Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा तू परमेस्सर अहा जउन कि निआव लिआवत ह।
निआव क परमेस्सर आपन क परगट करा।
2 उठा, हे धरती क निआउकर्त्ता।
तू घमण्डी लोगन क उचित सजा देत ह।
3 हे यहोवा, दुट्ठ जन कब तलक मजा मारत रइहीं?
केतॅना देरी तलक?
4 उ सबइ दुट्ठ-जन कब तलक आपन बुरे कामन क बारे मँ
डीगं हाँकत अउर सेखी बघारत रइहीं?
5 हे यहोवा, उ सबइ लोग तोहार लोगन क मुसीबत मँ डालेन ह।
उ पचे तोहरे आपन लोगन क सतावा करत हीं।
6 उ पचे राँड़ अउरतन अउर ओन मेहमानन क जउन ओनके देस मँ ठहरा अहइँ, मारत हीं।
उ पचे ओन अनाथ गदेलन क कतल करत हीं।
7 उ पचे कहत हीं, यहोवा ओनकर बुरा करम करत भए नाहीं लखि सकत।
अउर कहत हीं, ‘इस्राएल क परमेस्सर ओन बातन क नाहीं समुझत जउन घटति अहइँ।’
8 ओ बुद्धिहीन लोग,
तू कब आपन पाठ सिखब्या?
अरे मूरख लोगो,
जतन करा अउर समुझ्या।
9 परमेस्सर हमार कान बनाएस ह,
तउ निहचय ही उ सुन सकिहीं।
परमेस्सर हमार आँखिन बनाएस ह,
तउ निहचय ही देख सकत हीं।
10 उ रास्ट्रन क सम्मान करत हीं, तउ निहचय ही उ तोहार निआव कइ सकत ह।
उ ओन लोगन क ओन सबहिं बातन क सिच्छा देइ जउन ओनका करइ चाही।
11 तउ जउन बातन क लोग सोचत अहइँ यहोवा जानत अहइ।
उ इ जानत अहइ कि ओकर जोजनन हवा क झोंका अहइँ।
12 तू लोग धन्न अहा जेका तू सम्मान देत ह, हे यहोवा।
तू ओन लोगन क आपन कानून सिखावत ह।
13 तू ओनका ओकरे विपत्तियन मँ सांत होइके सहायक करत ह,
जब तलक दुट्ठ लोग कब्र मँ नाहीं दफनाइ दीन्ह जइहीं।
14 यहोवा आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजी।
उ बिना सहारे ओका रहइ नाहीं देइ।
15 निआउ लउटब अउर इमानदारी लिआइ।
फुन लोग खरा बनिहीं।
16 मोका दुट्ठन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मनई सहारा नाहीं दिहस।
कुकर्मियन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मोर संग नाहीं दिहस।
17 यहोवा मोर सहायक नाहीं होत,
तउ मोर जिन्नगी मउत क दुआरा सांत होइ जाइतेन।
18 जब मइँ गिरइ क रहेउँ,
तोहार पिरेम मोका उठाएस, हे यहोवा।
19 जब मइँ बहोतइ चिंतित अउ बियाकुल रहेउँ,
तोहार सुख मोका आनन्दित किहस।
20 हे परमेस्सर, तू कुटिल निआउ क मदद नाहीं करत्या,
जउन परीसानी पइदा करइ बरे नेमन क घेर लेत ह।
21 उ पचे नीक लोगन पइ हमला करत ह
अउर निर्दोख व्यक्ति क कसूरवार कहत ह।
22 मुला यहोवा मोर सुरच्छा क ठउर बाटइ।
परमेस्सर मोर चट्टान अउर मोर सरण क ठउर अहइ।
23 परमेस्सर ओनका ओकरे बुरा करमन बरे सजा देइ।
उ ओका ओकरे पाप क कारण खतम कइ देइ।
हमार परमेस्सर यहोवा ओनका नस्ट कइ देइ।
18 इ सँदेसा यहोवा क अहइ। “किन्तु कब उ सबइ भयानक दिन आवत हीं, यहूदा मइँ तोहका पूरी तरह नस्ट नाहीं करब। 19 यहूदा क लोग तोहसे पूछिहीं, ‘यिर्मयाह, हमार परमेस्सर यहोवा हमार अइसा बुरा काहे किहस?’ ओनका इ जवाब द्या, ‘यहूदा क लोगो तू पचे यहोवा क, अउर तू पचे ही आपन देस मँ बिदेसी देव मूरतियन क पूजा किहा ह। तू पचे उ सबइ काम किहा, एह बरे तू पचे अब उ देस मँ जउन तोहार नाहीं अहइ, बिदेसियन क सेवा करब्या।’”
20 यहोवा कहेस, “याकूब क परिवार मँ, इ सँदेसा क घोसणा करा।
इ सँदेसा क यहूदा रास्ट्र मँ सुनावा।
21 इ सँदेसा क सुना,
तू सबइ मूरख लोगो, तू पचन्क समुझ नाहीं अहइ:
तू पचे लोगन का आँखिन अहा, किन्तु तू पचे लखल्या नाहीं।
तू पचे लोगन क कान अहा, किन्तु तू पचे सुनत्या नाहीं।
22 का तू मोसे नाहीं डरत ह?”
यहोवा कहत ह, “मोरे समन्वा तू पचन्क डर स काँपइ चाही।
मइँ ही उ हउँ, जउन समुद्दर क तटन क मर्यादा बनाएउँ।
मइँ बालू क अइसी सीमा बनाएउँ जेका पानी तोड़ सकत ह।
लहरन तटे क कुचरि सकत ह,
मुला उ एका बर्बाद नाहीं करी।
चढ़त भइ लहरन गरज सकत हीं, मुला उ सबइ तटे क मर्यादा तोड़ नाहीं सकत।
23 मुला यहूदा क लोग हठी अहइँ।
उ सबइ हमेसा मोरे खिलाफ जाइ क जोजना बनावत हीं।
उ पचे मोहसे मुड़ा अहइँ अउर मोहसे दूर चला गवा अहइँ।
24 यहूदा क लोग कबहुँ आपन स नाहीं कहतेन,
‘हमका आपन परमेस्सर यहोवा स डेराइ अउ ओकर सम्मान करइ चाही।
उ हमका ठीक समइ पइ पतझड़ अउ बसन्त क बर्खा देत ह।
उ इ निहचित करत ह कि हम ठीक समइ पइ फसिल काटि सकी।’
25 यहूदा क लोगो, तू पचे अपराध किहा ह।
एह बरे इहाँ बर्खा अउर पकी भइ फसिल नाहीं अही।
तोहार पचन्क पापन तू पचन्क यहोवा क ओन नीक चीजन क भोग नाहीं करइ दिहस ह।
26 मोरे लोगन क बीच पापी लोग अहइँ।
उ सबइ पापी लोग पंछियन क फँसावइ बरे जाल बनावइवालन क तरह अहइँ।
उ पचे लोग आपन जाल बिछावत हीं,
मुला उ पचे पंछी क बदले मनइयन क फँसावत हीं।
27 एन मनइयन क घर झूठ स वइसेन भरा होत हीं,
जइसे चिरइयन स भरे पिंजरा होइँ।
ओनकर झूठ ओनका धनी अउ सक्तीसाली बनाएस ह।
28 जउने पापन क उ पचे किहन ह ओनही स उ पचे बड़के अउर मोट भएन ह।
जउने बुरे करमन क उ पचे करत हीं ओनकर कउनो अन्त नाहीं।
उ पचे अनाथ बच्चन क मामले क पच्छ मँ बहस नाहीं करिहीं,
उ पचे अनाथ क सहायता नाहीं करिहीं।
उ पचे गरीब लोगन क उचित निआव नाहीं पावइ देइहीं।
29 का मोका एन करमन क कारण यहूदा क दण्ड देइ चाहीं?”
यहोवा कहत ह,
“का मोका ओनका उ दण्ड देइ नाहीं चाही
जउन ओनका मिलइ चाही?”
30 यहोवा कहत ह, “यहूदा देस मँ एक खउफनाक अउर हिरदय दहलावइ वाला घटना घटति अहइ।
जउन भवा ह उ इ अहइ कि:
31 नबी झूठ बोलत हीं,
याजक अपने हाथे मँ सक्ति लेत हीं।
मोर लोग इहइ तरह खुस अहइँ।
किन्तु लोगो, तू पचे का करब्या जब सजा दीन्ह जाइ?”
8 मुला पिआरे बन्धुओ, एक बात क जिन भुला, पर्भू क बरे एक हजार साले एक दिन क समान होत ह अउर एक दिन एक हजार बरस क बराबर होत ह। 9 पर्भू आपन प्रतिग्या पूरी करइ मँ देर नाही लगावत। जइसेन कछू मनई सोचत ही। बल्कि उ हमरे प्रति धीरज धरत ह काहेकि उ कउनो मनई क नस्ट नाही करइ चाहत ह, बल्कि उ तउ चाहत ह कि सभी मनई मनफिराव क तरफ बढ़इँ।
10 मुला पर्भू क दिन आई। एक दिना पर्भू चुप्पेचाप चोर सही अहइ। उ दिन एक भयंकर गर्जना क साथे आकास विलीन होइ जाई अउर आकास क नखत भसम होइके नस्ट होइ जइही अउर इ धरती पे रहइवालेन क करम उजागर होइ जइही। 11 काहेकि जब इ सब चीजन इ तरह स नस्ट होइ जाइही तउ तू सोचा कि तू लोगन क कउनउ तरह क जीवन जियइ क चाही। तोहे सबन्क पवित्तर जीवन जियइ क चाही, पवित्तर जीवन जउन परमेस्सर क अर्पित अहइ अउर सब तरह क उत्तम करम करइ क चाही। 12 अउर तोहे सबन्क परमेस्सर क दिन क बाट जोहइ क चाही, अउर ओके जल्दी आउब क बरे काम करा। उ दिन अउतइमान आकास लपटन मँ जल क नस्ट होइ जाई आकास क नखत ओकरे ताप सेही पिघल उठिही। 13 मुला हम पचे परमेस्सर क वचन क अनुसार एक नवा आकास अउर नवी धरती की बाट जोह रहा अहइ जहाँ धार्मिकता रहत ही बाटइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.