Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क समर्पित।
1 हे यहोवा, तू मोरे जोति अउ मोर उद्धारकर्ता अहा।
मोका तउ कउनो स भी नाहीं डरइ चाही।
यहोवा मोरी जिन्नगी बरे सुरच्छित ठउर अहइ।
तउ मइँ कउनो भी मनई स नाहीं डरब।
2 होइ सकत ह, दुट्ठ जन मोहे पइ चढ़ाई करइँ।
होइ सकत ह, उ पचे मोरे सरीर क नस्ट करइ क जतन करइँ।
होइ सकत ह मोर सत्रु मोका नस्ट करइ क
मोह पइ आक्रमण क जतन करइँ।
3 मुला चाहे पूरी फउज मोका घेरि लेइ, मइँ नाहीं डेराब।
चाहे जुद्ध छेत्र मँ मोह पइ लोग प्रहार करइँ, मइँ नाहीं डेराब।
काहेकि मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ।
4 मइँ यहोवा स सिरिफ एक बर माँगइ चाहत हउँ,
“मइँ आपन जिन्नगी भइ यहोवा क मन्दिर मँ बइठा रहउँ,
ताकि मइँ यहोवा क सुन्दरता क लखउँ,
अउर ओकरे मन्दिर मँ धियान करउँ।”
5 जब कबहुँ कउनो बिपत्ति मोका घेरी, यहोवा मोर रच्छा करी।
उ मोका आपन तम्बू मँ छुपाइ लेइ।
उ मोका आपन सुरच्छित जगह पइ ऊपर उठाइ लेइ।
6 मोका मोर दुस्मनन घेरि रखे अहइँ।
मुला अब ओनका पराजित करइ मँ यहोवा मोर सहारा होइ।
मइँ ओकरे तम्बू मँ फुन भेंट चढ़ाउब।
जय जयकार कइके बलियन अर्पित करब।
मइँ यहोवा क स्तुति बरे भजन गाउब अउर बजाउब।
7 हे यहोवा, मोर पुकार सुना, मोका जवाब द्या।
मोह पइ दयालु रहा।
8 मोर हिरदइ कहत ह, “जा, ओकरे दर्सन बरे जा।”
एह बरे यहोवा मइँ तोहसे बात करउँ बरे तोहार समन्वा आवा हउँ।
9 हे यहोवा, किरोध मँ आपन सेवक स जिन मोड़या!
एक जउन मोर मदद कइ सकत ह उ तू अहा।
मोका अकेल्ला जिन छोड़्या!
मोका जिन त्यागा।
परमेस्सर जउन मोका बचाइ सकत ह उ तू अहा!
10 मोर महतारी अउ मोर बाप मोका तजि दिहन,
पर यहोवा मोका अंगीकार किहस अउर आपन बनाइ लिहस।
11 हे यहोवा, मोरे दुस्मनन क कारण, मोका आपन मारग देखावा।
मोका नीक काम क सिच्छा द्या।
12 मोह पइ मोर दुस्मनन हमला किहे अहइँ।
उ पचे मोरे बरे झूठ बोलेन ह।
उ पचे मोका नस्कान पहोंचावइ बरे झूठ बोलेन।
13 मोका भरोसा अहइ
कि मरइ स पहिले मइँ फुरइ यहोवा क धरम भावना क लखउँ।
14 यहोवा क मदद क बाट जोहत रहा!
साहसी अउ सुदृढ़ बना रहा
अउर यहोवा क मदद क प्रतीच्छा करत रहा।
26 उ मनई धन्न होइ जउन यहोवा क नाउँ मँ आवत अहइ।”
“मइँ यहोवा क घर मँ तोहार स्तुति करित हउँ।
27 यहोवा परमेस्सर अहइ।
उ आपन प्रकास स हम पचन क छाया दिहेस ह।
वेदी क कोनन पइ भेंट क मेमना क बाँधा।”
28 हे यहोवा, तू हमार परमेस्सर अहा, अउर मइँ तोहार धन्यवाद करत हउँ।
मइँ तोहार गुण गावत हउँ, हे मोर परमेस्सर।
29 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ उत्तिम अहइ।
ओकर सच्ची करुणा सदा-सदा बनी रहत ह।
यरूसलेम क मनइयन प ईसू क दुःख
(लूका 13:34-35)
37 “यरूसलेम, ओ यरूसलेम! तू उ अहा जउन नबियन क कतल करत ह अउर परमेस्सर क पठए गए दूतन क पाथर मारत ह। मइँ केतनी दाईं चाह्यो ह कि जइसे कउनो मुर्गी आपन चूजन क आपन पंखा तरे बटोर लेत ह वइसे ही तोहरे गदेलन क बटोर लेउँ। मुला तू पचन नाहीं चाह्या। 38 तोहार घर समूचइ उजड़ जाई। 39 मइँ तोहका सच बतावत हउँ तू मोका तब ताईं फिन नाहीं देखब्या जब ताईं तू नाहीं कहब्या, ‘धन्य अहइ उ जउन पर्भू क नाउँ मँ आवत ह।’(A)”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.