Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का स्तुति गीत।
1 हे यहोवा, तूने मुझे परखा है।
मेरे बारे में तू सब कुछ जानता है।
2 तू जानता है कि मैं कब बैठता और कब खड़ा होता हूँ।
तू दूर रहते हुए भी मेरी मन की बात जानता है।
3 हे यहोवा, तुझको ज्ञान है कि मैं कहाँ जाता और कब लेटता हूँ।
मैं जो कुछ करता हूँ सब को तू जानता है।
4 हे यहोवा, इससे पहले की शब्द मेरे मुख से निकले तुझको पता होता है
कि मैं क्या कहना चाहता हूँ।
5 हे यहोवा, तू मेरे चारों ओर छाया है।
मेरे आगे और पीछे भी तू अपना निज हाथ मेरे ऊपर हौले से रखता है।
6 मुझे अचरज है उन बातों पर जिनको तू जानता है।
जिनका मेरे लिये समझना बहुत कठिन है।
13 हे यहोवा, तूने मेरी समूची देह को बनाया।
तू मेरे विषय में सबकुछ जानता था जब मैं अभी माता की कोख ही में था।
14 हे यहोवा, तुझको उन सभी अचरज भरे कामों के लिये मेरा धन्यवाद,
और मैं सचमुच जानता हूँ कि तू जो कुछ करता है वह आश्चर्यपूर्ण है।
15 मेरे विषय में तू सब कुछ जानता है।
जब मैं अपनी माता की कोख में छिपा था, जब मेरी देह रूप ले रही थी तभी तूने मेरी हड्डियों को देखा।
16 हे यहोवा, तूने मेरी देह को मेरी माता के गर्भ में विकसते देखा। ये सभी बातें तेरी पुस्तक में लिखीं हैं।
हर दिन तूने मुझ पर दृष्टी की। एक दिन भी तुझसे नहीं छूटा।
17 हे परमेश्वर, तेरे विचार मेरे लिये कितने महत्वपूर्ण हैं।
तेरा ज्ञान अपरंपार है।
18 तू जो कुछ जानता है, उन सब को यदि मैं गिन सकूँ तो वे सभी धरती के रेत के कणों से अधिक होंगे।
किन्तु यदि मैं उनको गिन पाऊँ तो भी मैं तेरे साथ में रहूँगा।
14 “लोग प्रतिज्ञा करते हैं और कहते हैं, ‘यहोवा निश्चय ही शाश्वत है। केवल वही है जो इस्राएल के लोगों को मिस्र देश से बाहर लाया’ किन्तु समय आ रहा है,” जब लोग ऐसा नहीं कहेंगे। “यह सन्देश यहोवा का है। 15 लोग कुछ नया कहेंगे। वे कहेंगे, ‘निश्चय ही यहोवा शाश्वत है। वह ही केवल ऐसा है जो इस्राएल के लोगों को उत्तरी देश से ले आया। वह उन्हें उन सभी देशों से लाया जिनमें उसने उन्हें भेजा था।’ लोग ये बातें क्यों कहेंगे क्योंकि मैं इस्राएल के लोगों को उस देश में वापस लाऊँगा जिसे मैंने उनके पूर्वजों को दिया था।
16 “मैं शीघ्र ही अनेकों मछुवारों को इस देश में आने के लिये बुलाऊँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “वे मछुवारे यहूदा के लोगों को पकड़ लेंगे। यह होने के बाद मैं बहुत से शिकारियों को इस देश में आने के लिये बुलाऊँगा। वे शिकारी यहूदा के लोगों का शिकार हर एक पहाड़, पहाड़ी और चट्टानों की दरारों में करेंगे। 17 मैं वह सब जो वे करते हैं, देखता हूँ। यहूदा के लोग उन कामों को मुझसे छिपा नहीं सकते जिन्हें वे करते हैं। उनके पाप मुझसे छिपे नहीं हैं। 18 मैं यहूदा के लोगों ने जो बुरे काम किये हैं, उसका बदला चुकाऊँगा। मैं हर एक पाप के लिये दो बार उनको दण्ड दूँगा। मैं यह करुँगा क्योंकि उन्होंने मेरे देश को ‘गन्दा’ बनाया है। उन्होंने मेरे देश को भयंकर मूर्तियों से गन्दा किया है। मैं उन देवमूर्तियों से घृणा करता हूँ। किन्तु उन्होंने मेरे देश को अपनी देवमूर्तियों से भर दिया है।”
19 हे यहोवा, तू मेरी शक्ति और गढ़ है।
विपत्ति के समय भाग कर बचने की तू सुरक्षित शरण है।
सारे संसार से राष्ट्र तेरे पास आएंगे।
वे कहेंगे, “हमारे पिता असत्य देवता रखते थे।
उन्होंने उन व्यर्थ देवमूर्तियों की पूजा की,
किन्तु उन देवमूर्तियों ने उनकी कोई सहायता नहीं की।
20 क्या लोग अपने लिये सच्चे देवता बना सकते हैं नहीं,
वे मूर्तियाँ बना सकते हैं, किन्तु वे मूर्तियाँ सचमुच देवता नहीं है।”
21 “अत: मैं उन लोगों को सबक सिखाऊँगा,
जो देवमूर्तियों को देवता बनाते हैं।
अब मैं सीधे अपनी शक्ति और प्रभुता के बारे में शिक्षा दूँगा।
तब वे समझेंगे कि मैं परमेश्वर हूँ। वे जानेंगे कि मेरा नाम यहोवा है।
हृदय पर लिखा अपराध
17 “यहूदा के लोगों का पाप वहाँ लिखा है जहाँ से उसे मिटाया नहीं जा सकता।
वे पाप लोहे की कलम से पत्थरों पर लिखे गये थे।
उनके पाप हीरे की नोकवाली कलम से लिखे गए थे, और वह पत्थर उनका हृदय है।
वे पाप उनकी वेदी के सींगों के बीच काटे गए थे।
2 उनके बच्चे असत्य देवताओं को अर्पित की गई वेदी को याद रखते हैं।
वे अशेरा को अर्पित किये गए लकड़ी के खंभे को याद रखते हैं।
वे उन चीज़ों को हरे पेड़ों के नीचे
और पहाड़ियों पर याद करते हैं।
3 वे उन चीजों को खुले स्थान के पहाड़ों पर याद करते हैं।
यहूदा के लोगों के पास सम्पत्ति और खजाने हैं।
मैं उन चीज़ों को दूसरे लोगों को दूँगा।
मैं तुम्हारे देश के सभी उच्च स्थानों को नष्ट करुँगा।
तुमने उन स्थानों पर पूजा करके पाप किया है।
4 तुम उस भूमि को खोओगे जिसे मैंने तुम्हें दी।
मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हें उनके दास की तरह
उस भूमि में ले जाने दूँगा जिसके बारे में तुम नहीं जानते।
क्यों क्योंकि मैं बहुत क्रोधित हूँ।
मेरा क्रोध तप्त अग्नि सा है,
और तुम सदैव के लिये जल जाओगे।”
पौलुस के साथियों के समाचार
7 हमारा प्रिय बन्धु तुखिकुस जो एक विश्वासी सेवक और प्रभु में स्थित साथी दास है, तुम्हें मेरे सभी समाचार बता देगा। 8 मैं उसे तुम्हारे पास इसलिए भेज रहा हूँ कि तुम्हें उससे हमारे हालचाल का पता चल जाये वह तुम्हारे हृदयों को प्रोत्साहित करेगा। 9 मैं अपने विश्वासी तथा प्रिय बन्धु उनेसिमुस को भी उसके साथ भेज रहा हूँ जो तुम्हीं में से एक है। वे, यहाँ जो कुछ घट रहा है, उसे तुम्हें बतायेंगे।
10 अरिस्तरखुस का जो बन्दीगृह में मेरे साथ रहा है तथा बरनाबास के बन्धु मरकुस का तुम्हें नमस्कार, (उसके विषय में तुम निर्देश पा ही चुके हो कि यदि वह तुम्हारे पास आये तो उसका स्वागत करना), 11 यूसतुस कहलाने वाले यीशु का भी तुम्हें नमस्कार पहुँचे। यहूदी विश्वासियों में बस ये ही परमेश्वर के राज्य के लिये मेरे साथ काम कर रहे हैं। ये मेरे लिये आनन्द का कारण रहे हैं।
12 इपफ्रास का भी तुम्हें नमस्कार पहुँचे। वह तुम्हीं में से एक है और मसीह यीशु का सेवक है। वह सदा बड़ी वेदना के साथ तुम्हारे लिये लगनपूर्वक प्रार्थना करता रहता है कि तुम आध्यात्मिक रूप से सम्पूर्ण बनने के लिये विकास करते रहो। तथा विश्वासपूर्वक परमेश्वर की इच्छा के अनुकूल बने रहो। 13 मैं इसका साक्षी हूँ कि वह तुम्हारे लिये और लौदीकिया तथा हियरापुलिस के रहने वालों के लिये सदा कड़ा परिश्रम करता रहा है। 14 प्रिय चिकित्सक लूका तथा देमास तुम्हें नमस्कार भेजते हैं।
15 लौदीकिया में रहने वाले भाइयों को तथा नमुफास और उस कलीसिया को जो उसके घर में जुड़ती है, नमस्कार पहुँचे। 16 और देखो, पत्र जब तुम्हारे सम्मुख पढ़ा जा चुके, तब इस बात का निश्चय कर लेना कि इसे लौदीकिया की कलीसिया में भी पढ़वा दिया जाये। और लौदीकिया से मेरा जो पत्र तुम्हें मिले, उसे तुम भी पढ़ लेना। 17 अखिप्पुस से कहना कि वह इस बात का ध्यान रखे कि प्रभु में जो सेवा उसे सौंपी गयी है, वह उसे निश्चय के साथ पूरा करे।
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