Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
मसीह के बिरोधीमन के बारे म चेतउनी
18 हे मोर लइकामन हो, एह अंत के बेरा अय; अऊ जइसने कि तुमन सुने हवव कि मसीह के बिरोधी ह आवत हवय; पर अब मसीह के कतको बिरोधीमन आ गे हवंय। एकरसेति, हमन जानथन कि एह अंत के बेरा अय। 19 ओमन हमन ले निकरके गीन, पर ओमन सही म हमन के नो हंय। काबरकि यदि ओमन हमर बीच के होतिन, त ओमन हमर संग बने रहितिन; पर ओमन के चले जाना, ए साबित करथे कि ओम ले कोनो हमन के नो हंय।
20 पर तुम्हर अभिसेक पबितर जन के दुवारा करे गे हवय, अऊ तुमन जम्मो झन सच ला जानथव। 21 मेंह तुमन ला एकरसेति नइं लिखत हंव कि तुमन सच ला नइं जानव, पर मेंह एकरसेति लिखत हंव कि तुमन सच ला जानथव, अऊ ए घलो जानथव कि कोनो लबारी बात सत के तरफ ले नइं आवय। 22 कोन ह लबरा ए? ओ मनखे, जऊन ह यीसू ला मसीह नइं मानय। अइसने मनखे ह मसीह के बिरोधी अय। ओह ददा अऊ बेटा दूनों के इनकार करथे। 23 जऊन ह परमेसर के बेटा के इनकार करथे, ओह परमेसर ददा ला नइं जानय, अऊ जऊन ह बेटा ला मान लेथे, ओह परमेसर ददा ला घलो जानथे।
24 देखव, जऊन कुछू तुमन सुरू ले सुने हवव, ओह तुमन म बने रहय। कहूं ओह तुमन म बने रहिही, त तुमन घलो बेटा अऊ ददा दूनों म बने रहिहू। 25 अऊ ओह हमर ले जऊन बात के वायदा करे हवय – ओह “परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी” अय।
26 मेंह ए बात तुमन ला ओमन के बारे म लिखत हंव, जऊन मन तुमन ला धोखा देय के कोसिस करथें। 27 पर ओ अभिसेक, जऊन ला तुमन ओकर ले पाय हवव, ओह तुमन म बने रहिथे, अऊ तुमन ला एकर जरूरत नइं ए कि कोनो तुमन ला सिखोवय। मसीह के अभिसेक ह तुमन ला जम्मो बात सिखोथे, अऊ ओ अभिसेक ह सही अय, लबारी नो हय। जइसने एह तुमन ला सिखोय हवय, वइसने तुमन ओम बने रहव।
28 अब हे मोर लइकामन हो, मसीह म बने रहव, ताकि जब ओह परगट होवय, त ओकर आय के बेरा ओकर आघू म, हमन बिसवास ले भरे रहन अऊ हमन ला लजाय ला झन पड़य।
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