Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
संगीत निर्देसक बरे सुदूर बाँझ बृच्छन क कबूतर नाउँ क धुन पइ दाऊद क उ समइ क प्रगीत जब गात सहर मँ ओका पलिस्तियन घेर लिहे रहेन।
1 हे परमेस्सर, मोह पइ दयालु रहा, काहेकि लोग मोह पइ वार किहेन ह।
उ पचे मोरे खिलाफ समूचइ दिन लड़त रहत रहेन।
2 मोर दुस्मन सारा दिन मोह पइ वार करत रहेन।
हुआँ पइ डटा भए अनगिनत जोद्धा अहइँ।
3 समूचइ दिन, जब कबहुँ मइँ डेरात हउँ,
तउ मइँ तोह पइ भरोसा करबउँ।
4 मइँ परमेस्सर क भरोसे अहउँ, तउ मइँ डेरान नाहीं अहउँ।
लोग मोका नस्कान नाहीं पहोंचाइ सकतेन।
मइँ परमेस्सर क बचनन बरे ओकर बड़कई करत हउँ जउन मोका दिहेस।
5 मोर दुस्मन सदा मोरे सब्दन क तोड़त मरोड़त रहत हीं।
मोरे खिलाफ उ पचे सदा कुचक्र रचत रहत हीं।
6 उ पचे आपुस मँ मिलिके अउर लुक छिपिके मोर हर बाते क टोह लेत रहत हीं।
मोर प्राण हर लेइ क कउनो राह सोचत हीं।
7 हे परमेस्सर, ओनका बचिके निकरइ जिन द्या।
ओनके बुरे करमन क सजा ओनका द्या।
8 तू इ जानत अहा कि मइँ बहोत बियाकुल अहउँ।
तू इ जानत अहा कि मइँ तोहका केतना पुकारेउँ ह?
तू निहचय ही मोरे सबइ आँसुअन क लेखा-जोखा रखे भए अहा।
9 तउ अब मइँ तोहका मदद पावइ क पुकारब।
मोरे दुस्मनन क तू हराइ द्या।
मइँ इ जानत हउँ कि तू इ कइ सकत अहा।
काहेकि तू परमेस्सर अहा।
10 मइँ परमेस्सर क गुण ओकरे वचन बरे गावत हउँ।
मइँ परमेस्सर क गुणन क ओकरे उ बचन बरे गावत हउँ जउन उ मोका दिहेस ह।
11 मोका परमेस्सर पइ भरोसा अहइ एह बरे मइँ नाहीं डेरात हउँ।
लोग मोर बुरा नाही कइ सकतेन।
12 हे परमेस्सर, मइँ जउन तोहार मन्नतन मानेउँ ह, मइँ ओनका पूरा करब।
मइँ तोहका धन्यवादे क भेंट चढ़ाउब।
13 काहेकि तू मोका मउत स बचाया ह।
तू मोका हार स बचाया ह
एह बरे मोका परमेस्सर क सेवा
हिआँ रहइवाला लोगन क समन्वा करइ चाही।
8 तब यहोवा एलिय्याह स कहेस, 9 “सीदोन मँ सारपत क जा। हुँवइ रहा। उ जगह पइ एक ठु राँड़ मेहरारु रहत ह। मइँ ओका तोहका भोजन देइ क आदेस दिहेउँ ह।”
10 एह बरे एलिय्याह सारपत पहोंचा। उ नगर-दुआर पइ पहोंचा अउर उ एक ठु मेहरारु क लखेस। ओकर भतार मर चुका रहा। उ मेहरारु ईधन बरे लकड़ियन एकट्ठी करत रही। एलिय्याह ओहसे कहेस, “का तू एक ठु पियाला मँ थोड़ा पानी देबिउ जेका मइँ पी सकउँ?” 11 उ मेहरारु ओकरे बरे पानी लिआवइ जात रही, तउ एलिय्यह कहेस, “महेरबानी कइके एकठु रोटी क टूका भी लिआवा।”
12 उ मेहरारु जवाब दिहेस, “सच मँ मइँ यहोवा, तोहरे परमेस्सर क किरिया खाइके कहति हउँ कि मोरे लगे रोटी नाहीं अहइ। मोरे लगे बर्तन मँ मूठी भइ आटा अउर बर्तन मँ तनिक स जइतून क तेल अहइ। इ ठउरे पइ मइँ ईंधन बरे दुइ चार लकड़ियन बटोरइ आइ रहिउँ। मइँ एका लइके घरे लउटब अउर आपन आखिरी भोजन बनाउब। मइँ अउर मोर पूत दुइनउँ एका खइहीं अउर तब फिर पाछे मँ भूख स मर जइहीं।”
13 एलिय्याह मेहरारु स कहेस, “परेसान जिन हवा। घरे लउटा अउर जइसा तू कहया, आपन भोजन बनावा। मुला तोहरे लगे जउन आटा अहइ ओकर पहिले एक ठु नान्ह रोटी बनावा। उ रोटी क मोरे लगे लिआवा। तब आपन अउ अपने पूत बरे पकावा। 14 इस्राएल क परमेस्सर, यहोवा कहत ह, ‘उ आटे क बर्तन कबहुँ खाली नाहीं होइ। बर्तन मँ तेल हमेसा ही रही। अइसा तब तलक होत रही जउने दिन तलक यहोवा इ भुइँया पइ पानी नाहीं बरसावत।’”
15 एह बरे उ मेहरारु अपने घरे लउटी। उ उहइ किहस जउन एलिय्याह ओहसे करइ क कहे रहा। एलिय्याह, उ मेहरारु अउ ओकर पूत बहोत दिनन तलक पार्याप्त भोजन पावत रहेन। 16 आटा क बर्तन अउ तेल क पीपा दुइनउँ कबहुँ खाली नाहीं भवा। इ वइसा ही भवा जइसा यहोवा होइ क कहे रहा। यहोवा एलिय्याह क जरिये बातन किहे रहा।
परमेस्सर क गियान
6 जे समझदार अहइँ, ओनके हम बुद्धि देत अही, काहेकि इ बुद्धि इ जुग क बुद्धि नाहीं बा, न ही ऍह जुगे क ओन्हन सासकन क बुद्धि अहइ जेका बिनास क कगार पर लइ आवा जात बा। 7 एकरे स्थान पर हम तउ परमेस्सर क ओह रहस्यपूर्ण विवेक क देत हीं जउन छुपा हुआ रहा अउर अनादि काल स परमेस्सर हमार महिमा बरे निस्चित किहे रहा। 8 अउर जेका ऍह जुगे क कउनउ सासक नाहीं समझेन काहेकि अगर उ सबइ ओका समझ पाए होतेन तउ उ पचे ओह महिमावान पर्भू क क्रूस पर न चढ़उतेन। 9 मुला पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:
“जेहे नाहीं अंखिया देखेन
अउर नाहीं काने स सुनेन तक,
जहाँ मानुस क बुद्धि तक कभऊँ नाहीं पहुँचत
ऎसी बानी ओनके बरे बनावाइस पर्भू जे ओनकर पिरेमी जन होइ जातेन।” (A)
10 मुला परमेस्सर इन बातन क आतिमा क जरिये हमरे बरे परगट किहे अहइ।
काहेकि आतिमा हर कीहीउ बात क ढूंढ़ निकालत इहाँ तक कि परमेस्सर क छिपी गहरायन तक क। 11 अइसेन के अहइ जउन दूसरे मनइयन क मन क बात जानि लेइ सिवाय ओह मनई के ओह आतिमा क जउन ओनके अपने भित्तरइ अहइ। एह तरह परमेस्सर क बिचारन केऊँ परमेस्सर क आतिमा क छोड़िके अउर कउन जान सकत ह। 12 मुला हम संसारिक आतिमा नाहीं बल्कि ऊ आतिमा पाए अही जउन परमेस्सर स मिलत ह ताकि हम उन बातन क जान सकी जेनका परमेस्सर हमका मुक्त रूप स दिहे बाटइ।
13 ओनही बातन क हम मनइयन बुद्धि क जरिये बिचारा गवा सब्दन मँ नाहीं बोलित बल्कि आतिमा द्वारा बिचारा गवा सब्दन स आतिमा क चीजन क बियाखिया करत बोलत अही। 14 एक प्राकृतिक मनई परमेस्सर क आतिमा द्वारा प्रकासित सच क ग्रहण नाहीं करत काहेकि ओकरे बरे उ बात खरी मूरखता होत ह, उ ओन्हे समझि नाहीं पावत काहेकि उ आतिमा क आधार पर ही परखी जाइ सकतहीं। 15 आत्मिक मनई सब बातन क निआव कइ सकत ह, मुला ओकर निआव केऊ नाहीं कइ सकत। 16 काहेकि पवित्तर सास्तरन कहत हीं:
“पर्भू क मन का कउन जान सकत हय?
ओका कउन सलाह दइ सकत ह?” (B)
मुला हमरे लगे ईसू क मन बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.