Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
“नास जिन करा” नाउँ क धुन पइ संगीत निर्देसक बरे आसाफ क भजन।
1 हे परमेस्सर, हम तोहार बड़कई करत अही।
हम तोहार बड़कई करत अही काहेकि तोहार मौजूदगी निअरे अहइ।
अउर लोग तोहरे ओन अद्भुत करमन क जेनका तू करत अहा, बयान करत हीं।
2 परमेस्सर कहत ह, “मइँ निआउ क समइ चुन लिहेउँ,
मइँ निस्पच्छ होइके निआउ करब।
3 धरती अउ धरती क हर वस्तु डगमगाइ सकत ह अउर गिरइ क तइयार होइ सकत ह,
किन्तु मइँ ही ओका स्थिर राखत हउँ।
4 “कछू लोग बहोत ही घमण्डी होत हीं।
उ पचे सोचत रहत हीं कि उ पचे बहोत मजबूत अउ महत्वपूर्ण बाटेन।
मुला मई उनसे कहत हउँ, ‘घमण्डी जिन बना!
अइसा बिउहार जिन करा कि तू बहोत मजबूत अउ महत्वपूर्ण अहइ।
5 अइसा जिन दिखावा कि तू बहोत सक्तीसाली अहइ
अउर अहंकारी जिन बना।’”
6 इ फुरइ अहइ कि कउनो भी मनई
धरती पइ नीच क महान नाहीं बनाइ सकत।
7 परमेस्सर सासक ह।
परमेस्सर ऍकर फैसला करत ह कि कउन मनई महान होइ।
परमेस्सर ही कउनो मनई क महत्व स भरा पद पइ बइठावत ह।
अउर कउनो क महत्वहीन पद पइ उहइ बइठावत ह।
8 परमेस्सर क पिआला मिलावटी मधु स भरा बाटइ।
परमेस्सर दण्ड क इ दाखरस क उड़ेरत ह।
अउर दुट्ठ जन ओका
आखिरी बूँद तलक पिअत हीं।
9 मइँ इ बातन क घोसना करब जउन परमेस्सर सदा बरे करत ह।
मइँ इस्राएल क परमेस्सर क महिमा क गुण गाउब।
10 परमेस्सर कहत ह, “मइँ दुट्ठ लोगन क सक्ती क हटाइ देब।
किन्तु सबइ नीक लोगन क सम्मान सक्ती स कीन्ह जाइ।”
नबी एलिय्याह क माँग करत हीं
15 जब यरीहो क नबियन क समूह एलीसा क लखेस, उ पचे कहेन, “एलिय्याह क आतिमा अब एलीसा पइ अहइ।” उ पचे एलीसा स मिलइ आएन। उ पचे एलीसा क समन्वा खाले भुइँया तलक प्रणाम करइ निहुरेन। 16 उ पचे ओहसे कहेन, “लखा, हम अच्छे खासे पचास मनई अही। मेहरबानी कइके एका जाइ द्या अउर अपने सुआमी क हेरइ द्या। होइ सकत ह यहोवा क सक्ती एलिय्याह क ऊपर लइ लिहे होइ अउर ओका कउनो पर्वत या घाटी मँ भहराइ दिहे होइ।”
मुला एलीसा जवाब दिहस, “नाहीं, एलिय्याह क खोज बरे मनइयन क जिन पठवा।”
17 नबियन क समूह एलीसा स एतना जियादा पराथना किहस, कि उ उलझन मँ पड़ गवा। तब एलीसा कहेस, “ठीक अहइ, एलिय्याह क खोज मँ मनइयन क पठइ द्या।”
नबियन क समूह पचास मनइयन क एलिय्याह क खोज बरे पठएस। उ पचे तीन दिन तलक खोज किहेन मुला उ पचे एलिय्याह क न पाइ सकेन। 18 एह बरे उ सबइ लोग यरीहो गएन जहाँ एलीसा ठहरा रहा। उ ओन लोगन स कहस, “का मइँ तोहसे न खोजइ बरे नाहीं कहे रहा।”
एलीसा पानी क सुद्ध करत ह
19 नगर क बसइया लोग एलीसा स कहेन, “महोदय, आप अनुभव कइ सकत हीं कि इ नगर सुन्दर ठउर मँ अहइ। किन्तु हिआँ पानी बुरा अहइ। इहइ कारण अहइ कि भुइँया मँ फसल क उपज नाहीं होत।”
20 एलीसा कहेस, “मोरे लगे एक ठु नवा खोरा लिआवा अउर ओहमा नून रखा।”
लोग नवा खोरा क एलीसा क लगे लइ आएन। 21 तब एलीसा उ ठउरे पइ गवा जहाँ पानी भुइँया स निकरत रहा। एलीसा नून क पानी मँ लोकाइ दिहस। उ कहेस, “यहोवा कहत ह, ‘मइँ इ पानी क सुद्ध करत हउँ। अब, मइँ इ पानी स कउनो क मरइ नाहीं देब, अउर न ही भुइँया क अच्छी फसल देइ स रोकब।’”
22 पानी सुद्ध होइ गवा अउर पानी अब तलक भी सुद्ध अहइ। इ वइसा ही भवा जइसा एलीसा कहे रहा।
सबसे पिरेम कर
7 पिआरे बन्धुअन, मइँ तोहका कउनो नई हुकुमन नाहीं लिखत अहउँ, इ तउ एक सनातनी हुकुम अहइ, जउन तोहका सुरूआतइ मँ दइ दीन्ह गइ रही। इ पुरानी हुकुम उ उपदेस अहइ जेका तू सुन चुका अहा। 8 मइँ तोहका अउर दुसर नया हुकुम लिखत अहउँ। इ बात की सच्चाई ईसू क जीवन मँ अउर तोहरे जिन्दगी मँ उजागर भइ अहइ, काहेकि अँधियारा खतम होत अहइ अउर ज्योति चमकत अहइ।
9 जउन मनई कहत ह, “उ ज्योति मँ स्थित अहउँ।” अउर तबहूँ अपने भाई स नफरत करत ह, तउ उ अबहिं भी उ अंधेर मँ बना अहइ। 10 जउन अपने भाई स पिरेम करत ह, ज्योति मँ बना रहत ह। ओकरे जिन्दगी मँ अइसी कउनो चीज नाहीं अहइ, जउने स उ ठोकर खाइ। 11 मुला जउन मनई अपने भाई स नफरत करत ह, उ अंधेरे मँ अहइ। उ अंधेरे स भरा जीवन जिअत अहइ। ओका पता नाहीं अहइ कि उ कहाँ जात अहइ, काहेकि अंधेरा ओका आंधर बनाइ दिहे अहइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.