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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 137

बाबुल की नदियों के किनारे बैठकर
    हम सिय्योन को याद करके रो पड़े।
हमने पास खड़े बेंत के पेड़ों पर निज वीणाएँ टाँगी।
बाबुल में जिन लोगों ने हमें बन्दी बनाया था, उन्होंने हमसे गाने को कहा।
    उन्होंने हमसे प्रसन्नता के गीत गाने को कहा।
    उन्होंने हमसे सिय्योन के गीत गाने को कहा।
किन्तु हम यहोवा के गीतों को किसी दूसरे देश में
    कैसे गा सकते हैं!
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ।
    तो मेरी कामना है कि मैं फिर कभी कोई गीत न बजा पाऊँ।
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ।
    तो मेरी कामना है कि
मैं फिर कभी कोई गीत न गा पाऊँ।
    मैं तुझको कभी नहीं भूलूँगा।

हे यहोवा, याद कर एदोमियों ने उस दिन जो किया था।
    जब यरूशलेम पराजित हुआ था,
वे चीख कर बोले थे, इसे चीर डालो
    और नींव तक इसे विध्वस्त करो।
अरी ओ बाबुल, तुझे उजाड़ दिया जायेगा।
    उस व्यक्ति को धन्य कहो, जो तुझे वह दण्ड देगा, जो तुझे मिलना चाहिए।
उस व्यक्ति को धन्य कहो जो तुझे वह क्लेश देगा जो तूने हमको दिये।
    उस व्यक्ति को धन्य कहो जो तेरे बच्चों को चट्टान पर झपट कर पछाड़ेगा।

विलापगीत 2:13-22

13 हे सिय्योन की पुत्री, मैं किससे तेरी तुलना करूँ?
    तुझको किसके समान कहूँ?
हे सिय्योन की कुँवारी कन्या,
    तुझको किससे तुलना करूँ?
तुझे कैसे ढांढस बंधाऊँ तेरा विनाश सागर सा विस्तृत है!
    ऐसा कोई भी नहीं जो तेरा उपचार करें।

14 तेरे नबियों ने तेरे लिये दिव्य दर्शन लिये थे।
    किन्तु वे सभी व्यर्थ झूठे सिद्ध हुए।
तेरे पापों के विरुद्ध उन्होंने उपदेश नहीं दिये।
    उन्होंने बातों को सुधारने का जतन नहीं किया।
उन्होंने तेरे लिये उपदेशों का सन्देश दिया, किन्तु वे झूठे सन्देश थे।
    तुझे उनसे मूर्ख बनाया गया।

15 बटोही राह से गुजरते हुए स्तब्ध होकर
    तुझ पर ताली बजाते हैं।
यरूशलेम की पुत्री पर वे सीटियाँ बजाते
    और माथा नचाते हैं।
वे लोग पूछते है, “क्या यही वह नगरी है जिसे लोग कहा करते थे,
    ‘एक सम्पूर्ण सुन्दर नगर’ तथा ‘सारे संसार का आनन्द’?”

16 तेरे सभी शत्रु तुझ पर अपना मुँह खोलते हैं।
    तुझ पर सीटियाँ बजाते हैं और तुझ पर दाँत पीसते हैं।
वे कहा करते है, “हमने उनको निगल लिया!
    सचमुच यही वह दिन है जिसकी हमको प्रतीक्षा थी।
    आखिरकार हमने इसे घटते हुए देख लिया।”

17 यहोवा ने वैसा ही किया जैसी उसकी योजना थी।
    उसने वैसा ही किया जैसा उसने करने के लिये कहा था।
    बहुत—बहुत दिनों पहले जैसा उसने आदेश दिया था, वैसा ही कर दिया।
उसने बर्बाद किया, उसको दया तक नहीं आयी।
    उसने तेरे शत्रुओं को प्रसन्न किया कि तेरे साथ ऐसा घटा।
    उसने तेरे शत्रुओं की शक्ति बढ़ा दी।

18 हे यरूशलेम की पुत्री परकोटे, तू अपने मन से यहोवा की टेर लगा!
    आँसुओं को नदी सा बहने दे!
    रात—दिन अपने आँसुओं को गिरने दे!
तू उनको रोक मत!
    तू अपनी आँखों को थमने मत दे!

19 जाग उठ! रात में विलाप कर!
    रात के हर पहर के शुरु में विलाप कर!
    आँसुओ में अपना मन बाहर निकाल दे जैसा वह पानी हो!
अपना मन यहोवा के सामने निकाल रख!
    यहोवा की प्रार्थना में अपने हाथ ऊपर उठा।
    उससे अपनी संतानों का जीवन माँग।
    उससे तू उन सन्तानों का जीवन माँग ले जो भूख से बेहोश हो रहें है।
    वे नगर के हर कूँचे गली में बेहोश पड़ी है।

20 हे यहोवा, मुझ पर दृष्टि कर!
    देख कौन है वह जिसके साथ तूने ऐसा किया!
तू मुझको यह प्रश्न पूछने दे: क्या माँ उन बच्चों को खा जाये जिनको वह जनती है?
क्या माँ उन बच्चों को खा जाये जिनको वे पोसती रही है?
    क्या यहोवा के मन्दिर में याजक और नबियों के प्राणों को लिया जाये?
21 नवयुवक और वृद्ध,
    नगर की गलियों में धरती पर पड़े रहें।
मेरी युवा स्त्रियाँ, पुरुष और युवक
    तलवार के धार उतारे गये थे।
हे यहोवा, तूने अपने क्रोध के दिन पर उनका वध किया है!
    तूने उन्हें बिना किसी करुणा के मारा है!

22 तूने मुझ पर घिर आने को चारों ओर से आतंक बुलाया।
    आतंक को तूने ऐसे बुलाया जैसे पर्व के दिन पर बुलाया हो।
उस दिन जब यहोवा ने क्रोध किया था ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था जो बचकर भाग पाया हो अथवा उससे निकल पाया हो।
    जिनको मैंने बढ़ाया था और मैंने पाला—पोसा, उनको मेरे शत्रुओं ने मार डाला है।

1 यूहन्ना 5:1-5

परमेश्वर की सन्तान संसार पर विजयी होती है

जो कोई यह विश्वास करता है कि यीशु मसीह है, वह परमेश्वर की सन्तान बन जाता है और जो कोई परम पिता से प्रेम करता है वह उसकी सन्तान से भी प्रेम करेगा। इस प्रकार जब हम परमेश्वर को प्रेम करते हैं और उसके आदेशों का पालन करते हैं तो हम जान लेते हैं कि हम परमेश्वर की सन्तानों से प्रेम करते हैं। उसके आदेशों का पालन करते हुए हम यह दर्शाते हैं कि हम परमेश्वर से प्रेम करते हैं। उसके आदेश अत्यधिक कठोर नहीं हैं। क्योंकि जो कोई परमेश्वर की सन्तान बन जाता है, वह जगत पर विजय पा लेता है और संसार के ऊपर हमें जिससे विजय मिली है, वह है हमारा विश्वास। जो यह विश्वास करता है कि यीशु परमेश्वर का पुत्र है, वही संसार पर विजयी होता है।

1 यूहन्ना 5:13-21

अब अनन्त जीवन हमारा है

13 परमेश्वर में विश्वास रखने वालो, तुमको ये बातें मैं इसलिए लिख रहा हूँ जिससे तुम यह जान लो कि अनन्त जीवन तुम्हारे पास है। 14 हमारा परमेश्वर में यह विश्वास है कि यदि हम उसकी इच्छा के अनुसार उससे विनती करें तो वह हमारी सुनता है 15 और जब हम यह जानते हैं कि वह हमारी सुनता है चाहे हम उससे कुछ भी माँगे तो हम यह भी जानते हैं कि जो हमने माँगा है, वह हमारा हो चुका है।

16 यदि कोई देखता है कि उसका भाई कोई ऐसा पाप कर रहा है जिसका फल अनन्त मृत्यु नहीं है, तो उसे अपने भाई के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। परमेश्वर उसे जीवन प्रदान करेगा। मैं उनके लिए जीवन के विषय में बात कर रहा हूँ, जो ऐसे पाप में लगे हैं, जो उन्हें अनन्त मृत्यु तक नहीं पहुँचायेगा। ऐसा पाप भी होता है जिसका फल मृत्यु है। मैं तुमसे ऐसे पाप के सम्बन्ध में विनती करने को नहीं कह रहा हूँ। 17 सभी बुरे काम पाप है। किन्तु ऐसा पाप भी होता है जो मृत्यु की ओर नहीं ले जाता।

18 हम जानते हैं कि जो कोई परमेश्वर का पुत्र बन गया, वह पाप नहीं करता रहता। बल्कि परमेश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता रहता है।[a] वह दुष्ट उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाता। 19 हम जानते हैं कि हम परमेश्वर के हैं। यद्यपि यह समूचा संसार उस दुष्ट के वश में है। 20 किन्तु हमको पता है कि परमेश्वर का पुत्र आ गया है और उसने हमें वह ज्ञान दिया है ताकि हम उस परमेश्वर को जान लें जो सत्य है। और यह कि हम उसी में स्थित हैं, जो सत्य है, क्योंकि हम उसके पुत्र यीशु मसीह में स्थिर हैं। परम पिता ही सच्चा परमेश्वर है और वही अनन्त जीवन है। 21 हे बच्चों, अपने आप को झूठे देवताओं से दूर रखो।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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