Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
15 तब कुछू दिन के बाद, पतरस ह बिसवासीमन के बीच म (ओमन करीब एक सौ बीस झन रिहिन) ठाढ़ होके कहिस, 16 “हे भाईमन हो, ए जरूरी रिहिस कि परमेसर के बचन ह पूरा होवय, जऊन ला पबितर आतमा ह दाऊद के मुहूं ले बहुंत पहिली यहूदा के बारे म कहे रिहिस, जऊन ह यीसू के पकड़वइयामन के अगुवा रिहिस। 17 ओह हमन के संग गने गीस अऊ ए सेवा के काम म भागीदार होईस।” 18 (ओह पाप के कमई ले एक ठन खेत बिसोईस; उहां ओह मुड़ी के भार गिरिस; ओकर देहें ह फाट के खुल गे अऊ ओकर जम्मो पोटा ह बाहिर निकर गीस[a]। 19 यरूसलेम म जम्मो झन एकर बारे म सुनिन, एकरसेति ओमन ओ खेत के नांव अपन भासा म “हकलदमा” रखिन, जेकर मतलब होथे – “लहू के खेत”)।
20 पतरस ह आगे कहिस, “काबरकि भजन-संहिता म ए लिखे हवय,
‘ओकर घर ह खाली हो जावय;
ओम कोनो झन रहय, अऊ ओकर सेवा के पद ला कोनो आने ह ले लेवय।’[b]
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