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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 60

संगीत निर्देशक के लिये “वाचा की कुमुदिनी धुन” पर उस समय का दाऊद का एक उपदेश गीत जब दाऊद ने अरमहरैन और अरमसोबा से युद्ध किया तथा जब योआब लौटा और उसने नमक की घाटी में बारह हजार स्वामी सैनिकों को मार डाला।

हे परमेश्वर, तूने हमको बिसरा दिया।
    तूने हमको विनष्ट कर दिया। तू हम पर कुपित हुआ।
    तू कृपा करके वापस आ।
तूने धरती कँपाई और उसे फाड़ दिया।
    हमारा जगत बिखर रहा,
    कृपया तू इसे जोड़।
तूने अपने लोगों को बहुत यातनाएँ दी है।
    हम दाखमधु पिये जन जैसे लड़खड़ा रहे और गिर रहे हैं।
तूने उन लोगों को ऐसे चिताया, जो तुझको पूजते हैं।
    वे अब अपने शत्रु से बच निकल सकते हैं।

तू अपने महाशक्ति का प्रयोग करके हमको बचा ले!
    मेरी प्रार्थना का उतर दे और उस जन को बचा जो तुझको प्यारा है!

परमेश्वर ने अपने मन्दिर में कहा:
    “मेरी विजय होगी और मैं विजय पर हर्षित होऊँगा।
मैं इस धरती को अपने लोगों के बीच बाँटूंगा।
    मैं शकेम और सुक्कोत
    घाटी का बँटवारा करूँगा।
गिलाद और मनश्शे मेरे बनेंगे।
    एप्रेम मेरे सिर का कवच बनेगा।
    यहूदा मेरा राजदण्ड बनेगा।
मैं मोआब को ऐसा बनाऊँगा, जैसा कोई मेरे चरण धोने का पात्र।
    एदोम एक दास सा जो मेरी जूतियाँ उठता है।
    मैं पलिश्ती लोगों को पराजित करूँगा और विजय का उद्धोष करूँगा।”

9-10 कौन मुझे उसके विरूद्ध युद्ध करने को सुरक्षित दृढ़ नगर में ले जायेगा मुझे कौन एदोम तक ले जायेगा
    हे परमेश्वर, बस तू ही यह करने में मेरी सहायता कर सकता है।
किन्तु तूने तो हमको बिसरा दिया! परमेश्वर हमारे साथ में नहीं जायेगा!
    और वह हमारी सेना के साथ नहीं जायेगा।
11 हे परमेश्वर, तू ही हमको इस संकट की भूमि से उबार सकता है!
    मनुष्य हमारी रक्षा नहीं कर सकते!
12 किन्तु हमें परमेश्वर ही मजबूत बना सकता है।
    परमेश्वर हमारे शत्रुओं को परजित कर सकता है!

होशे 14

यहोवा की ओर मुड़ना

14 हे इस्राएल, तेरा पतन हुआ और तूने परमेश्वार के विरूद्ध पाप किया। इसलिये अब तू अपने परमेश्वार यहोवा की ओर लौट आ। जो बातें तुझे कहनी हैं, उनके बारे में सोच और यहोवा की ओर लौट आ। उससे कह,

“हमारे पापों को दूर कर
    और उन अच्छी बातों को स्वीकार कर जिन्हें हम कर रहे हैं।
    हम अपने मुख से तेरी स्तुति करेंगे।”
अश्शूर हमें बचा नहीं पायेगा।
    हम घोड़ों पर सवारी नहीं करेंगे।
हम फिर अपने ही हाथों से बनाई हुई वस्तुओं को,
    “अपना परमेश्वार” नहीं कहेंगे।
क्यों? क्योंकि बिना माँ—बाप के अनाथ बच्चों पर
    दया दिखाने वाला बस तू ही है।

यहोवा इस्राएल को क्षमा करेगा

यहोवा कहता है, “उन्होंने मुझे त्याग दिया।
मैं उन्हें इसके लिये क्षमा कर दूँगा।
    मैं उन्हें मुक्त भाव से प्रेम करुँगा।
    मैं अब उन पर क्रोधित नहीं हूँ।
मैं इस्राएल के निमित्त ओस सा बनूँगा।
    इस्राएल कुमुदिनी के फूल सा खिलेगा।
    उसकी बढ़वार लबानोन के देवदार वृक्षों सी होगी।
उसकी शाखायें जैतून के पेड़ सी बढ़ेंगी
    वह सुन्दर हो जायेगा।
वह उस सुगंध सा होगा जो
    लबानोन के देवदार वृक्षों से आती है।
इस्राएल के लोग फिर से मेरे संरक्षण में रहेंगे।
    उनकी बढ़वार अन्न की होगी,
वे अंगूर की बल से फलें—फूलेंगे।
    वे ऐसे सर्वप्रिय होंगे जैसे लबनोन का दाखमधु है।”

इस्राएल को मूर्तियों के विषय में यहोवा की चेतावनी

“हे एप्रैम, मुझ यहोवा को इन मूर्तियों से कोई सरोकार नहीं है।
    मैं ही ऐसा हूँ जो तुम्हारी प्रार्थनाओं का उत्तर देता हूँ और तुम्हारी रखवाली करता हूँ।
मैं हरे—भरे सनोवर के पेड़ सा हूँ।
    तुम्हारे फल मुझसे ही आते हैं।”

अन्तिम सम्मति

ये बातें बुद्धिमान व्यक्ति को समझना चाहिये,
    ये बातें किसी चतुर व्यक्ति को जाननी चाहियें।
यहोवा की राहें उचित है।
    सज्जन उसी रीति से जीयेंगे;
    और दुष्ट उन्हीं से मर जायेंगे।

लूका 12:22-31

परमेश्वर से बढ़कर कुछ नहीं है

(मत्ती 6:25-34; 19-21)

22 फिर उसने अपने शिष्यों से कहा, “इसीलिये मैं तुमसे कहता हूँ, अपने जीवन की चिंता मत करो कि तुम क्या खाओगे अथवा अपने शरीर की चिंता मत करो कि तुम क्या पहनोगे? 23 क्योंकि जीवन भोजन से और शरीर वस्त्रों से अधिक महत्त्वपूर्ण है। 24 कौवों को देखो, न वे बोते हैं, न ही वे काटते है। न उनके पास भंडार है और न अनाज के कोठे। फिर भी परमेश्वर उन्हें भोजन देता है। तुम तो कौवों से कितने अधिक मूल्यवान हो। 25 चिन्ता करके, तुम में से कौन ऐसा हे, जो अपनी आयु में एक घड़ी भी और जोड़ सकता है। 26 क्योंकि यदि तुम इस छोटे से काम को भी नहीं कर सकते तो शेष के लिये चिन्ता क्यों करते हो?

27 “कुमुदिनियों को देखो, वे कैसे उगती हैं? न वे श्रम करती है, न कताई, फिर भी मैं तुमसे कहता हूँ कि सुलैमान अपने सारे वैभव के साथ उन में से किसी एक के समान भी नहीं सज सका। 28 इसीलिये जब मैदान की घास को, जो आज यहाँ है और जिसे कल ही भाड़ में झोक दिया जायेगा, परमेश्वर ऐसे वस्त्रों से सजाता है तो ओ अल्प विश्वासियो, तुम्हें तो वह और कितने ही अधिक वस्त्र पहनायेगा।

29 “और चिन्ता मत करो कि तुम क्या खाओगे और क्या पीओगे। इनके लिये मत सोचो। 30 क्योंकि जगत के और सभी लोग इन वस्तुओं के पीछे दौड़ रहे हैं पर तुम्हारा पिता तो जानता ही है कि तुम्हें इन वस्तुओं की आवश्यकता है। 31 बल्कि तुम तो उसके राज्य की ही चिन्ता करो। ये वस्तुएँ तो तुम्हें दे ही दी जायेंगी।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International