Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा, हमका कउनो गैारव ग्रहण नाहीं करइ चाही।
गौरव तउ तोहार अहइ।
तोहार पिरेम अउ निस्ठा क कारण गौरव तोहार अहइ।
2 रास्ट्रन काहे कहिइ,
“ओकर परमेस्सर कहाँ अहइ?”
3 मोर परमेस्सर सरगे मँ अहइ।
उ उहइ करत ह जउन कछू उ चाहत ह।
4 ओन जातियन क “देवता” बस सिरिफ पुतला अहइँ जउन सोना चाँदी क बना अहइँ।
उ सबइ बस सिरिफ पुतलन अहइँ जेनका कउनो मनई बनाएस ह।
5 ओन पुतलन क मुँह अहइँ, मुला उ सबइ बोल नाहीं पउतेन।
ओनकर आँखिन अहइँ, पर उ सबइ लखि नाहीं पउतेन।
6 ओनके कान अहइँ, मुला उ सबइ सुन नाहीं सकतेन।
ओनके लगे नाक अहइँ, मुला उ सबइ सूँघ नाहीं पउतेन।
7 ओनके हाथ अहइँ, मुला उ पचे कउनो चीज क छुइ नाहीं सकतेन।
ओनके गोड़ अहइँ, मुला उ पचे चल नाहीं सकतेन।
उ पचे आपन गटइ स कउनो आवाज़ नाहीं निकारइ सकतेन।
8 जउन मनई इ सबइ पुतलन बनावत हीं, अउर ओनमाँ बिस्सास धरत हीं
बिल्कुल इ सबइ मूरतियन जइसे बन जइहीं।
9 ओ इस्राएल क लोगो, यहोवा मँ भरोसा रखा।
यहोवा इस्राएल क मदद देत ह अउर ओकर रच्छा करत ह।
10 ओ हारून क घराने, यहोवा मँ भरोसा रखा।
हारून क घराने क यहोवा सहारा देत ह, अउ ओकर रच्छा करत ह।
11 हे यहोवा क सबइ मनवइयो, ओनमाँ भरोसा रखा।
उ सहारा देत ह अउर आपन लोगन क रच्छा करत ह।
12 यहोवा हमका याद राखत ह।
यहोवा हमका वरदान देइ,
यहोवा इस्राएल क आसीसित करी।
यहोवा हारून क परिवार क आसीसित करी।
13 उ ओन लोगन क आसीसित करी जउन ओहसे डेरात ह,
छोटा स लइके बरा तलक।
14 मोका आसा अहइ यहोवा तोहार बढ़ोतरी करी अउर मोका आसा अहइ,
उ तोहार संतानन क भी जियादा स जियादा देइ।
15 यहोवा जउन सरग अउ धरती क बनाएस ह,
तोहका आसीस देइ।
16 सरग यहोवा क अहइ।
मुला उ धरती क मानव जाति क दिहेस ह।
17 मरे भए लोग यहोवा क गुण नाहीं गउतेन।
कब्र मँ पड़े भए लोग यहोवा क गुणगान नाहीं करतेन।
18 मुला हम अबहुँ यहोवा क स्तुति करति ह,
अउर हम ओकर स्तुति सदा-सदा करब!
15 एक दिन पहिले यहोवा समूएल स कहेस, 16 “काल्ह मइँ इहइ टेमॅ तोहरे लगे एक मनई क पठउब। वह बिन्यामीन क गोत क होइ। तू सबन क ओकर अभिसेक कर देइ चाही। तब उ हमार मनइयन इस्राएलियन क नवा नेता होइ। इ मनई हमरे मनइयन क पलिस्तियन स बचाइ। मइँ आपन मनइयन क दुःख क देखेउँ ह। मइँ आपन मनइयन क रोउब सुनेउ ह।”
17 समूएल साऊल क लखेस अउ यहोवा ओसे कहेस, “इहइ उ मनई अहइ जेकरे बारे मँ मँइ तोहसे कहेउँ रहे। इ मोरे मनइयन क बस मँ राखी।”
18 साऊल दुआर क लगे समूएल क निअरे आवा। साऊल समूएल स पूछेस, “मेहरबानी कइके बतावा दर्सी क घर कहाँ अहइ?”
19 समूएल जवाब दिहेस, “मइँ ही दर्सी अहँउ। मोरे अगवा आराधना क ठउर प पहुँचा। तू अउ तोहार नउकर आज हमरे संग खइया क खइहीं। मइँ भियान भिन्सारे तोहका घरे जाइ देब। मइँ तोहरे सबहिं सवालन क जवाब देब। 20 अउर ओन गदहन क फिकिर जिन करा जेका तू तीन दिना पहिले खोइ दिहा ह। उ सब मिल गवा बाटेन। अब, तोहका समूचा इस्राएल चाहत अहइ। उ सबइ तोहका अउ तोहरे बाप क परिवारे क सब मनइयन क चाहत हीं।”
21 साऊल जवाब दिहेस, “मुला मइँ बिन्यामीन परिवार समूह क निअम्बर अहउँ। इ इस्राएल मँ सबन क छोटका समूह अहइ। मोर परिवार मोर पूरा परिवार समूह मँ सब त छोटा अहइ। आप काहे कहत बाटेन कि इस्राएल मोका चाहत ह?”
22 तब समूएल साऊल अउ ओकरे नउकर क भोजन क जगहिया मँ लइ गवा। लगभग तीस न्यौताहरी एक संग भोजन बरे अउर बलि-भेंट लेइ बरे बोलावा ग रहेन। समूएल साऊल अउ ओकरे नउकर क मेज प सबन ते जिआदा खास जगह दिहेस। 23 समूएल रसोइया स कहेस, “उ गोस लइ आवा जउन मइँ तोहका दिहेउँ ह। इ उहइ हींसा अहइ जेका मइँ तोहसे जोगइ क रक्खइ बरे केहउँ रहे।”
24 रसोइया रान लिहेस अउ साऊल क समन्वा मेज प धरेस। समूएल कहेस, “इहइ उ गोस बा जेका मइँ तोहरे बरे जोगइ क राखेउँ रहे। ओका खा काहेकि इ इ खास टेमॅ बरे जोगवा रहा।” इ तरह उ दिना साऊल समूएल क संग खइया क खाएस।
25 जबहिं उ पचे खइया क खाइ लिहेन, उ पचे पूजा क ठउर स उतरेन अउ सहर क लौटेन। समूएल छते प साऊल बरे बिछौना दसाएस। 26 अउर साऊल सोइ गवा।
भियन भिन्सारे समूएल साऊल क छते प जोर स पुकारेस। समूएल कहेस, “उठा। मइँ तोहका तोहरे राहे प पठउब।” साऊल उठा, अउर तब समूएल क संग घर क बाहेर गवा।
27 साऊल अउ ओकर नउकर संग संग सहर क सिरे क उतराई प टहरत रहेन। समूएल साऊल स कहेस, “आपन नउकर स हम पचन स अगवा जाइ क कहा। मोरे लगे तोहरे बरे परमेस्सर क एक संदेसा अहइ।” तउ नउकर ओन पचन स तनिक अगवा चला गवा।
समूएल साऊल क अभिसेक करत ह
10 समूएल खास तेल क एक ठु मेटिया लिहेस। समूएल तेल क साऊल क मूड़े प नाएस। समूएल साऊल क चुम्मा लिहेस अउर कहेस, “यहोवा तोहार अभिसेक क चुनाव आपन मनइयन क मुखिया बनवइ बरे किहेस ह। तू यहोवा क मनइयन क बस मँ करब्या। तू ओन पचन्क ओन दुस्मनन स बचउब्या जउन ओनका चारिहुँ कइँती स घेरे बाटेन। यहोवा तोहार अभिसेक चुनाव आपन मनइयन क ऊपर प्रधान होइ बरे किहे अहइ। हियाँ एक चीन्हा अहइ जउन परमान देइ कि इ फुर बाटइ।
कलीसिया क निरीच्छक
3 इ एक बिसवास करइ जोग्ग कथन बा कि अगर केउ निरिच्छक बनइ चाहत ह तउ उ एक अच्छे कामे क इच्छा रखत ह। 2 अब देखा ओका एक अइसी जिन्नगी जिअइ चाही जेकर लोग निआव स भरी आलोचना न कइ पावइँ। ओकर एकई पत्नी होइ चाही, ओका आत्मसंयमी, सुसील अउर अतिथि सत्कार करइवाला अउर सिच्छा देइ मँ निपुण होइ चाही। ओका पइसा क पिरेमी न होइ चाही। 3 ओका पियक्कड़ न होइ चाही, न तउ ओका झगड़ालू होइ चाही। ओका तउ सज्जन अउर सान्ति प्रेमी होइ चाही। ओका पैसे का पिरेमी न होइ चाही। 4 अपने परिवारे क उ अच्छा प्रबन्धक होइ अउर ओनकर बच्चन ओरके कब्जे मँ रहत रहइँ। ओकर पूरा सम्मान करत होइँ। 5 अगर केउ अपने परिवारे क प्रबन्ध करइ नाहीं जानत तउ उ परमेस्सर क कलीसिया क प्रबन्ध कइसे कइ पाई?
6 उ एक नवा बिसवासी न होइ चाही ताकि उ अहंकार स फूलि न जाइ। अउर ओका सइतान क जइसा दण्ड पावइ पड़इ। 7 एकरे अलावा बाहेर क लोगन मँ भी ओकर अच्छी इज्जत होइ चाही ताकि उ कउनउ आलोचना मँ फँसिके सइतान क फंदा मँ न पड़ि जाइ।
कलीसिया क सेवक
8 इही तरह कलीसिया क सेवकन केउ आदरणीय होइ चाही अउ ओका अउर दु मुँहा न होइ चाही। ओकर मदिरापान मँ रुचि न होई चाही। बुरे रस्तन स ओनका धन कमाइ क इच्छुक न होइ चाही। 9 ओनका तउ पवित्तर मने स हमरे अभिव्यक्त सत्यन क थामे रखइ चाहे।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.