Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क एक गीत।
1 परमेस्सर क पूत लोगो, यहोवा क स्तुति करा।
ओकर महिमा अउ सक्ती क प्रसंसा गीत गावा।
2 यहोवा क प्रसंसा करा अउ ओकरे नाउँ क आदर करा।
पवित्तर ओढ़ना पहिरिके यहोवा क आराधना करा।
3 समुद्र क ऊपर यहोवा क वाणी खुद क गरजत ह।
परमेस्सर क वाणी महासागर क ऊपर मेघ क गरजन क तरह गरजत ह।
4 यहोवा क वाणी ओकर सक्ती क देखाँवत ह।
ओकर ध्वनि ओकर महिमा क परगट करत ह।
5 यहोवा क वाणी देवदार बृच्छन क तोड़के चकनाचूर कइ देत ह।
यहोवा लबानोन क विसाल देवदार बृच्छन क तोड़ देत ह।
6 यहोवा लबानोन क पहाड़न क कपाँइ देत ह।
उ नाचत भए बछवा क तरह देखाँइ लागत ह।
हेर्मोन क पहाड़ काँप उठत ह अउर उछरत जवान बकरी क तरह देखाँत ह।
7 यहोवा क वाणी बिजली क कौंध स टकरात ह।
8 यहोवा क वाणी मरुस्थल क कँपाइ देत ह।
यहोवा क स्वर स कादेस क मरुस्थल काँप उठत ह।
9 यहोवा क वाणी स हिरन डेराइ जात हीं।
यहोवा दुर्गम जंगलन क नस्ट कइ देत ह।
मुला ओकरे मन्दिर मँ लोग ओकर प्रसंसा क गीत गावत हीं।
10 जल प्रलय क समय यहोवा राजा रहा।
उ सदा बरे राजा रही।
11 यहोवा आपन भगतन क रच्छा सदा करी,
अउर आपन जनन क सांति क आसीस देइ।
का “मनोविनोद” स सच्चा आनंद मिलत ह?
2 मइँ अपने मने मँ कहेउँ, “मोका मनोविनोद करइ चाही। मोका हर वस्तु क जेतना रस मइँ लइ सकउँ। ओतना लेइ चाहीं।” मुला मइँ जानेउँ कि इ भी बियर्थ अहइ। 2 हर समइ हँसत रहब भी मूर्खता अहइ। आनन्द स का प्राप्त होत ह?
3 तउ मइँ निहचय किहेउँ कि मइँ आपन देह क दाखरस स भरि लेउँ जदपि मोर दिमाग मोका अबहिं गियान क राह देखावत रहा। मइँ इ मूर्खता स भरा आचरण किहेउँ, मइँ चाहत रहेउँ कि लोगन क बरे आपन जिन्नगी क थोड़ा स दिनन मँ का करब उत्तिम अहइ, एका हेर लेउँ।
का कड़ी मेहनत स फुरइ आनन्द मिलत ह?
4 फुन, मइँ बड़के बड़के काम करब सुरू किहेउँ। मइँ अपने बरे घर बनवाए। अउर अंगूरे क बाग लगवाएउँ। 5 मइ बगियन लगवाएउँ अउर बाग बनवाएउँ। मइँ सबहिं तरह क फलन क बृच्छ लगवाएउँ। 6 मइँ आपन बरे पानी क तालाब बनवाएउँ अउर फुन एन तालाबन क पानी क मइँ आपन बाढ़त बृच्छन क सींचइ क काम मँ लिआवइ लागेउँ। 7 मइँ दास अउर दासियन खरीदेउँ अउर फुन मोरे घरे मँ पइदा भए दास भी रहेन। मइँ बड़की बड़की वस्तुअन क सुआमी बन गएउँ। मोरे लगे झुंड क झुंड पसु अउर भेड़न क ढेर रहेन। यरूसलेम मँ कउनो भी मनई क लगे जेतनी वस्तुअन रहिन, मोरे लगे ओसे भी जियादा रहिन।
8 मइँ आपन बरे चाँदी सोना भी जमा किहेउँ। मइँ राजा लोगन अउर ओनके देसन स भी खजानन क बटोरेउँ। मोरे लगे बहोत सी रंडियन रहिन।
9 मइँ बहोत धनवान अउर प्रसिद्ध होइ गएउँ। मोहसे पहिले यरूसलेम मँ जउन भी कउनो रहत रहा, मइँ ओहसे जिआदा महान रहा तउ मोर बुद्धि मोर संग रही। 10 मइँ हर उ चीज जेका मइँ चाहत रहा प्राप्त किहेउँ। मउँ जउन कछू करत, मोर मन सदा ओसे खुस रहा करत अउर इ खुसी मोरे कठिन मेहनत क प्रतिफल रही।
11 मुला मइँ जउन कछू किहे रहेउँ जब ओह पइ निगाह डालेउँ अउर आपन कीन्ह गवा कठिन मेहनत क बारे मँ बिचार किहेउँ तउ मोका लाग इ सब अरथहीन अहइ। इ अइसा ही रहा जइसे हवा क धरब। सच-मुच मँ इ जिन्नगी मँ हम लोगन क सारे काम बरे संतोसजनक लाभ नाहीं अहइ।
क्रूस पर चढ़ा मसीह क बारे मँ संदेस
2 भाइयो तथा बहिनियो जब मइँ तोहरे लगे आए रहेउँ तउ परमेस्सर क रहस्यपूर्ण सच क, बानी क चतुरता अउर मानुस बुद्धि क साथे उपदेस देत हुए नाहीं आइ रहेउँ 2 काहेकि मइँ इ निस्चय कइ लिहे रहेउँ कि तोहारे बीच रहत, मइँ ईसू मसीह अउर क्रूस पर भइ ओकर मउत क छोड़िके कउनउ अउर बात क जनबइ तलक नाहीं। 3 तउन मइँ दीनता क साथे भय स काँपत भवा तोहरे लगे आएउँ ह। 4 अउर मोर भासण अउर मोर घोसना मानुस बुद्धि क लुभावइवाले सब्दन स मिला नाहीं रहा, बल्कि ओहमें रहा आतिमा क सक्ति क प्रमान 5 ताकि तोहरे बिसवास मानुस बुद्धि क बजाय परमेस्सर क सक्ति पइ टिक सकइ।
परमेस्सर क गियान
6 जे समझदार अहइँ, ओनके हम बुद्धि देत अही, काहेकि इ बुद्धि इ जुग क बुद्धि नाहीं बा, न ही ऍह जुगे क ओन्हन सासकन क बुद्धि अहइ जेका बिनास क कगार पर लइ आवा जात बा। 7 एकरे स्थान पर हम तउ परमेस्सर क ओह रहस्यपूर्ण विवेक क देत हीं जउन छुपा हुआ रहा अउर अनादि काल स परमेस्सर हमार महिमा बरे निस्चित किहे रहा। 8 अउर जेका ऍह जुगे क कउनउ सासक नाहीं समझेन काहेकि अगर उ सबइ ओका समझ पाए होतेन तउ उ पचे ओह महिमावान पर्भू क क्रूस पर न चढ़उतेन। 9 मुला पवित्तर सास्तरन मँ लिखा बा:
“जेहे नाहीं अंखिया देखेन
अउर नाहीं काने स सुनेन तक,
जहाँ मानुस क बुद्धि तक कभऊँ नाहीं पहुँचत
ऎसी बानी ओनके बरे बनावाइस पर्भू जे ओनकर पिरेमी जन होइ जातेन।” (A)
10 मुला परमेस्सर इन बातन क आतिमा क जरिये हमरे बरे परगट किहे अहइ।
काहेकि आतिमा हर कीहीउ बात क ढूंढ़ निकालत इहाँ तक कि परमेस्सर क छिपी गहरायन तक क।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.