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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
विलापगीत 1:1-6

अपने विनाश पर यरूशलेम का विलाप

एक समय वह था जब यरूशलेम में लोगों की भीड़ थी।
    किन्तु आज वही नगरी उजाड़ पड़ी हुई हैं!
एक समय वह था जब देशों के मध्य यरूशलेम महान नगरी थी!
    किन्तु आज वही ऐसी हो गयी है जैसी कोई विधवा होती है!
वह समय था जब नगरियों के बीच वह एक राजकुमारी सी दिखती थी।
    किन्तु आज वही नगरी दासी बना दी गयी है।
रात में वह बुरी तरह रोती है
    और उसके अश्रु गालों पर टिके हुए है!
    उसके पास कोई नहीं है जो उसको ढांढस दे।
उसके मित्र देशों में कोई ऐसा नहीं है जो उसको चैन दे।
    उसके सभी मित्रों ने उससे मुख फेर लिया।
उसके मित्र उसके शत्रु बन गये।
बहुत कष्ट सहने के बाद यहूदा बंधुआ बन गयी।
    बहुत मेहनत के बाद भी यहूदा दूसरे देशों के बीच रहती है,
किन्तु उसने विश्राम नहीं पाया है।
    जो लोग उसके पीछे पड़े थे,
उन्होंने उसको पकड़ लिया।
    उन्होंने उसको संकरी घाटियों के बीच में पकड़ लिया।
सिय्योन की राहें बहुत दु:ख से भरी हैं।
    वे बहुत दु:खी हैं क्योंकि अब उत्सव के दिनों के हेतु
कोई भी व्यक्ति सिय्योन पर नहीं जाता है।
    सिय्योन के सारे द्वार नष्ट कर दिये गये है।
सिय्योन के सब याजक दहाड़ें मारते हैं।
    सिय्योन की सभी युवा स्त्रियाँ उससे छीन ली गयी हैं
और यह सब कुछ सिय्योन का गहरा दु:ख है।
यरूशलेम के शत्रु विजयी हैं।
    उसके शत्रु सफल हो गये हैं,
ये सब इसलिये हो गया क्योंकि यहोवा ने उसको दण्ड दिया।
    उसने यरूशलेम के अनगिनत पापों के लिये उसे दण्ड दिया।
उसकी संताने उसे छोड़ गयी।
    वे उनके शत्रुओं के बन्धन में पड़ गये।
सिय्योन की पुत्री की सुंदरता जाती रही है।
उसकी राजकन्याएं दीन हरिणी सी हुई।
    वे वैसी हरिणी थीं जिनके पास चरने को चरागाह नहीं होती।
बिना किसी शक्ति के वे इधर—उधर भागती हैं।
    वे ऐसे उन व्यक्तियों से बचती इधर—उधर फिरती हैं जो उनके पीछे पड़े हैं।

विलापगीत 3:19-26

19 हे यहोवा, तू मेरे दुखिया पन याद कर,
    और यह कि कैसा मेरा घर नहीं रहा।
    याद कर उस कड़वे पेय को और उस जहर को जो तूने मुझे पीने को दिया था।
20 मुझको तो मेरी सारी यातनाएँ याद हैं
    और मैं बहुत ही दु:खी हूँ।
21 किन्तु उसी समय जब मैं सोचता हूँ, तो मुझको आशा होने लगती हैं।
    मैं ऐसा सोचा करता हूँ:
22 यहोवा के प्रेम और करुणा का तो अत कभी नहीं होता।
    यहोवा की कृपाएं कभी समाप्त नहीं होती।
23 हर सुबह वे नये हो जाते हैं!
    हे यहोवा, तेरी सच्चाई महान है!
24 मैं अपने से कहा करता हूँ, “यहोवा मेरे हिस्से में है।
    इसी कारण से मैं आशा रखूँगा।”

25 यहोवा उनके लिये उत्तम है जो उसकी बाट जोहते हैं।
    यहोवा उनके लिये उत्तम है जो उसकी खोज में रहा करते हैं।
26 यह उत्तम है कि कोई व्यक्ति चुपचाप यहोवा की प्रतिक्षा करे कि
    वह उसकी रक्षा करेगा।

भजन संहिता 137

बाबुल की नदियों के किनारे बैठकर
    हम सिय्योन को याद करके रो पड़े।
हमने पास खड़े बेंत के पेड़ों पर निज वीणाएँ टाँगी।
बाबुल में जिन लोगों ने हमें बन्दी बनाया था, उन्होंने हमसे गाने को कहा।
    उन्होंने हमसे प्रसन्नता के गीत गाने को कहा।
    उन्होंने हमसे सिय्योन के गीत गाने को कहा।
किन्तु हम यहोवा के गीतों को किसी दूसरे देश में
    कैसे गा सकते हैं!
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ।
    तो मेरी कामना है कि मैं फिर कभी कोई गीत न बजा पाऊँ।
हे यरूशलेम, यदि मैं तुझे कभी भूलूँ।
    तो मेरी कामना है कि
मैं फिर कभी कोई गीत न गा पाऊँ।
    मैं तुझको कभी नहीं भूलूँगा।

हे यहोवा, याद कर एदोमियों ने उस दिन जो किया था।
    जब यरूशलेम पराजित हुआ था,
वे चीख कर बोले थे, इसे चीर डालो
    और नींव तक इसे विध्वस्त करो।
अरी ओ बाबुल, तुझे उजाड़ दिया जायेगा।
    उस व्यक्ति को धन्य कहो, जो तुझे वह दण्ड देगा, जो तुझे मिलना चाहिए।
उस व्यक्ति को धन्य कहो जो तुझे वह क्लेश देगा जो तूने हमको दिये।
    उस व्यक्ति को धन्य कहो जो तेरे बच्चों को चट्टान पर झपट कर पछाड़ेगा।

2 तीमुथियुस 1:1-14

तीमुथियुस के नाम

पौलुस की ओर से जो परमेश्वर की इच्छा से यीशु मसीह का प्रेरित है और जिसे यीशु मसीह में जीवन पाने की प्रतिज्ञा का प्रचार करने के लिए भेजा गया है:

प्रिय पुत्र तीमुथियुस के नाम।

परम पिता परमेश्वर और हमारे प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुझे करुणा, अनुग्रह और शांति प्राप्त हो।

धन्यवाद तथा प्रोत्साहन

रात दिन अपनी प्रार्थनाओं में निरन्तर तुम्हारी याद करते हुए, मैं उस परमेश्वर का धन्यवाद करता हूँ, और उसकी सेवा अपने पूर्वजों की रीति के अनुसार शुद्ध मन से करता हूँ। मेरे लिए तुमने जो आँसू बहाये हैं, उनकी याद करके मैं तुमसे मिलने को आतुर हूँ, ताकि आनन्द से भर उठूँ। मुझे तेरा वह सच्चा विश्वास भी याद है जो पहले तेरी नानी लोईस और तेरी माँ यूनीके में था। मुझे भरोसा है कि वही विश्वास तुझमें भी है। इसलिए मैं तुझे याद दिला रहा हूँ कि परमेश्वर के वरदान की उस ज्वाला को जलाये रख जो तुझे तब प्राप्त हुई थी जब तुझ पर मैंने अपना हाथ रखा था। क्योंकि परमेश्वर ने हमें जो आत्मा दी है, वह हमें कायर नहीं बनाती बल्कि हमें प्रेम, संयम और शक्ति से भर देती है।

इसलिए तू हमारे प्रभु या मेरी जो उसके लिए बंदी बना हुआ है, साक्षी देने से लजा मत। बल्कि तुझे परमेश्वर ने जो शक्ति दी है, उससे सुसमाचार के लिए यातनाएँ झेलने में मेरा साथ दे।

उसी ने हमारी रक्षा की है और पवित्र जीवन के लिए हमें बुलाया है—हमारे अपने किये कर्मो के आधार पर नहीं, बल्कि उसके अपने उस प्रयोजन और अनुग्रह के अनुसार जो परमेश्वर द्वारा यीशु मसीह में हमें पहले ही अनादि काल से सौंप दिया गया है। 10 किन्तु अब हमारे उद्धारकर्ता यीशु मसीह के प्रकट होने के साथ-साथ हमारे लिये प्रकाशित किया गया है। उसने मृत्यु का अंत कर दिया तथा जीवन और अमरता को सुसमाचार के द्वारा प्रकाशित किया है।

11 इसी सुसमाचार को फैलाने के लिये मुझे एक प्रचारक, प्रेरित और शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। 12 और यही कारण है जिससे मैं इन बातों का दुःख उठा रहा हूँ। और फिर भी लज्जित नहीं हूँ क्योंकि जिस पर मैंने विश्वास किया है, मैं उसे जानता हूँ और मैं यह मानता हूँ कि उसने मुझे जो सौंपा है, वह उसकी रक्षा करने में समर्थ है जब तक वह दिन[a] आये,

13 उस उत्तम शिक्षा को जिसे तूने मुझसे यीशु मसीह में प्राप्त होने वाले विश्वास और प्रेम के साथ सुना है तू जो सिखाता है उसका आदर्श वही उत्तम शिक्षा है। 14 हमारे भीतर निवास करने वाली पवित्र आत्मा के द्वारा तू उस बहुमूल्य धरोहर की रखवाली कर जिसे तुझे सौंपा गया है।

लूका 17:5-10

तुम्हारा विश्वास कितना बड़ा है?

इस पर शिष्यों ने प्रभु से कहा, “हमारे विश्वास की बढ़ोतरी करा।”

प्रभु ने कहा, “यदि तुममें सरसों के दाने जितना भी विश्वास होता तो तुम इस शहतूत के पेड़ से कह सकते ‘उखड़ जा और समुद्र में जा लग।’ और वह तुम्हारी बात मान लेता।

उत्तम सेवक बनो

“मान लो तुममें से किसी के पास एक दास है जो हल चलाता या भेड़ों को चराता है। वह जब खेत से लौट कर आये तो क्या उसका स्वामी उससे कहेगा, ‘तुरन्त आ और खाना खाने को बैठ जा?’ किन्तु बजाय इसके क्या वह उससे यह नहीं कहेगा, ‘मेरा भोजन तैयार कर, अपने वस्त्र पहन और जब तक मैं खा-पी न लूँ, मेरी सेवा कर; तब इसके बाद तू भी खा पी सकता है?’ अपनी आज्ञा पूरी करने पर क्या वह उस सेवक का धन्यवाद करता है। 10 तुम्हारे साथ भी ऐसा ही है। जो कुछ तुमसे करने को कहा गया है, उसे कर चुकने के बाद तुम्हें कहना चाहिये, ‘हम दास हैं, हम किसी बड़ाई के अधिकारी नहीं हैं। हमने तो बस अपना कर्तव्य किया है।’”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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