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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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इब्री 3:7-4:11

अविश्वास के प्रति चेतावनी

इसलिए ठीक जिस प्रकार पवित्रात्मा का कहना है:

“यदि आज, तुम उनकी आवाज़ सुनो,
    तो अपने हृदय कठोर न कर लेना,
जैसा तुमने मुझे उकसाते हुए जंगल,
    में परीक्षा के समय किया था.
वहाँ तुम्हारे पूर्वजों ने चालीस वर्षों तक,
    मेरे महान कामों को देखने के बाद भी चुनौती देते हुए मुझे परखा था.
10 इसलिए मैं उस पीढ़ी से क्रोधित रहा.
    मैंने उनसे कहा, ‘हमेशा ही उनका हृदय मुझ से दूर हो जाता है.
    उन्हें मेरे आदेशों का कोई अहसास नहीं है.’
11 इसलिए मैंने अपने क्रोध में शपथ ली,
    ‘मेरे विश्राम में उनका प्रवेश कभी न होगा.’”

12 प्रियजन, सावधान रहो कि तुम्हारे समाज में किसी भी व्यक्ति का ऐसा बुरा तथा अविश्वासी हृदय न हो, जो जीवित परमेश्वर से दूर हो जाता है. 13 परन्तु जब तक वह दिन, जिसे आज कहा जाता है, हमारे सामने है, हर दिन एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते रहो, ऐसा न हो कि तुममें से कोई भी पाप के छलावे के द्वारा कठोर बन जाए. 14 यदि हम अपने पहले भरोसे को अन्त तक सुरक्षित बनाए रखते हैं, हम मसीह के सहभागी बने रहते हैं. 15 जैसा कि वर्णन किया गया है:

यदि आज तुम उनकी आवाज़ सुनो
    तो अपने हृदय कठोर न कर लेना,
    जैसा तुमने उस समय मुझे उकसाते हुए किया था.

16 कौन थे वे, जिन्होंने उनकी आवाज़ सुनने के बाद उन्हें उकसाया था? क्या वे सभी नहीं, जिन्हें मोशेह मिस्र देश से बाहर निकाल लाए थे? 17 और कौन थे वे, जिनसे वह चालीस वर्ष तक क्रोधित रहे? क्या वे ही नहीं, जिन्होंने पाप किया और जिनके शव जंगल में पड़े रहे? 18 और फिर कौन थे वे, जिनके सम्बन्ध में उन्होंने शपथ खाई थी कि वे लोग उनके विश्राम में प्रवेश नहीं पाएँगे? क्या ये सब वे ही नहीं थे, जिन्होंने आज्ञा नहीं मानी थी? 19 इसलिए यह स्पष्ट है कि अविश्वास के कारण वे प्रवेश नहीं पा सके.

परमेश्वर की प्रजा के लिए शब्बाथ-विश्राम

इसलिए हम इस विषय में विशेष सावधान रहें कि जब तक उनके विश्राम में प्रवेश की प्रतिज्ञा मान्य है, आप में से कोई भी उसमें प्रवेश से चूक न जाए. हमें भी ईश्वरीय सुसमाचार उसी प्रकार सुनाया गया था जैसे उन्हें, किन्तु सुना हुआ वह ईश्वरीय सुसमाचार उनके लिए लाभप्रद सिद्ध नहीं हुआ क्योंकि उन्होंने इसे विश्वास से ग्रहण नहीं किया था. हमने, जिन्होंने विश्वास किया, उस विश्राम में प्रवेश पाया, ठीक जैसा उनका कहना था:

जैसे मैंने अपने क्रोध में शपथ खाई,
    वे मेरे विश्राम में प्रवेश कभी न पाएँगे,

यद्यपि उनके काम सृष्टि के प्रारम्भ से ही पूरे हो चुके थे. उन्होंने सातवें दिन के सम्बन्ध में किसी स्थान पर इस प्रकार वर्णन किया था: तब सातवें दिन परमेश्वर ने अपने सभी कामों से विश्राम किया. एक बार फिर इसी भाग में, वे मेरे विश्राम में प्रवेश कभी न करेंगे.

इसलिए कि कुछ के लिए यह प्रवेश अब भी खुला आमन्त्रण है तथा उनके लिए भी, जिन्हें इसके पूर्व ईश्वरीय सुसमाचार सुनाया तो गया किन्तु वे अपनी अनाज्ञाकारिता के कारण प्रवेश न कर पाए, परमेश्वर ने एक दिन दोबारा तय किया: आज. इसी दिन के विषय में एक लम्बे समय के बाद उन्होंने दाविद के मुख से यह कहा था—ठीक जैसा कि पहले भी कहा था:

यदि आज तुम उनकी आवाज़ सुनो
    तो अपने हृदय कठोर न कर लेना.

यदि उन्हें यहोशू द्वारा विश्राम प्रदान किया गया होता तो परमेश्वर इसके बाद एक अन्य दिन का वर्णन न करते. इसलिए परमेश्वर की प्रजा के लिए अब भी एक शब्बाथ का विश्राम तय है. 10 क्योंकि वह, जो परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करता है, अपने कामों से भी विश्राम करता है, जिस प्रकार स्वयं परमेश्वर ने विश्राम किया था. 11 इसलिए हम उस विश्राम में प्रवेश का पूरे साहस से प्रयास करें, कि किसी को भी उसी प्रकार अनाज्ञाकारिता का दण्ड भोगना न पड़े.

Saral Hindi Bible (SHB)

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