Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
पहिला भाग
(भजन 1–41)
1 उ मनई सचमुच धन्य होइ जउन दुस्टन क सलाह न मानी,
अउर पापियन क संग सामिल नाहीं होत ह
अउर ओनकर संग नाहीं रहत ह
जउन परमेस्सर क बरे सम्मान नाहीं दिखावत ह।[a]
2 उ नीक मनई अहइ जउन यहोवा क उपदेसन स पिरेम राखत ह।
उ तउ दिन रात ओन उपदेसन क मनन करत ह।
3 एहसे उ मनई उ बृच्छ जइसा मजबूत बनत ह
जेका सिंचाई क नहर क किनारे रोपा गवा ह।
उ उ बृच्छ क नाई बाटइ, जउन छेत्र मँ फल देत ह
अउ जेकर पत्ता कबहुँ नाहीं मुरझातेन।
उ जउन भी करत ह सफल ही होत ह।
4 मुला टुस्ट मनई अइसे नाहीं होतेन।
दुस्ट मनई उ भूसा क नाई होत हीं जेनका हवा क झोकां उड़ाइ लइ जात ह।
5 एह बरे दुस्ट मनई निआव क मुकाबला नाहीं कइ पइहीं।
सज्जन लोगन क सभा मँ उ पचे दोखी ठहरावा जइहीं अउर ओन पापी लोगन क बख्सा न जाइ।
6 एकर कारण इ बाटइ कि यहोवा सज्जन लोगन क अगुवाइ करत ह,
मुला दुर्जन लोग खो जाइहीं।
यहूदा क चेताउनियन
12 “यिर्मयाह, यहूदा क लोगन स कहा: ‘इस्राएल क परमेस्सर यहोवा जउन कहत ह, उ इ अहइ: हर एक दाखरस क मसक दाखरस स भरी जाइ चाही।’ उ सबइ लोग हँसिहीं अउर तोहसे कहिहीं, ‘निहचय ही हम जानित ह कि हर एक दाखरस क मसक दाखरस स भरी जाइ चाही।’ 13 तब तू ओनसे कहब्या, ‘यहोवा जउन कहत ह उ इ बाटइ: मइँ इ देस क हर एक निवासी क ओन राजा क जउन दाऊद क सिंहासने पइ बइठत हीं, याजकन, नबियन अउर सबहिं लोगन क मदमत्त क नाई बेसहारा करब। 14 मइँ यहूदा क लोगन क ठोकर खाइ अउर एक दूसरे पइ महराइ देब। पिता अउ पूत एक दूसर पइ भहरइहीं।’ इ सँदेसा यहोवा क अहइ। ‘मइँ ओनके बरे अफसोस नाहीं करब अउर न ओन पइ द्या। मइँ करूणा क, यहूदा क लोगन क नस्ट करइ स रोकइ नाहीं देब।’”
15 सुना अउ धियान द्या।
यहोवा तू पचन्क सँदेस दिहे अहइ।
घमण्डी जिन बना।
16 आपन परमेस्सर यहोवा क सम्मान करा,
ओकर स्तुति करा नाहीं तउ उ अँधियारा लाई।
अँधेरी पहाड़ियन पइ लड़खड़ाइ अउर गिरइ स पहिले ओकर स्तुति करा।
यहूदा क लोगो, तू पचे प्रकास क आसा करत अहा।
किन्तु यहोवा प्रकास क घोर अँधियारा मँ बदली।
यहोवा प्रकास क बहोत गहिर आँधियारा स बदल देई।
17 यहूदा क लोगो, जदि तू पचे यहोवा क अनसुनी करत अहा
तउँ मइँ छुपि जाब अउर रोउब।
तोहार पचन्क घमण्ड मोका रोवाई।
मइँ फूटि-फूटिके रोउब।
मोर आँखिन आँसुअन स भरि जइहीं।
काहेकि यहोवा क रेवड़ धरी जाइ।
18 इ सबइ बातन राजा अउर ओकर रानी स कहा,
“आपन सिंहासनन स उतरा।
तोहार पचन्क सुन्नर मुकुट तोहरे पचन्क मूँड़न स गिर चुका अहइँ।”
19 नेगव रेगिस्ताने क नगरन मँ ताला पड़ चुका अहइ,
ओनका कउनो खोल नाहीं सकत।
यहूदा क लोगन क देस निकारा दिया जाइ चुका बाटइ।
ओन सबहिं क बंदी क रूप मँ लइ जावा गवा अहइ।
26 “भाइयो, इब्राहीम क सन्तानो अउर सच्चे परमेस्सर क आराधक गैर यहूदियो, उद्धार क इ सुसमाचार हमरे बरे ही पठवा ग अहइ। 27 यरुसलेम मँ बसइयन अउर ओनकइ राजा लोगन ईसू क नाहीं पहिचानेन। अउर ओका दोखा ठहराइ दिहेन। इ तरह उ पचे नबी लोगन क उ बचन क पूरा किहन जेनकइ सबित क दिन पाठ कीन्ह जात ह। 28 अउर जदि अपि ओनका ओकरे मउत क राजा क कउनो सबूत नाहीं मिला, तउ भी उ पचे पलातुस स ओका मरवाइ डावइ क माँग किहेन।
29 “ओकरे बारे मँ जउन कछू लिखा रहा, जब उ पचे सब कछू क पूरा कइ चुकेन ओका क्रूस प स खाले उतारेन अउर एक कब्र मँ धइ दिहन। 30 मुला परमेस्सर ओका मरइ क पाछे फिन जीवित कइ दिहस। 31 अउर फिन जउन लोग गलील स यरूसलेम तलक ओकरे संग गएन, उ ओनकइ अगवा कइउ दिना ताईं परगट होत रहा। इ सबइ अब मनइयन बरे ओकर साच्छी अहइँ।
32 “हम तोहका उ प्रण क बारे मँ सुसमाचार सुनावत अही जउन हमरे पूर्वजन क संग कीन्ह गइ रही। 33 ईसू क, मरि जाए क पाछे फिन जीवित कइके, ओनकइ संताने क बरे परमेस्सर उहइ सपथ क हमरे बरे पूरा किहेस ह। जइसा कि दूसर भजन संहिता मँ लिखा भी अहइ:
‘तु मोर पूत अहा,
मइँ तोहका आजु ही जनम दिहेउँ ह।’ (A)
34 अउर उ ओका मरे भएऩ मँ जिआइ के उठाएस जेहॅसे नास होइ स पहिले ओका फिन स लौटब न होइ। उ इ तरह कहे रहा:
‘मइँ तोहका उ सबइ पवित्तर अउर न टरइ क असीस देब
जेनका देइ क बचन मइँ दाऊद क दिहेउँ।’ (B)
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.