Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
गिमेल
17 आपन सेवक, मोर बरे अच्छा करा
ताकि मइँ जी सकेउँ अउर तोहरे वचन पइ चलि सकेउँ।
18 हे यहोवा, मोर आँखी खोला तउ होइ सकत ह कि मइँ एका लखि सकत हउँ।
अउर तोहरी अद्भुत बातन पढ़ सकेउँ जेका तू किहा ह।
19 मइँ इ धरती पइ एक अनजाना परदेसी हउँ।
हे यहोवा, आपन सिच्छन क
मोसे जिन छिपावा।
20 मोर हमेसा तोहरे जरिए पइ बना भवा फइसलन क
अध्ययन क अभिलासा रखत हउँ।
21 हे यहोवा, तू अहंकारी जन क फटकारत ह।
ओन अहंकारी लोगन पइ बुरी बातन घटित होइहीं।
उ सबइ तोहरे आदेसन स मुरि गवा अहइँ।
22 लज्जा अउर अपमान क मोसे हटाइ द्या।
मइँ तोहरी करार क पालन किहेउँ ह।
23 हिआँ तलक कि नेता लोगन भी मोरे बरे बुरी बातन किहेन ह।
मुला मइँ तउ तोहार सेवक अहउँ।
मइँ तोहरे विधियन क समुझत हउँ।
24 तोहार करार मोर सर्वोत्तम मीत अहइ।
इ मोका नीक सलाह दिया करत ह।
दालथ
25 मइँ हाली दाल्थ मरि जाब।
हे यहोवा, तू आदेस द्या अउर मोका जिअइ द्या।
26 मइँ तोहका आपन जिन्नगी क बारे मँ बताएउँ ह, तू मोका जवाब दिहा ह
अबइ तू मोका आपन बिधान बतावा।
27 हे यहोवा, मोर सहायता करा ताकि मइँ समुझ सकेउँ कि तोहार उपदेसन क पालन कइसे कीन्ह जाई सकी।
मोका ओन अद्भुत कर्मन क चिंतन करइ द्या जेनका तू किहा ह।
28 मइँ दुःखी अउर थका हउँ।
वचन क मुताबिक मोका तू फुन स मज़बूत बनाइ द्या।
29 हे यहोवा, मोका कउनो परेसानी क जीवन जिन जिअइ द्या।
तोहार कानून क मोका दयालुता स सिखावा।
30 मइँ तोहार करार क मानइ बरे चुने रहेउँ।
मइँ आपन आप क तोहार विवेकी फइसलन क अध्ययन अउर पालन करइ क बचन बद्ध किहेउँ ह।
31 तोहार करार क संग मइँ लगनसील अहउँ।
हे यहोवा, मोका असफल जिन होइ द्या।
32 मइँ तोहरे आग्यन क पालन उत्सुकता स किह्या ह
जब तू मोर समुझदारी क बढ़ाया ह।
देस क लोगन क सजा नस्ट करी
5 मोर सुआमी सर्वसक्तीमान यहोवा, उ पहँटा क छुइ
अउर उ टेघर जाइ
तब उ देस क सबहिं निबासी मरे भए लोगन बरे रोइहीं।
इ पहँटा मिस्र क नील नदी क नाई
ऊपर उठी अउर खाली गिरी।
6 यहोवा आपन ऊपर क निवास अकासे क ऊपर बनाएस।
उ आपन आकास क पृथ्वी पइ धरेस।
उ सागरे क जल क बोलाइ लेत ह,
अउर देस पइ ओकर बर्खा करत ह।
ओकर नाउँ यहोवा अहइ।
यहोवा इस्राएल क नस्ट करइ क प्रतिग्या करत ह
7 यहोवा इ कहत ह:
“इस्राएल तू मोरे बरे कूसियन क नाई अहा।
मइँ इस्राएल क मिस्र स निकारिके लाएउँ।
मइँ पलिस्तियन क भी कप्तोर स लाएउँ
अउर अरामियन क भी कीर स।”
8 मोर सुआमी यहोवा पापे स भरा राज्ज पइ दृस्टि रखे अहइ।
यहोवा इ कहत ह,
“मइँ पृथ्वी पइ स इस्राएल क नस्ट करब।
मुला मइँ याकूब क परिवार क पूरी तरह नस्ट नाहीं करब।
9 मइँ इस्राएल क घराना क तितर-बितर कइके दूसर रास्ट्रन मँ
छितरावइ क आदेस देत अहउँ।
इ उहइ तरह होइ जइसे कउनो मनई अनाजे क छननी स छान देत ह।
नीक आटा ओहसे निकरि जात ह, मुला बुरा अंस फँस जात ह।
याकूब क परिवारे क संग अइसा ही होइ।
10 “मोरे लोगन क बीच पापी कहत हीं,
‘हम लोगन क संग कछू भी बुरा नाहीं घटित होइ।’
मुला उ पचे सबहिं लोग तरवार स मारि दीन्ह जइहीं।”
परमेस्सर राज्ज क फुन स स्थापना क प्रतिग्या करत ह
11 “दाऊद क डेरा गिर गवा ह, मुला उ समइ इ डेरे क मइँ फुन खड़ा करब।
मइँ देवारन क छेदन क भरि देब।
मइँ नस्ट इमारतन क फुन स बनाउब।
मइँ एका अइसा बनाउब जइसा इ पहिले रहा।
12 फुन उ पचे एदोम मँ जउन लोग बचि गवा अहइँ,
ओनका अउर ओन जातियन क जउन मोरे नाउँ स जानी जात हीं, लइ जाइ।”
यहोवा इ सबइ बातन कहेस,
अउर उ सबइ ओनका घटित कराई।
13 यहोवा कहत ह, “उ समइ आवत अहइ,
जब हर तरह क भोजन क बहोतयात होइ।
अबहिं लोग पूरी तरह फसल काटि नाहीं पाए होइहीं
कि जोताइ क समइ आइ जाइ।
लोग अबहिं अंगूरन क रस निकारि ही रहा होइहीं
कि अंगूरन क रोपाइ क समइ फुन आइ पहोंची।
पर्वतन स दाखरस क धार बही
अउर उ पहाड़ियन स बरसी।
14 मइँ आपन लोगन इस्राएलियन क
देस निकारइ स वापस लिआउब।
उ पचे नस्ट भए सहरन क फुन स बनइहीं
अउर ओन सहरन मँ रइहीं।
उ पचे अंगूरे क बेलन क बाग लगइहीं
अउर उ पचे ओन बागन स मिला भवा दाखरस पीइहीं।
उ पचे बाग लगइहीं
अउर उ पचे ओन बागन क फलन क खइहीं।
15 मइँ आपन लोगन क ओनकी भुइँया पइ जमाउब
अउर उ पचे फुन उ देस स उखाड़ा नाहीं जइही जेका मइँ ओनका दिहेउँ ह।”
यहोवा तोहार पचन्क परमेस्सर इ सबइ बातन कहेस।
41 इ सुनिके यहूदियन ईसू प बड़बड़ाय लागेन, काहेकि उ कहत रहा, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन सरग स उतरी अहउँ।” 42 अउर उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क पूत ईसू न अहइ का हम एनके महतारी बाप क नाहीं जानित? फिन इ कइसे कहत बा कि ‘मइँ सरग स उतरा हउँ’?”
43 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “एक दूसरे प बड़बड़ाब छोड़ द्या, 44 मोरे लगे तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तक मोका भेजइवाला परमपिता ओका मोरे तरफ न खींचइ। मइँ आखिरी दिन ओका फिन जियाइ देब। 45 नबियन लिखे अहइँ, ‘अउर उ सब परमेस्सर दवारा सिखावा भए होइहीं।’(A) 46 जउन मनई परमपिता क सुनत ह, अउर ओसे सीखत ह, मोरे पास आवत ह। मुला सच-सच जेहिका परमपिता भेजे अहइ, ओका छाँड़िके कउनो नाहीं लखे अहइ। परमपिता क बस उहइ लखे अहइ।
47 “मइँ तोहसे सच-सच कहत बाटेउँ कि जउन मनई बिसवास करत ह उ अनन्त जीवन पावत ह। 48 मइँ उ रोटी अहउँ जउऩ जीवन देत ह। 49 तोहार पचेन्क पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाए रहेन्ह तबहूँ उ पचे मरि गएन। 50 इ उ रोटी अहइ जउन सरग स उतरत ह जउने कि मनई ओहमाँ स खात ह उ न मरी। 51 जीवन क रोटी जउन सरग स उतरी अहइ, उ मइँ अहउँ। जउऩ मनई इ रोटी खाई, उ हमेसा जीवित रही, अउर जउऩ रोटी मइँ दुनिया क जिन्नगी क बरे देब, उ मोर माँस अहइ। इहइ संसार जिअत रही।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.