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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 91:1-6

तुम परम परमेश्वर की शरण में छिपने के लिये जा सकते हो।
    तुम सर्वशक्तिमान परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।
मैं यहोवा से विनती करता हूँ, “तू मेरा सुरक्षा स्थल है मेरा गढ़,
    हे परमेश्वर, मैं तेरे भरोसे हूँ।”
परमेश्वर तुझको सभी छिपे खतरों से बचाएगा।
    परमेश्वर तुझको सब भयानक व्याधियों से बचाएगा।
तुम परमेश्वर की शरण में संरक्षण पाने को जा सकते हो।
    और वह तुम्हारी ऐसे रक्षा करेगा जैसे एक पक्षी अपने पंख फैला कर अपने बच्चों की रक्षा करता है।
    परमेश्वर तुम्हारे लिये ढाल और दीवार सा तुम्हारी रक्षा करेगा।
रात में तुमको किसी का भय नहीं होगा,
    और शत्रु के बाणों से तू दिन में भयभीत नहीं होगा।
तुझको अंधेरे में आने वाले रोगों
    और उस भयानक रोग से जो दोपहर में आता है भय नहीं होगा।

भजन संहिता 91:14-16

14 यहोवा कहता है, “यदि कोई जन मुझ में भरोसा रखता है तो मैं उसकी रक्षा करूँगा।
    मैं उन भक्तों को जो मेरे नाम की आराधना करते हैं, संरक्षण दूँगा।”
15 मेरे भक्त मुझको सहारा पाने को पुकरेंगे और मैं उनकी सुनूँगा।
    वे जब कष्ट में होंगे मैं उनके साथ रहूँगा।
    मैं उनका उद्धार करूँगा और उन्हें आदर दूँगा।
16 मैं अपने अनुयायियों को एक लम्बी आयु दूँगा
    और मैं उनकीरक्षा करूँगा।

यिर्मयाह 23:9-22

झूठे नबियों के विरुद्ध न्याय

नबियों के लिये सन्देश है:
मैं बहुत दु:खी हूँ, मेरा हृदय विदीर्ण हो गया है।
    मेरी सारी हड्डियाँ काँप रही हैं।
मैं (यिर्मयाह) मतवाले के समान हूँ।
    क्यों यहोवा और उसके पवित्र सन्देश के कारण।
10 यहूदा देश ऐसे लोगों से भरा है
    जो व्यभिचार का पाप करते हैं।
वे अनेक प्रकार से अभक्त हैं।
    यहोवा ने भूमि को अभिशाप दिया और वह बहुत सूख गई।
पौधे चरगाहों में सूख रहे हैं और मर रहे हैं।
    खेत मरुभूमि से हो गए हैं।
नबी पापी हैं, वे नबी अपने प्रभाव
    और अपनी शक्ति का उपयोग गलत ढंग से करते हैं।
11 “नबी और याजक तक भी पापी हैं।
    मैंने उन्हें अपने मन्दिर में पाप करते देखा है।
यह सन्देश यहोवा का है।
12 अत: मैं उन्हें अपना सन्देश देना बन्द करुँगा।
    यह ऐसा होगा मानो वे अन्धकार में चलने को विवश किये गए हों।
यह ऐसा होगा मानो नबियों और याजकों के लिये फिसलन वाली सड़क हो।
    उस अंधेरी जगह में वे नबी और याजक गिरेंगे। मैं उन पर आपत्तियाँ ढाऊँगा।
उस समय मैं उन नबियों और याजकों को दण्ड दूँगा।”
    यह सन्देश यहोवा का है।

13 “मैंने शोमरोन के नबियों को कुछ बुरा करते देखा।
    मैंने उन नबियों को झूठे बाल देवता के नाम भविष्यवाणी करते देखा।
उन नबियों ने इस्राएल के लोगों को यहोवा से दूऱ भटकाया।
14 मैंने यहूदा के नबियों को यरूशलेम में बहुत भयानक कर्म करते देखा।
    इन नबियों ने व्यभिचार करने का पाप किया।
उन्होंने झूठी शिक्षाओं पर विश्वास किया, और उन झूठे उपदेशों को स्वीकार किया।
    उन्होंने दुष्ट लोगों को पाप करते रहने के लिये उत्साहित किया।
अत: लोगों ने पाप करना नहीं छोड़ा।
    वे सभी लोग सदोम नगर की तरह हैं।
यरूशलेम के लोग मेरे लिये अमोरा नगर के समान हैं।”

15 अत: सर्वशक्तिमान यहोवा नबियों के बारे में ये बातें कहता है,
“मैं उन नबियों को दण्ड दूँगा।
    वह दण्ड विषैला भोजन पानी खाने पीने जैसा होगा।
नबियों ने आध्यात्मिक बीमारी उत्पन्न की और वह बीमारी पूरे देश में फैल गई।
    अत: मैं उन नबियों को दण्ड दूँगा।
वह बीमारी यरूशलेम में नबियों से आई।”

16 सर्वशक्तिमान यहोवा यह सब कहता है:
    “वे नबी तुमसे जो कहें उसकी अनसुनी करो।
वे तुम्हें मूर्ख बनाने का प्रयत्न कर रहे हैं।
    वे नबी अर्न्तदर्शन करने की बात करते हैं।
किन्तु वे अपना अर्न्तदर्शन मुझसे नहीं पाते।
    उनका अर्न्तदर्शन उनके मन की उपज है।
17 कुछ लोग यहोवा के सच्चे सन्देश से घृणा करते हैं।
    अत: वे नबी उन लोगों से भिन्न भिन्न कहते हैं।
वे कहते हैं, ‘तुम शान्ति से रहोगे।
    कुछ लोग बहुत हठी हैं।
वे वही करते हैं जो वे करना चाहते हैं।’
    अत: वे नबी कहते हैं, ‘तुम्हारा कुछ भी बुरा नहीं होगा।’
18 किन्तु इन नबियों में से कोई भी स्वर्गीय परिषद में सम्मिलित नहीं हुआ है।
    उनमें से किसी ने भी यहोवा के सन्देश को न देखा है न ही सुना है।
उनमें से किसी ने भी यहोवा के सन्देश पर गम्भीरता से ध्यान नहीं दिया है।
19 अब यहोवा के यहाँ से दण्ड आँधी की तरह आएगा।
    यहोवा का क्रोध बवंडर की तरह होगा।
यह उन दुष्ट लोगों के सिरों को कुचलता हुआ आएगा।
20 यहोवा का क्रोध तब तक नहीं रूकेगा जब तक वे जो करना चाहते हैं, पूरा न कर लें।
    जब वह दिन चला जाएगा तब तुम इसे ठीक ठीक समझोगे।
21 मैंने उन नबियों को नहीं भेजा।
    किन्तु वे अपने सन्देश देने दौड़ पड़े।
मैंने उनसे बातें नहीं की।
    किन्तु उन्होंने मेरे नाम के उपदेश दिये।
22 यदि वे मेरी स्वर्गीय परिषद में सम्मिलित हुए होते तो उन्होंने यहूदा के लोगों को मेरा सन्देश दिया होता।
    उन्होंने लोगों को बुरे कर्म करने से रोक दिया होता।
उन्होंने लोगों को पाप कर्म करने से रोक दिया होता।”

2 कुरिन्थियों 8:8-15

यह मैं आज्ञा के रूप में नहीं कह रहा हूँ बल्कि अन्य व्यक्तियों के मन में तुम्हारे लिए जो तीव्रता है, उस प्रेम की सच्चाई को प्रमाणित करने के लिये ऐसा कह रहा हूँ। क्योंकि हमारे प्रभु यीशु मसीह के अनुग्रह से तुम परिचित हो। तुम यह जानते हो कि धनी होते हुए भी तुम्हारे लिये वह निर्धन बन गया। ताकि उसकी निर्धनता से तुम मालामाल हो जाओ।

10 इस विषय में मैं तुम्हें अपनी सलाह देता हूँ। तुम्हें यह शोभा देता है। तुम पिछले साल न केवल दान देने की इच्छा में सबसे आगे थे बल्कि दान देने में भी सबसे आगे रहे। 11 अब दान करने की उस तीव्र इच्छा को तुम जो कुछ तुम्हारे पास है, उसी से पूरा करो। तुम इसे उतनी ही लगन से “पूरा करो” जितनी लगन से तुमने इसे “चाहा” था। 12 क्योंकि यदि दान देने की लगन है तो व्यक्ति के पास जो कुछ है, उसी के अनुसार उसका दान ग्रहण करने योग्य बनता है, न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं है। 13 हम यह नहीं चाहते कि दूसरों को तो सुख मिले और तुम्हें कष्ट; बल्कि हम तो बराबरी चाहते हैं। 14 हमारी इच्छा है कि उनके इस अभाव के समय में तुम्हारी सम्पन्नता उनकी आवश्यकताएँ पूरी करे ताकि आवश्यकता पड़ने पर आगे चल कर उनकी सम्पन्नता भी तुम्हारे अभाव को दूर कर सके ताकि समानता स्थापित हो। 15 जैसा कि शास्त्र कहता है:

“जिसने बहुत बटोरा उसके पास अधिक न रहा;
और जिसने अल्प बटोरा, उसके पास स्वल्प न रहा।”(A)

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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