Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
बपतिस्मा देने वाले योहन का जन्म
57 एलिज़ाबेथ का प्रसवकाल पूरा हुआ और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया. 58 जब पड़ोसियों और परिजनों ने यह सुना कि एलिज़ाबेथ पर यह अनुग्रह हुआ है, तो वे भी उनके इस आनन्द में सम्मिलित हो गए.
बपतिस्मा देने वाले योहन का ख़तना
59 आठवें दिन वे शिशु के ख़तना के लिए इकट्ठा हुए. वे शिशु को उसके पिता के नाम पर ज़कर्याह पुकारने लगे 60 किन्तु शिशु की माता ने उत्तर दिया; “नहीं! इसका नाम योहन होगा!”
61 इस पर उन्होंने एलिज़ाबेथ से कहा, “आपके परिजनों में तो इस नाम का कोई भी व्यक्ति नहीं है!”
62 तब उन्होंने शिशु के पिता से संकेत में प्रश्न किया कि वह शिशु का नाम क्या रखना चाहते हैं? 63 ज़कर्याह ने एक लेखन पट्ट मँगा कर उस पर लिख दिया, “इसका नाम योहन है.” यह देख सभी चकित रह गए. 64 उसी क्षण उनकी आवाज़ लौट आई. उनकी जीभ के बन्धन खुल गए और वह परमेश्वर का स्तुति करने लगे. 65 सभी पड़ोसियों में परमेश्वर के प्रति श्रद्धाभाव आ गया और यहूदिया प्रदेश के सभी पर्वतीय क्षेत्र में इसकी चर्चा होने लगी. 66 निस्सन्देह प्रभु का हाथ उस बालक पर था. जिन्होंने यह सुना, उन्होंने इसे याद रखा और यह विचार करते रहे: “क्या होगा यह बालक!”
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