तू ही मोका बहाइ दिहा।
11 मोर जिन्नगी क लगभग अंत होइ चुका अहइ।
वइसे ही जइसे साँझ क लम्बी छाया हेराइ जात हीं।
मइँ वइसा ही अहउँ जइसे झुरान अउ मुरझान घास।
12 मुला हे यहोवा, तू तउ सदा ही अमर रहब्या।
तोहार नाउँ सदा अउ सदा ही बना रही।
13 तोहार उत्थान होइ अउ तू सिय्योन क चइन देब्या।
उ समइ आवत अहइ, जब तू सिय्योन पइ कृपालु होब्या।
14 तोहार सेवकन सिय्योन क पाथरन स पिरेम करत हीं।
उ पचे ओकरे धूरि स भी पिरेम करत हीं।
15 रास्ट्रन यहोवा क नाउँ क आराधना करिहीं।
हे यहोवा, धरती क सबहिं राजा तोहार आदर करिहीं।
16 जब यहोवा फुन स सिय्योन क बनाई।
तउ उ आपन पूरी महिमा मँ परगट होइ।
17 जउन लोगन जिअत अहइ, उ ओनकर पराथना सुनीहीं।
उ ओनकर पराथनन क नज़र अंदाज़ नाहीं करी।
समायाह क परमेस्सर क सँदेसा
24 समायाह क भी एक सँदेसा द्या। समायाह नेहलामी परिवार स अहइ। 25 इस्राएल क परमेस्सर सर्वसक्तिमान यहोवा कहत ह, “समायाह, तू यरूसलेम क सबहिं लोगन क पत्र पठएस अउर तू यासेयाह क पूत याजक सपन्याह क पत्र पठया। तू सबहिं याजकन क पत्र पठया। तू ओन पत्रन क आपन नाउँ स पठया अउर यहोवा क सत्ता क नाउँ पइ नाहीं। 26 समायाह, तू आपन सपन्याह क आपन पत्र मँ जउन लिखे रह्या उ इ अहइ: ‘सपन्याह यहोवा यहोयादा क ठउरे पइ तोहका याजक बनाएस ह। तू यहोवा क मन्दिर क अधिकारी अहा। तोहका उ कउनो क कैद कइ लेइ चाही जउन पागल क तरह काम करत ह अउर नबी क तरह बेउहार करत ह। तोहका उ मनई क गोड़न क लकड़ी क बड़े टूकन क बीच रखइ चाही अउर ओकरे गले मँ लौह-कटक पहिरइ चाही। 27 अब यिर्मयाह नबी क तरह काम करत ह। एह बरे तू ओका बन्दी काहे नाहीं बनाया? 28 यिर्मयाह हम लोगन क इ सँदेसा बाबुल मँ दिहे रहा: बाबुल मँ रहइवाले लोगो, तू हुआँ लम्बे समइ तलक रहब्या। एह बरे आपन मकान बनावा अउर हुवँइ जाइ बसा। बाग लगावा अउर उ खा, जउन उपजावा।’”
29 याजक सपन्याह यिर्मयाह नबी क पत्र सुनाएस। 30 तब यिर्मयाह क लगे यहोवा क सँदेसा आवा। 31 “यिर्मयाह, बाबुल क सबहिं बन्दियन क इ सँदेसा पठवा: ‘नेहलामी परिवार क समायाह क बारे मँ जउन यहोवा कहत ह, उ इ अहइ: समायाह तोहरे समन्वा भविस्सवाणी किहस, किन्तु मइँ ओका नाहीं पठएउँ। समायाह तोहका झूठ मँ बिस्सास कराएस ह। समायाह इ किहेस ह। 32 एह बरे यहोवा जउन कहत ह उ इ अहइ: नेहलामी परिवार क समायाह क मइँ हाली सजा देब। मइँ ओकरे परिवार क पूरी तरह नस्ट करब अउर मइँ आपन लोगन बरे जउन नीक करब ओहमाँ ओकर कउनो हींसा नाहीं होइ।’” इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “‘मइँ समायाह क सजा देब काहेकि उ लोगन क यहोवा क बिरुद्ध जाइ क सिच्छा दिहेस ह।’”
पर्भू क अभेघ कवच धारण करा
10 मतलब इ कि पर्भू मँ स्थित होइके ओकर असीम सक्ती क साथे आपन आपक सक्तिसाली बनावा। 11 परमेस्सर क सम्पूर्ण कवच क धारण करा। ताकि तू राच्छस (दुस्टन) क सबइ योजन क सामने टिक सका। 12 काहेकि हमार संघर्ष मनइयन स नाहीं बा, बल्कि सासकन, अधिकारियन, एक अन्धकार भरा जुग क आकास क सक्तियन अउर अम्बर क दुस्टात्मिक सक्तियन क साथे बा। 13 इही बरे परमेस्सर क सम्पूर्ण कवच क धारण करा ताकि जब बुरा दिन आवइ तउ जउन कछू संभव बा ओका कइ चुकइ क बाद तू दृढतापूर्वक अडिग रहि सका।
14 तउ आपन करिहाउँ पइ सत्य क फेंटा कसिके नेकी क झिलम पहिन क 15 अउर गोड़न मँ सान्ति क सुसमाचार सुनावइ क तत्परता क पनही धारण कइके तू लोग अटल खड़ा रहा। 16 इ सबसे बड़ी बात इ बा कि विस्व क ढाल क रूप मँ लइ ल्या। जेकरे द्वारा तू ओन दुस्टन (सइतान) क समस्त अग्नि बाणन का बुझाई सका, जउन बन्दी क द्वारा छोड़ा गवा अहइँ। 17 उद्धार क बरे क सिरस्त्राण पहिन ल्या अउर परमेस्सर क सँदेसा रूपी आतिमा क तलवार उठाइ ल्या। 18 सब तरह क पराथना अउर निवेदन सहित आतिमा क सहायता सब अवसर पर विनती करत रहा। एह लच्छ स सभन प्रकार क यत्न करत सावधान रहा। अउर सभन सन्तन क बरे पराथना करा।
19 अउर मोरे बरे पराथना करा कि मइँ जब आपन मुँह खोलउँ, मोका एक सुसंदेस मिलइ ताकि निर्भयता क साथ सुसमाचार क रहस्य भरा सच क, परगट कइ साकउँ। 20 इही बरे मइँ जंजीर मँ जकड़ा भआ राजदूत क समान सेवा करत हउँ। पराथना करा कि, जेह तरह मोका बोलइ चाही उही तरह निर्भयता क साथे सुसमाचार क प्रबचन कइ सकउँ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.