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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 2

दूसरे देशों के लोग क्यों इतनी हुल्लड़ मचाते हैं
    और लोग व्यर्थ ही क्यों षड़यन्त्र रचते हैं?
ऐसे दशों के राजा और नेता यहोवा और उसके चुने हुए राजा
    के विरुद्ध होने को आपस में एक हो जाते हैं।
वे नेता कहते हैं, “आओ परमेश्वर से और उस राजा से जिसको उसने चुना है, हम सब विद्रोह करें।
    आओ उनके बन्धनों को हम उतार फेंके।”

किन्तु मेरा स्वामी, स्वर्ग का राजा, उन लोगों पर हँसता है।
परमेश्वर क्रोधित है और,
    यही उन नेताओं को भयभीत करता है।
वह उन से कहता है, “मैंने इस पुरुष को राजा बनने के लिये चुना है,
    वह सिय्योन पर्वत पर राज करेगा, सिय्योन मेरा विशेष पर्वत है।”

अब मै यहोवा की वाचा के बारे में तुझे बताता हूँ।
यहोवा ने मुझसे कहा था, “आज मैं तेरा पिता बनता हूँ
    और तू आज मेरा पुत्र बन गया है।
यदि तू मुझसे माँगे, तो इन देशों को मैं तुझे दे दूँगा
    और इस धरती के सभी जन तेरे हो जायेंगे।
तेरे पास उन देशों को नष्ट करने की वैसी ही शक्ति होगी
    जैसे किसी मिट्टी के पात्र को कोई लौह दण्ड से चूर चूर कर दे।”

10 इसलिए, हे राजाओं, तुम बुद्धिमान बनो।
    हे शासकों, तुम इस पाठ को सीखो।
11 तुम अति भय से यहोवा की आज्ञा मानों।
12 स्वयं को परमेश्वर के पुत्र का विश्वासपात्र दिखओ।
    यदि तुम ऐसा नहीं करते, तो वह क्रोधित होगा और तुम्हें नष्ट कर देगा।
जो लोग यहोवा में आस्था रखते हैं वे आनन्दित रहते हैं, किन्तु अन्य लोगों को सावधान रहना चाहिए।
    यहोवा अपना क्रोध बस दिखाने ही वाला है।

यिर्मयाह 18:12-23

12 किन्तु यहूदा के लोग उत्तर देंगे, ‘एसी कोशिश करने से कुछ नहीं होगा। हम वही करते रहेंगे जो हम करना चाहते हैं। हम लोगों में हर एक वही करेगा जो हठी और बुरा हृदय करना चाहता है।’”

13 उन बातों को सुनो जो यहोवा कहता है,

“दूसरे राष्ट्र के लोगों से यह प्रश्न करो:
    ‘क्या तुमने कभी किसी की वे बुराई करते हुये सुना है जो इस्राएल ने किया है।’
अन्य के बारे में इस्राएल द्वारा की गई बुराई का करना सुना है
    इस्राएल परमेश्वर की दुल्हन के समान विशेष है।
14 तुम जानते हो कि चट्टानों कभी स्वत:
मैदान नहीं छोड़तीं।
    तुम जानते हो कि लबानोन के पहाड़ों के ऊपर की
    बर्फ कभी नहीं पिघलती।
तुम जानते हो कि शीतल बहने वाले झरने कभी नहीं सूखते।
15 किन्तु हमारे लोग हमें भूल चुके हैं,
    वे व्यर्थ देवमूर्तियों की बलि चढ़ाते हैं।
मेरे लोग जो कुछ करते हैं उनसे ठोकर खाकर गिरते हैं।
    वे अपने पूर्वजों की पुरानी राहों में ठोकर खाकर गिरते फिरते हैं।
मेरे लोगों को ऊबड़ खाबड़ सड़कों और तुच्छ
    राजमार्गों पर चलना शायद अधिक पसन्द है,
इसकी अपेक्षा कि वे मेरा अनुसरण अच्छी सड़क पर करें।
16 अत: यहूदा देश एक सूनी मरुभूमि बनेगा।
    इसके पास से गुजरते लोग हर बार सीटी बजाएंगे
और सिर हिलायेंगे।
इस बात से चकित होगें कि देश कैसे बरबाद किया गया।
17 मैं यहूदा के लोगों को उनके शत्रुओं के सामने बिखेरुँगा।
    प्रबल पूर्वी आँधी जैसे चीज़ों के चारों ओर उड़ती है वैसे ही मैं उनको बिखेरुँगा।
मैं उन लोगों को नष्ट करूँगा।
    उस समय वे मुझे अपनी सहायता के लिये आता नहीं देखेंगे।
    नहीं, वे मुझे अपने को छोड़ता देखेंगे।”

यिर्मयाह की चौथी शिकायत

18 तब यिर्मयाह के शत्रुओं ने कहा, “आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षडयन्त्र रचे। निश्चय ही, याजक द्वारा दी गई व्यवस्था की शिक्षा मिटेगी नहीं और बुद्धिमान लोगों की सलाह अब भी हम लोगों को मिलेगी। हम लोगों को नबियों के सन्देश भी मिलेंगे। अत: हम लोग उसके बारे में झूठ बोलें। उससे वह बरबाद होगा। वह जो कुछ कहता है, हम किसी पर ध्यान नहीं देंगे।”

19 हे यहोवा, मेरी सुन और मेरे विरोधियों की सुन,
    तब तय कर कि कौन ठीक है
20 मैंने यहूदा के लोगों के लिये अच्छा किया है।
    किन्तु अब वे उल्टे बदले में बुराई दे रहे हैं।
वे मुझे फँसा रहे हैं।
    वे मुझे धोखा देकर फँसाने और मार डालने का प्रयत्न कर रहे हैं।
21 अत: अब उनके बच्चों को अकाल में भूखों मरने दें।
    उनके शत्रुओं को उन्हें तलवार से हरा डालने दें।
उनकी पत्नियों को शिशु रहित होने दें।
    यहूदा के लोगों को मृत्यु के घाट उतारे जाने दें।
उनकी पत्नियों को विधवा होने दें।
    यहूदा के लोगों को मत्यु के घाट उतारे जाने दें।
युवकों को युद्ध में तलवार के घाट उतार दिये जाने दे।
22 उनके घरों में रूदन मचनें दे। उन्हें तब रोने दे
    जब तू अचानक उनके विरुद्ध शत्रु को लाए।
इसे होने दे क्योंकि हमारे शत्रुओं ने मुझे धोखा दे कर फँसाने की कोशिश की है।
    उन्होंने मेरे फँसने के लिये गुप्त जाल डाला है।
23 हे यहोवा, मुझे मार डालने की उनकी योजना को तू जानता है।
    उनके अपराधों को तू क्षमा न कर।
उनके पापों को मत धों। मेरे शत्रुओं को नष्ट कर।
    क्रोधित रहते समय ही उन लोगों को दण्ड दे।

1 तीमुथियुस 3:14-4:5

हमारे जीवन का रहस्य

14 मैं इस आशा के साथ तुम्हें ये बातें लिख रहा हूँ कि जल्दी ही तुम्हारे पास आऊँगा। 15 यदि मुझे आने में समय लग जाये तो तुम्हें पता रहे कि परमेश्वर के परिवार में, जो सजीव परमेश्वर की कलीसिया है, किसी को अपना व्यवहार कैसा रखना चाहिए। कलीसिया ही सत्य की नींव और आधार स्तम्भ है। 16 हमारे धर्म के सत्य का रहस्य निस्सन्देह महान है:

मसीह नर देह धर प्रकट हुआ,
आत्मा ने उसे नेक साधा,
स्वर्गदूतों ने उसे देखा,
वह राष्ट्रों में प्रचारित हुआ।
जग ने उस पर विश्वास किया,
और उसे महिमा में ऊपर उठाया गया।[a]

झूठे उपदेशकों से सचेत रहो

आत्मा ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आगे चल कर कुछ लोग भटकाने वाले झूठे भविष्यवक्ताओं के उपदेशों और दुष्टात्माओं की शिक्षा पर ध्यान देने लगेंगे और विश्वास से भटक जायेंगे। उन झूठे पाखण्डी लोगों के कारण ऐसा होगा जिनका मन मानो तपते लोहे से दाग दिया गया हो। वे विवाह का निषेध करेंगे। कुछ वस्तुएँ खाने को मना करेंगे जिन्हें परमेश्वर के विश्वासियों तथा जो सत्य को पहचानते हैं, उनके लिए धन्यवाद देकर ग्रहण कर लेने को बनाया गया है। क्योंकि परमेश्वर की रची हर वस्तु उत्तम है तथा कोई भी वस्तु त्यागने योग्य नहीं है बशर्ते उसे धन्यवाद के साथ ग्रहण किया जाए। क्योंकि वह परमेश्वर के वचन और प्रार्थना से पवित्र हो जाती है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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