Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क उ समइ क एक भजन जब उ यहूदा क मरुभूमि मँ छुपा भवा रहा।
1 हे परमेस्सर, तू मोर परमेस्सर अहा।
वइसे केतॅना मइँ तोहका चाहत हउँ।
जइसे उ पियासी छीन धरती जेह पइ जल न होइ
वइसे मोर देह अउर मन तोरे बरे पिआसा अहइ।
2 हाँ, तोहरे मन्दिर मँ तोहार दर्सन किहेउँ।
तोहार सक्ती अउर तोहार महिमा देख लिहेउँ ह।
3 मोर बिस्ससयनीय पिरेम जिन्नगी स उत्तिम अहइ।
मोर होंठ तोहार बड़कई करत हीं।
4 हाँ, मइँ निज जीवन मँ तोहार गुण गाउब।
मइँ हाथ ऊपर उठाइके तोहरे नाउँ पइ तोहार पराथना करब।
5 जइसा मोर जु़बान[a] मज़ेदार भोजन स आनन्दित होत ह,
ठीक वइसा ही मोर होंठ तोहार स्तुति गाइके खुस होइहीं।
6 मइँ आधी रात मँ बिछउना पइ
ओलरा भवा तोहका याद करब।
7 फुरइ तू मोर मदद किहा ह।
मइँ खुस हउँ कि तू मोका बचाया ह।
8 मोर मनवा तोहमाँ समात ह।
तू मोर हथवा थामे रहत ह।
इस्राएल परमेस्सर क खास उपवन
5 अब मइँ आपन मीत बरे एक ठु गीत गाउब। इ गीत मोरे मीत क अंगूर क बागीचा क बारे मँ अहइ।
ओकरे लगे अंगूर क इ बागीचा
बहोत उपजाऊ पहाड़ी पइ अहइ।
2 मोर मीत धरती खोदेस
अउ काँकड़ पाथर हटाइके ओका साफ किहेस
अउर हुवाँ पइ अंगूरे क उत्तिम बेलन रोपि दिहस।
फुन खेत क बीच मँ उ अंगूर क रस निकारइ क कुण्ड बनाएस।
मीत क आसा रही कि हुवाँ उत्तिम अंगूर होइहीं।
किन्तु हुवाँ जउन अंगूर लाग रहेन उ सबइ बुरा रहेन।
3 तउ परमेस्सर कहेस: “हे यरूसलेम क लोगो, अउर यहूदा क बसइयो,
मोर अउ मोरे अंगूर क बाग क बारे मँ निर्णय करा।
4 मइँ अउर क आपन अंगूर क बाग क बरे कइ सकत रहेउँ?
मइँ उ सब किहेउँ जउन कछू भी मइँ कइ सकत रहेउँ।
मोका उत्तिम अंगूरन क लगइ क आसा रही,
किन्तु हुवाँ अंगूर बुरे ही लागेन।
इ अइसा काहे भवा?
5 “अब मइँ तोहका बताउब कि आपन अंगूर क बगीचा बरे मइँ का कछू करउँ:
उ कँटेहरी झाड़ी जउन खेते क रच्छा करत ह
मइँ उखाड़ि देब,
अउर ओन झाड़ियन क आगी मँ बारि देबउँ।
पाथर क परकोटा तोड़िके भहराइ देब।
बगिया क रौंदि दीन्ह जाइ।
6 मइँ अंगूरे क बगीचे क खाली खेते मँ बदली देबउँ।
कउनो पउधन क काटा-छाँटा नाहीं जाइ
अउर नाहीं कुदाल स मिटी क खोदी जाइ।
ऍह बरे हुवाँ सिरिफ काँटा
अउर खरपतवार उगीहीं।
मइँ बादरन क आदेस देब कि उ सबइ हुवाँ न बरिसइँ।”
7 सर्वसक्तीसाली यहोवा क अंगूरे क बगीचा इस्राएल क रास्ट्र अहइ, अउर अंगूरन क बेलन यहूदा क राजा अहइँ।
यहोवा निआव क आसा किहे रहा,
किन्तु हुवाँ हत्तिरा दबदबा रही।
यहोवा निस्पच्छता क आसा किहस,
किन्तु हुवाँ बस मदद माँगइवालन क रोना रहा जेनके संग जुल्म कीन्ह गवा रहा।
दुइ किसिम क फर
(मत्ती 7:17-20; 12:34b-35)
43 “कउनो भी अइसा उत्तिम बृच्छ नाहीं अहइ जेह पइ बुरा फर लागत होइ। न ही कउनो अइसा बुरा बृच्छ बाटइ, जेइ पइ उत्तिम फर आवति होइ। 44 हर बृच्छ आपन फर स पहिचाना जात ह। मनइयन कँटेहरी झारी स अंजीर नाहीं बटोरतेन। न ही कउनो झरबेली स मनई अंगूर बटोरत हीं। 45 एक नीक मनई क मन मँ अच्छाइ क भंडार बाटइ। अउर एक खोटा मनई, जउ ओकरे मने मँ बुराई बाटइ, उहइ स बुराई पइदा करत ह। काहेकि एक मनई मुँहना स उहइ बोलत ह, जउन ओकरे हिरदइ मँ उफनाइ के बाहेर आवत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.