Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
संगीत निर्देसक बरे उ समइ क एक ठु कलात्मक। जब एदमी दोएग साऊल क लगे आइके कहे रहा, दाऊद अबीमेलेक क घरे मँ अहइ।
1 अरे ओ, बड़का मनई! तू काहे सेखी बघारत अहा जउन बुरे करमन क तू करत अहा?
तू लगातार परमेस्सर क अपमान करत अहा।
2 तू मूरखता भरा कुचक्र रचत अहा।
तोहार जीभ वइसी ही भयानक अहइ, जइसे तेज उस्तरा होत ह।
काहेकि तोहार जीभ झूठ बोलत रहत ह!
3 तोहका नेकी स जियादा बदी भावत ह।
तोहका झूठ क बोलब, फुरइ बोलइ स जियादा भावत ह।
4 तोहका अउ तोहरी झूठी जीभ क, लोगन क हानि पहोंचाउब नीक लागत ह।
5 तोहका परमेस्सर सदा बरे नस्ट कइ देइ।
उ तोह पइ झपटी अउर तोहका धरिके घरे से बाहेर करी।
उ तोहका मारी अउ तोहार कउनो भी संतान नाहीं रही।
6 सज्जन लोग ऍका लखिहीं
अउ परमेस्सर स डेराब अउर ओकर आदर करब सिखिहीं।
उ पचे तोह पइ, जउन घटा ओह पइ हँसिहीं अउर कइहीं,
7 “लखा उ मनई क संग का भवा जउन यहोवा पइ निर्भर नाहीं रहा।
उ मनई सोचेस कि ओकर धन अउर झूठ ऍकर रच्छा करिहीं।”
8 मुला मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ एक ठु हरिअर जइतून क बृच्छा जइसा अहउँ।
मोर परमेस्सर क बिस्सासी पिरेम मँ सदा-सदा बरे भरोसा अहइ।
9 हे परमेस्सर, मइँ ओन कामे क बरे जेनका तू किह्या हमेसा स्तुति करब।
मइँ तोहरे बिस्सासी मनइयन क समन्वा तोहरे नाउँ क घोसना करब।
इस्राएल स नीक समइ क लइ लीन्ह जाइ
6 सिय्योन क तू पचन्क मँ स कछू क जिन्नगी बहोत अराम क अहइ।
सामरिया पर्वत क कछू लोग अपने क सुरच्छित महसूस करत हीं।
मुला तू पचन पइ अनेक मुसीबतन अइहीं।
रास्ट्रन क सब स उत्तिम नगर क तू पचे सम्मानित लोग अहा।
“इस्राएल क लोग” निआव पावइ बरे तोहरे पचन्क लगे आवत हीं।
2 जा अउ कलने क लखा।
हुआँ स बिसाल नगर हमात क जा।
पलिस्ती सहर गत क जा।
का तू पचे इ सबइ राज्यन स बढ़िया अहा? नाहीं।
ओनकर पहँटा तोहरे पचन्क देसे स बड़का अहइँ।
3 जब तू हिंसा क जरिये सासन करत ह
तउ तू सज़ा क दिना बरे सोचइ स इन्कार करत जउन कि आवत ह।
4 मुला तू पचे सबहिं बिलासन क भोगा करत अहा।
तू पचे हाथी दाँते क सेज पइ सोवत अहा अउर अपने बिछौना पइ आराम करत अहा।
तू पचे गोरूअन क झुण्ड मँ स नरम मेमनन
अउ बाड़न मँ स नवा बछवा खात अहा।
5 तू पचे आपन वीणन क बजावत अहा
अउर राजा दाऊद क नाईं संगीत क धन बनावत ह।
6 तू पचे सुन्नर पिआलन मँ दाखरस पिआ करत अहा।
तू पचे सब स उत्तिम तेलन मँ स आपन मालिस करत अहा
अउर तू पचन्क एकरे बरे घबराहट भी नाहीं
कि यूसुफ क परिवार नस्ट कीन्ह जात अहइ।
7 उ सबइ लोग अब बिछउना पइ अराम करत अहइँ। मुला ओनकर नीक समइ खतम होइ। उ पचे बन्दी क रूप मँ विदेसन मँ पहोंचावा जइहीं अउर उ पचे पहिले पकड़ा जाइवालन मँ स कछू होइहीं। 8 मोर सुआमी यहोवा आपन नाउँ स इ प्रतिग्या किहे रहा। सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा प्रतिग्या किहस ह:
“मइँ ओन बातन स घिना करत हउँ जेन पइ याकूब क गर्व अहइ।
मइँ ओकर मजबूत मीनारन स घिना करत हउँ।
एह वरे मइँ दुस्मन क सहर
अउर सहर क हर एक चीज लेइ देबउँ।”
तनिक इस्राएली जिअत बचिहीं
9 उ समइ, कउनो घरे मँ अगर दस मनई जिअत बचिहीं तउ भी उ पचे मरि जइहीं। 10 जब कउनो मरि जाइ तब कउनो संबंधी ल्हास लेइ आइ, जेहसे उ ओका बाहेर लइ जाइ सकइ अउर बारि सकइ। संबंधी घरे मँ हाड़न क लेइ आइ। लोग कउनो भी उ मनई स जउन घरे क भितरे छुपा होइ, पूछिहीं, “का तोहरे पचन्क लगे कउनो दूसर ल्हास अहइ?”
उ मनई जवाब देइ, “नाहीं…”
तब मनई क संबंधी कइहीं, “चुप। हम पचन्क यहोवा क नाउँ नाहीं लेइ चाही।”
11 लखा, परमेस्सर यहोवा हुकुम देइ
अउर बिसाल महल टूका-टूका कीन्ह जइहीं
अउर नान्ह घर नान्ह नान्ह टूकन मँ तोरा जइहीं।
12 का घोड़न सिलाखंडन पइ दउड़त हीं? नाहीं।
का लोग समुदर क बर्धन स जोत सकत हीं? नाहीं।
तउ भी तू पचे हर चीज क उलट-पलट देत अहा।
तू पचे अच्छाई अउ निआव क जहर मँ बदल देत अहा।
13 तू पचे लौ-देवरे मँ खुस अहा, तू पचे कहत अहा,
“हम पचे करनैम क आपन सक्ति स जीता ह।”
14 “किन्तु इस्राएल, मइँ तू पचन्क खिलाफ एक रास्ट्र क पठउब। उ रास्ट्र तोहरे पचन्क समूचे देस क, लेबो-हमात स लइके अराबा नाले तलक मुसीबते मँ डइहीं।” सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा उ सबइ कहेस।
बिआ बोवइ क दिस्टान्त कथा
(मत्ती 13:1-17; मरकुस 4:1-12)
4 जब सहर-सहर स आइके मनइयन क बड़ी भीड़ ऍकट्ठा होत रही, तउ उ ओनसे एक दिस्टान्त कथा कहेस,
5 “एक किसान आपन बिआ बोवइ निकरा। जब उ बिआ बोएस कछू बिआ राह क किनारे जाइके गिरेन अउर गोड़े तरे रौंद गएन। अउर चिड़ियाँ ओनका चुग लिहेन। 6 कछू बिआ पथरही धरती प गिरेन, उ सबइ जब उगेन तउ ओद न होइ स मुरझाइ गएन। 7 कछू बिआ कँटेहरी झाड़िन मँ गिरेन। काँटन क बाढ़इ क संग संग उ भी बाढ़ेन अउर कँटवन ओनका दबोच लिहन। 8 अउर कछू बिआ धरती प गिरेन। उ उगेन अउर उ सबइ सउ गुना फसल दिहेन।”
इ बातन क बतावत भवा उ पुकारिके कहेस, “जेकरे लगे कान अहइँ, उ सबइ सुनि लेइँ।”
9 ओकर चेलन ओसे पूछेन, “इ दिस्टान्त कथा क अरथ का अहइ?”
10 तउ उ बताएस, “परमेस्सर क राज्य क भेद जानइ क सुविधा तोहका दीन्ह गइ अहइ मुला दूसर क इ भेद दिस्टान्त कथा स दीन्ह ग अहइँ जेहसे:
‘उ पचे देखत भी
न देख पावइँ
अउर सुनते हुए भी
न समुझ पावइँ।’ (A)
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.