Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
हर बात म उदार बनव
8 हे भाईमन हो, हमन चाहथन कि तुमन ओ अनुग्रह के बारे म जानव, जऊन ला परमेसर ह मकिदुनिया के कलीसियामन ला दे हवय। 2 दुःख के भारी परिछा म ओमन बड़ आनंद मनावत हवंय अऊ भयंकर गरीबी म ओमन अब्बड़ दानी हो गे हवंय। 3 काबरकि मेंह गवाही दे सकथंव कि अपन सक्ति के मुताबिक ओमन जतकी जादा हो सकिस, दे हवंय; अऊ त अऊ ओमन अपन सक्ति ले बाहिर घलो दे हवंय। अऊ अपन पूरा ईछा ले दे हवंय। 4 ओमन बार-बार हमर ले बिनती करिन कि ओमन ला संतमन के सेवा म मदद करे बर मऊका मिलय। 5 अऊ जइसने हमन आसा करत रहेंन, ओमन वइसने नइं करिन, पर ओमन पहिली अपन-आप ला परभू ला दे दीन अऊ तब परमेसर के ईछा के मुताबिक अपन-आप ला हमर अधीन कर दीन। 6 तीतुस ह पहिली ए काम ला सुरू करे रिहिस, एकरसेति हमन ओकर ले बिनती करेन कि ओह अनुग्रह के ए काम ला तुम्हर बीच म पूरा घलो करय। 7 पर जइसने तुमन हर बात म बढ़त जावत हव – बिसवास म, बचन बोलई म, गियान म, लगन से काम करई म अऊ हमर बर तुम्हर मया म – वइसने ही तुमन दान देय के मामला म घलो बढ़त जावव।
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