Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
19 मइँ आपन दुखिया पन क,
मोर घर नहीं अहइ
एका कड़वे जहर क,
20 अउर मोर सारी यातना क याद कइ क
मइँ बहोत ही दुःखी हउँ।
21 किन्तु उहइ समइ जब मइँ सोचत हउँ,
तउ मोका आसा होइ लागत ह।
मइँ अइसा सोचा करत हउँ।
22 यहोवा क पिरेम अउ करूणा क अंत कबहूँ नाहीं होत।
यहोवा क सबइ कृपा कबहुँ खतम नाहीं होत।
23 हर भिन्सारे उ सबइ नवा होइ जात हीं।
हे यहोवा, तोर सच्चाई महान अहइ।
24 मइँ आपन स कहा करत हउँ, “यहोवा मोरे हीसां मँ अहइ।
इहइ कारण स मइँ आसा रखब।”
25 यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर बाट जोहत हीं।
यहोवा ओनके बरे उत्तिम अहइ जउन ओकर खोज मँ रहा करत हीं।
26 इ उत्तिम अहइ कि कउनो मनई चुपचाप यहोवा क प्रतीच्छा करइ
कि उ ओकर रच्छा करी।
7 यरूसलेम बीती बात सोचा करत ह,
ओन दिनन क बातन जब ओह पइ प्रहार भावा रहा
अउर उ बेघर-बार भइ रहो।
ओका बीते दिनन क सुख याद आवत रही।
उ पचे पुराने दिनन मँ जउन नीक चिजियन ओकरे लगे रहिन, ओका याद आवत रहिन।
उ अइसे उ समइ क सुमिरत ह जब ओकर लोग दुस्मनन क जरिये बंदी कीन्ह गएन।
उ अइसे उ समइ क याद करत ह जब ओका सहारा देइ क कउनो भी मनई नाहीं रहा।
जब दुस्मन ओका लखत रहेन, उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन।
उ पचे ओकर हँसी उड़ावत रहेन काहेकि उ उजर चुकी रही।
8 यरूसलेम भयंकर पाप किहे रहा।
आपन पाप क कारण
ओका तबाह कीन्ह गएन ह।
ओन पइ लोग आपन मूँड़ हिलाइके मजाक उड़ावत रहेन
काहेकि उ पचे ओकर
नंगापन क लख लिहस रहेन।
यरूसलेम कराहत ह
अउर आपन मुँहना लाज स फेरि लेत ह।
9 यरूसलेम क वस्त्र गन्दा रहेन।
उ नाहीं सोचे रहा कि ओकरे संग का कछू घटी।
ओकर पतन अजूबा रहा,
ओकरे लगे कउनो नाहीं रहा जउन ओका सान्ति देत।
उ कहा करत ह “हे यहोवा, लखा मइँ केतना दुःखी अहउँ।
लखा मोर दुस्मन कइसा सोचत अहइ कि उ केतना महान अहइ।”
10 दुस्मन हाथ बढ़ाएस अउर ओकर सब उत्तिम वस्तु लूट लिहस।
वास्तव मँ, उ पराये देस क अपने पवित्र ठउरे मँ घुसत भए लखेस।
हे यहोवा, इ हुकुम तू ही दिहे रहया कि
उ सबइ लोग तोहरी सभा मँ प्रवेस नाहीं करिहीं।
11 यरूसलेम क सबहिं लोग कराहत अहइँ, ओकर सबहिं लोग खइया क खोज मँ अहइँ।
उ सबइ खइया जुटावइ क आपन कीमती चिजियन बेंचत अहइँ।
उ पचे अइसा करत हीं ताकि ओनकर जिन्नगी बनी रहइ।
यरूसलेम कहत ह, “लखा यहोवा, तू मोका लखा।
लखा, लोग मोका कइसे घिना करत हीं।
12 मारग स होत भए जब तू सबहिं लोग मोरे लगे स गुजरत अहा तउ अइसा लगत ह जइसे धियान नाहीं देत अहा।
किन्तु मोह पइ निगाह डावा अउर जरा लखा,
का कउनो अइसी पीरा अहइ जइसी पीरा मोका अहइ?
का अइसा कउनो दुःख अहइ जइसा दुःख मोह पइ परा अहइ?
का अइसा कउनो कस्ट अहइ जइसा कस्ट क दण्ड
यहोवा आपन भयंकर किरोध क दिन पइ मोका दिहस ह।
13 यहोवा ऊपर स आगी क पठएस ह
अउर उ आगी मोरी हाड़न क छेद दिहस।
उ मोरे गोड़न क बरे एक फंदा फेंकेस
अउर उ मोका पाछे ढकेल इदहस ह।
उ मोका वीरान कइ डाएस ह
अउर मइँ बीमार रहत हउँ।
14 “मोर पाप मोह पइ जुए क नाई कसा गएन।
यहोवा क हाथन क जरिये मोर पाप मोह पइ कसे गएन।
यहोवा क जुआ मोरे कँधन पइ अहइ।
यहोवा मोका दुर्बल बनाइ दिहस ह।
यहोवा मोका ओन लोगन क सौंपेस जउन ओतना जियादा सक्तीसाली अहइ कि
मइँ ओकरे संग लराइ नाहीं कइ सकत।
15 मोर सबहिं वीर जोधा क नगर क भीतर ठहिरइ क रहेन
काहेकि यहोवा ओनका मदद नाहीं किहस किन्तु नकार दिहेस।
यहोवा मोरे विरोध मँ फुन एक भीड़ पठएस,
उ मोर युवा फउजी क मरवावइ ओन लोगन क लिआए रहा।
यहोवा यरूसलेम क नोकरानियन क वइसे ही कुचर दिहस
जइसे लोग अंगूर कोल्हू मँ कुचरत ह।
अँधरे क आँखी
(मरकुस 10:46-52; लूका 18:35-43)
29 जब उ सबई यरीहो सहर स जात रहेन भारी भीड़ ईसू क पाछे होइ गइ। 30 हुवाँ सरक क किनारे दुइ आँधर बइठा रहेन। जब उ सबइ सुनेन कि ईसू हुवाँ स जात बाटइ, उ पचे नरियानेन, “पर्भू, दाऊद क पूत! हम प दाया कर!”
31 ऍह प भीड़ ओनका धमकावत चुप रहइ क कहेस। पर उ पचे अउ जिआदा चिल्लानेन, “पर्भू, दाऊद क पूत। हम प दाया कर।”
32 फिन ईसू रूकि गवा अउ ओनका बोलाएस। उ कहेस, “तू का चाहत अहा, मइँ तोहरे बरे का करउँ?”
33 उ पचे ओसे कहेन, “पर्भू, हम चाहित ह कि फिन स निहारइ लागी।”
34 ईसू क ओन प दाया आइ। उ ओनकइ अँखियन क छुएस, अउर तुरंतहि उ पचे फिन लखइ लागेन। उ पचे ओकरे पाछे होइ गएन।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.