Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 उ जउन कउनो सर्वोच्च परमेस्सर क सरण मँ रहत ह,
तउ उ सर्वसक्तिमान परमेस्सर क सुरच्छा मँ रहत ह।
2 मइँ यहोवा स कहत हउँ, “तू मोर सुरच्छा स्थल अहा मोर गढ़।
हे परमेस्सर, मइँ तोहरे भरोसे हउँ।”
9 काहेकि तू यहोवा क भरोसे अहा।
तू परम परमेस्सर क आपन सरणस्थल बनाया ह।
10 तोहरे संग कउनो भी बुरी बात नाहीं घटी।
कउनो भी रोग तोहरे घर क नजदीक नाहीं आइ।
11 काहेकि परमेस्सर आपन सरगदूतन क तू जहाँ भी जाब्या हुआँ तोहार रच्छा करइ बरे नियुक्त करी।
12 ओकर सरगदूतन तोहका आपन हाथन पइ ऊपर उठइहीं,
ताकि तोहार गोड़ चट्टान स न टकराइ।
13 तू कोबरा अउर नाग पइ बगैर कउनो नोस्कान क चलब्या;
तू सेर अउर अजगर क कुचरब्या।
14 यहोवा कहत ह, “मइँ आपन सेवकन क रच्छा करब जउन मोहसे पिरेम करत ह।
मइँ ओनॅ व्यक्ति क पालन-पोसन करब जउन मोर उपासना करत ह।”
15 उ सहारा पावइ बरे मोका गोहरइहीं, मइँ ओनकर जवाब देब।
उ पचे जब कस्ट मँ होइहीं मइँ ओनके संग रहब।
मइँ ओनकर बचाव करब अउर ओनका आदर देब।
16 मइँ आपन व्यक्तियन क एक लम्बी उमिर क आसीस देब।
अउर मइँ ओका ओकर आपन बचान क सक्ति दिखाउब।
एक ठु समय बाटइ…
3 हर बात एक उचित समय होत ह। अउर इ धरती पइ हर बात एक उचित समय पइ ही घटित होइ।
2 जन्म लेइ क एक उचित समय निहचित अहइ,
अउर मउत क भी।
एक समय होत ह पेड़न क रोपइ क,
अउर ओनका काटइ क।
3 मारइ क होत ह एक समय,
अउर एक समय होत ह ओकरे उपचार का।
एक समय होत ह जब ढहाइ दीन्ह जात,
अउर एक समय होत ह करइ क निर्माण।
4 एक समय होत ह रोवइ-विलपइ क,
अउर एक समय होत ह करइ क अट्ठहास।
एक समय होत ह होइ क दुखे मँ मगन,
अउर एक समय होत ह उल्लास भरे नाच क।
5 एक समय होत ह जब पाथर फेंका जात हीं,
अउर एक समय होत ह ओनके एकत्र करइ क।
केहउँ क गले लागन क एक समय होत ह।
अउर गले लगावइ स रुकइ क भी एक समय होत ह।
6 एक समय होत ह खोज क,
अउर एक समय होत ह रूकए क।
एक समय होत ह वस्तुअन क धरइ क,
अउर एक समय होत ह चिजियन क फेंकइ क।
7 होत ह एक समय ओढ़नन क फारइ क,
फुन एक समय होत ह जब ओनका सिया जात ह।
एक समय होत ह साधइ क चुप्पी,
अउर होत ह एक समय फुन बोल उठइ क।
8 एक समय होत ह पिआर क,
अउर एक समय होत जब घिना कीन्ह जात ह।
एक समय होत ह करइ क लड़ाई,
अउर होत ह एक समय सान्ति क।
ईसू अपनी मउत क तरफ इसारा किहेस
27 “अब मोर जिअरा घबरात अहइ। मइँ का कहउँ, हे परमपिता, मोका दुःख क इ घड़ी स बचावा? मुला इहइ समइ क बरे तउ मइँ आइ अहउँ। 28 हे परमपिता, अपने नाम क महिमा दूया!”
तउ आकासवाणी भइ, “मइँ एकर महिमा किए अहउँ अउर मइँ फिन ऍकर महिमा करब।”
29 तउ हुवाँ मौजूद भीड़ जउन एक सुने रहेन, कहइ लाग कि कउनो बादर गरजा बाटइ। दूसर इ कहइ लागेन, “कउनो सरगदूत ओसे बतिआन ह।”
30 ऍकरे जवाब मँ ईसू कहेस, “इ आकासबाणी मोरे बरे नाहीं भइ, इ तोहरे बरे भइ रही। 31 अब इ दुनिया क निआव क समइ आइ ग बाटइ। अब इ दुनिया क सासक (हियाँ प मतलब अहइ सइतान) क निकार दीन्ह जाई। 32 अउर जब मइँ धरती क ऊपर उठाइ लीन्ह जाबइ तउ फिन सब लोगन क अपनी ओर खींचब।” 33 उ इ बतावइ क बरे अइसा कहत रहा कि उ कइसी मउत मरइ जात अहइ।
34 इ सुनिके भीड़ ओका जवाब दिहेस, “हम पचे व्यवस्था क इ बात सुने अही कि मसीह हमेसा रही। इ बरे तू कइसे कहत अहा, ‘मनई क पूत क जरूर स ऊपर उठाइ लीन्ह जाई?’ इ ‘मनई क पूत कउन अहइ’?”
35 तउ ईसू ओनसे कहेस, “तोहरे बीच मँ ज्योति अबे कछू समइ अउर रही। जब तक ज्योति अहइ, चलत रहा, जइसे कि अँधियारा (पाप) तोहका घेर न लेइ, काहेकि जउन मनई अँधेरे मँ चलत ह, उ इ नाहीं जानत कि कहाँ जात अहइ। 36 जब तक ज्योति तोहरे लगे अहइ, ओहमाँ बिसवास बनाए रखा जइसे कि तू पचे ज्योति क सन्तान होइ सका।” ईसू इ कहिके कहूँ चला गवा अउर ओऩसे छिप गवा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.