Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 94

हे यहोवा, तू ही एक परमेश्वर है जो लोगों को दण्ड देता है।
    तू ही एक परमेश्वर है जो आता है और लोगों के लिये दण्ड लाता है।
तू ही समूची धरती का न्यायकर्ता है।
    तू अभिमानी को वह दण्ड देता है जो उसे मिलना चाहिए।
हे यहोवा, दुष्ट जन कब तक मजे मारते रहेंगे
    उन बुरे कर्मो की जो उन्होंने किये हैं।
वे अपराधी कब तक डींग मारते रहेंगे
    उन बुरे कर्मो को जो उन्होंने किये हैं।
हे यहोवा, वे लोग तेरे भक्तों को दु:ख देते हैं।
    वे तेरे भक्तों को सताया करते हैं।
वे दुष्ट लोग विधवाओं और उन अतिथियों की जो उनके देश में ठहरे हैं, हत्या करते हैं।
    वे उन अनाथ बालकों की जिनके माता पिता नहीं हैं हत्या करते हैं।
वे कहा करते हैं, यहोवा उनको बुरे काम करते हुए देख नहीं सकता।
    और कहते हैं, इस्राएल का परमेश्वर उन बातों को नहीं समझता है, जो घट रही हैं।

अरे ओ दुष्ट जनों तुम बुद्धिहीन हो।
    तुम कब अपना पाठ सीखोगे?
अरे ओ दुर्जनों तुम कितने मूर्ख हो!
    तुम्हें समझने का जतन करना चाहिए।
परमेश्वर ने हमारे कान बनाएँ हैं, और निश्चय ही उसके भी कान होंगे।
    सो वह उन बातों को सुन सकता है, जो घटिन हो रहीं हैं।
परमेश्वर ने हमारी आँखें बनाई हैं, सो निश्चय ही उसकी भी आँख होंगी।
    सो वह उन बातों को देख सकता है, जो घटित हो रही है।
10 परमेश्वर उन लोगों को अनुशासित करेगा।
    परमेश्वर उन लोगों को उन सभी बातों की शिक्षा देगा जो उन्हें करनी चाहिए।
11 सो जिन बातों को लोग सोच रहे हैं, परमेश्वर जानता है,
    और परमेश्वर यह जानता है कि लोग हवा की झोंके हैं।

12 वह मनुष्य जिसको यहोवा सुधारता, अति प्रसन्न होगा।
    परमेश्वर उस व्यक्ति को खरी राह सिखायेगा।
13 हे परमेश्वर, जब उस जन पर दु:ख आयेंगे तब तू उस जन को शांत होने में सहायक होगा।
    तू उसको शांत रहने में सहायता देगा जब तक दुष्ट लोग कब्र में नहीं रख दिये जायेंगे।
14 यहोवा निज भक्तों को कभी नहीं त्यागेगा।
    वह बिन सहारे उसे रहने नहीं देगा।
15 न्याय लौटेगा और अपने साथ निष्पक्षता लायेगा,
    और फिर लोग सच्चे होंगे और खरे बनेंगे।

16 मुझको दुष्टों के विरूद्ध युद्ध करने में किसी व्यक्ति ने सहारा नहीं दिया।
    कुकर्मियों के विरूद्ध युद्ध करने में किसी ने मेरा साथ नहीं दिया।
17 यदि यहोवा मेरा सहायक नहीं होता,
    तो मुझे शब्द हीन (चुपचुप) होना पड़ता।
18 मुझको पता है मैं गिरने को था,
    किन्तु यहोवा ने भक्तों को सहारा दिया।
19 मैं बहुत चिंतित और व्याकुल था,
    किन्तु यहोवा तूने मुझको चैन दिया और मुझको आनन्दित किया।

20 हे यहोवा, तू कुटिल न्यायाधीशों की सहायता नहीं करता।
    वे बुरे न्यायाधीश नियम का उपयोग लोगों का जीवन कठिन बनाने में करते हैं।
21 वे न्यायाधीश सज्जनों पर प्रहार करते हैं।
    वे कहते हैं कि निर्दोष जन अपराधी हैं। और वे उनको मार डालते हैं।
22 किन्तु यहोवा ऊँचे पर्वत पर मेरा सुरक्षास्थल है,
    परमेश्वर मेरी चट्टान और मेरा शरणस्थल है।
23 परमेश्वर उन न्यायाधीशों को उनके बुरे कामों का दण्ड देगा।
    परमेश्वर उनको नष्ट कर देगा। क्योंकि उन्होंने पाप किया है।
    हमारा परमेश्वर यहोवा उन दुष्ट न्यायाधीशों को नष्ट कर देगा।

यिर्मयाह 5:18-31

18 यह सन्देश यहोवा का है:
“किन्तु कब वे भयैंनक दिन आते हैं,
    यहूदा मैं तुझे पूरी तरह नष्ट नहीं करूँगा।
19 यहूदा के लोग तुमसे पूछेंगे,
    ‘यिर्मयाह, हमारे परमेश्वर यहोवा ने हमारा ऐसा बुरा क्यों किया?’
उन्हें यह उत्तर दो,
‘यहूदा के लोगों, तुमने यहोवा को त्याग दिया है,
    और तुमने अपने ही देश में विदेशी देव मूर्तियों की पूजा की है।
तुमने वे काम किये,
    अत: तुम अब उस देश में जो तुम्हारा नहीं है, विदेशियों की सेवा करोगे।’”

20 यहोवा ने कहा, “याकूब के परिवार में, इस सन्देश की घोषणा करो।
    इस सन्देश को यहूदा राष्ट्र में सुनाओ।
21 इस सन्देश को सुनो,
    तुम मूर्ख लोगों, तुम्हें समझ नहीं हैं:
    तुम लोगों की आँखें है, किन्तु तुम देखते नहीं!
    तुम लोगों के कान हैं, किन्तु तुम सनते नहीं!
22 निश्चय ही तुम मुझसे भयभीत हो।”
यह सन्देश यहोवा का है।
“मेरे सामने तुम्हें भय से काँपना चाहिये।
    मैं ही वह हूँ, जिसने समुद्र तटों को समुद्र की मर्यादा बनाई।
    मैंने बालू की ऐसी सीमा बनाई जिसे पानी तोड़ नहीं सकती।
    तरंगे तट को कुचल सकती हैं, किन्तु वे इसे नष्ट नहीं करेंगी।
    चढ़ती हुई तरंगे गरज सकती हैं, किन्तु वे तट की मर्यादा तोड़ नहीं सकती।
23 किन्तु यहूदा के लोग हठी हैं।
    वे हमेशा मेरे विरुद्ध जाने की योजना बनाते हैं।
    वे मुझसे मुड़े हैं और मुझसे दूर चले गए हैं।
24 यहूदा के लोग कभी अपने से नहीं कहते, ‘हमें अपने परमेश्वर यहोवा से डरना
    और उसका सम्मान करना चाहिए।
    वह हमे ठीक समय पर पतझड़ और बसन्त की वर्षा देता है।
    वे यह निश्चित करता है कि हम ठीक समय पर फसल काट सकें।’
25 यहूदा के लोगों, तुमने अपराध किया है। अत: वर्षा और पकी फसल नहीं आई।
    तुम्हारे पापों ने तुम्हें यहोवा की उन अच्छी चीज़ों का भोग नहीं करने दिया है।
26 मेरे लोगों के बीच पापी लोग हैं।
    वे पापी लोग पक्षियों को फँसाने के लिये जाल बनाने वालों के समान हैं।
वे लोग अपना जाल बिछाते हैं, किन्तु वे पक्षी के बदले मनुष्यों को फँसाते हैं।
27 इन व्यक्तियों के घर झूठ से वैसे भरे होते हैं, जैसे चिड़ियों से भरे पिंजरे हों।
    उनके झूठ ने उन्हें धनी और शक्तिशाली बनाया है।
28 जिन पापों को उन्होंने किया है उन्ही से वे बड़े और मोटे हुए हैं।
    जिन बुरे कामों को वे करते हैं उनका कोई अन्त नहीं।
वे अनाथ बच्चों के मामले के पक्ष में बहस नहीं करेंगे, वे अनाथों की सहायता नहीं करेंगे।
    वे गरीब लोगों को उचित न्याय नहीं पानें देंगे।
29 क्या मुझे इन कामों के करने के कारण यहूदा को दण्ड देना चाहिये?
यह सन्देश यहोवा का है।
तुम जानते हो कि मुझे ऐसे राष्ट्र को दण्ड देना चाहिये।
    मुझे उन्हें वह दण्ड देना चाहिए जो उन्हें मिलना चाहिए।”

30 यहोवा कहता है, “यहूदा देश में एक भयानक और दिल दहलाने वाली घटना घट रही है।
    जो हुआ है वह यह है कि:
31 नबी झूठ बोलते हैं,
याजक अपने हाथ में शक्ति लेते हैं।
    मेरे लोग इसी तरह खुश हैं।
किन्तु लोगों, तुम क्या करोगे
    जब दण्ड दिया जायेगा

2 पतरस 3:8-13

पर प्यारे मित्रों! इस एक बात को मत भूलो: प्रभु के लिए एक दिन हज़ार साल के बराबर है और हज़ार साल एक दिन जैसे हैं। प्रभु अपनी प्रतिज्ञा पूरी करने में देर नहीं लगाता। जैसा कि कुछ लोग सोचते हैं। बल्कि वह हमारे प्रति धीरज रखता है क्योंकि वह किसी भी व्यक्ति को नष्ट नहीं होने देना चाहता। बल्कि वह तो चाहता है कि सभी मन फिराव की ओर बढ़ें।

10 किन्तु प्रभु का दिन चुपके से चोर की तरह आएगा। उस दिन एक भयंकर गर्जना के साथ आकाश विलीन हो जायेंगे और आकाशीय पिंड आग में जलकर नष्ट हो जायेंगे तथा यह धरती और इस धरती पर की सभी वस्तुएँ जल जाएगी।[a] 11 क्योंकि जब ये सभी वस्तुएँ इस प्रकार नष्ट होने को जा रही हैं तो सोचो तुम्हें किस प्रकार का बनना चाहिए? तुम्हें पवित्र जीवन जीना चाहिए, पवित्र जीवन जो परमेश्वर को अर्पित है तथा हर प्रकार के उत्तम कर्म करने चाहिए। 12 और तुम्हें परमेश्वर के दिन की बाट जोहनी चाहिए और उस दिन को लाने के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। उस दिन के आते ही आकाश लपटों में जल कर नष्ट हो जाएगा और आकाशीय पिण्ड उस ताप से पिघल उठेंगे। 13 किन्तु हम परमेश्वर के वचन के अनुसार ऐसे नए आकाश और नई धरती की बाट जोह रहे हैं जहाँ धार्मिकता निवास करती है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International