Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क स्तुति करा,
हे यहोवा क सेवकन, ओकर स्तुति करा।
यहोवा क नाउँ क बड़कई करा।
2 यहोवा क नाउँ अबहुँ
अउर सदा सदा बरे आसीसित होइ।
3 मोर इ कामना अहइ, यहोवा क नाउँ क गुण पूरब स जहाँ सूरज उगत ह,
पच्छिउँ तलक उ ठउरे मँ जहाँ सूरज बूड़त ह गावा जाइ।
4 यहोवा सबहिं रास्ट्रन स महान अहइ।
ओकर महिमा अकासे तलक उठति ह।
5 यहोवा हमरे परमेस्सर क नाई कउनो भी मनई नाहीं अहइ
जउन ऊँचाइ पइ विराजमान अहइ।
6 भले ही उ सबइ बातन क जउन धरती अउर आकासे पइ घटत ह,
लखइ बरे उ नीचे झुकिके निगाह डावइ ह।
7 परमेस्सर गरीब मनइयन क धूरि स उठावत ह।
उ ओनका क गन्दगी स निकारत ह।
8 परमेस्सर ओनका महत्वपूर्ण बनावत ह।
परमेस्सर ओन लोगन क महत्वपूर्ण मुखिया बनावत ह।
9 कउनो मेहरारू बे औलाद होइ सकत ह, किन्तु परमेस्सर ओका बच्चा स आसीसित करी,
अउर ओका खुस करी।
यहोवा क गुणगान करा।
28 तब रिबका दौड़ी अउ जउन कछू भवा रहा आपन परिवार क बताएस। 29-30 रिबका क एक भाई रहा। ओकर नाउँ लाबान रहा। रिबका ओका उ बातन क बताएस जउन ओसे उ मनई किहे रहा। लाबान ओकर बातन अनकत रहा। जब लाबान मुनरी अउ बहिनी क बाँहे प बाजूबन्द निहारेस तउ उ धाइके नारा प पहोंचा अउर हुआँ उ मनई नारा क लगे, ऊँटियन क बगल मँ ठाड़ रहा। 31 लाबान कहेस, “साहेब, आप पधारइँ आप क सुआगत अहइ। आप क हिआँ बाहेर खड़ा नाही रहब बाटइ। मइँ आपक ऊँटियन बरे एक जगह बनइ दीन्ह ह अउ आप सोवइ बरे एक ठु कमरा ठीक कइ दीन्ह ह।”
32 ऍह बरे इब्राहीम क नउकर लाबन क घर गवा। लाबान ऊँटन पइ स बोझ उतारइ मँ ओकर मदद किहस अउ ऊँटन क खाइ बरे चारा दिहस। तब लाबान पानी दिहस जेहसे उ मनई अउ ओकरे संग आए भएन दूसर नउकरन आपन गोड़ पखारि सकइँ। 33 तब लाबान ओका खाइ बरे दिहस। मुला नउकर खइया क खइ स मना कइ दिहस। उ कहेस, “मइँ तब तलक भोजन न करब जब तलक मइँ इ नाही बताइ देउँ कि मइँ हिआँ काहे बरे आवा अहउँ।”
ऍह बरे लाबान कहेस, “तब हम पचन क बतावा।”
रिबका इसहाक क मेहरारु बनी
34 नउकर कहेस, “मइँ इब्राहीम क नउकर अहउँ। 35 यहोवा हमरे सुआमी प हर एक जगह कृपा किहेस ह। मोर मालिक महान मनई होइ ग अहइँ। यहोवा इब्राहीम क कइउ भेड़िन क झुण्ड अउ गोरुअन क झुण्ड दिहे अहइ। इब्राहीम क लगे ढेरि क सोना, चाँदी अउ नउकर अहइँ। इब्राहीम क लगे बहोत स ऊँट अउ गदहा अहइँ। 36 सारा, मोर सुआमी क पत्नी अहइ। जब उ बहोतइ बुढ़ाइ गइ उ एक पूत क जन्म दिहेस अउ हमार सुआमी आपन सब कछू उ पूत क दइ दिहस ह। 37 मोर सुआमी मोका एक बचन देइ बरे बेबस किहस। मोर सुआमी मोसे कहेस, ‘तू मोरे पूत क कनान क लरिकी स कउनो भी तरह बियाह नाहीं करइ देब्या। हम पचे ओनके बीच रहित ह मुला मइँ नाहीं चाहित कि उ कउनो कनानी लरिकी स बियाह करइ। 38 ऍह बरे तोहका बचन देइ क होइ कि तू मोरे बाप क देस जाब्या। मोरे परिवार मँ जा अउ मोरे पूत बरे एक ठु दुलहिन चुना।’ 39 मइँ आपन सुआमी स कहेउँ, ‘इ होइ सकत ह कि उ दुलहिन मोरे संग इ देस मँ आवइ स इन्कार करेस।’ 40 मुला मोर मालिक कहेस, ‘मइँ यहोवा क सेवा करत हउँ अउ यहोवा तोहरे संग आपन सरगदूत पठई अउ तोहर मदद करी। तोहका हुआँ मोरे आपन लोगन मँ स मोरे पूत बरे एक दुलहिन मिली। 41 मुला जदि तू मोरे पिता क देस जात ह अउर उ पचे मोरे पूत बरे एक ठु दुलहिन देब मना करत हीं तउ तोहका इ बचन स छुटकारा मिलि जाइ।’
42 “आजु मइँ इ नारा प आवा हउँ अउर मइँ कहेउँ ह, ‘हे यहोवा मोर सुआमी क परमेस्सर कृपा कइके मोर जात्रा सुफल बनावा।
ईसू क आपन सहर मँ जाब
(मत्ती 13:53-58; मरकुस 6:1-6)
16 फिन उ नासरत आवा जहाँ उ पला अउर बड़ा भवा। आपन आदत क मुताबिक सबित क दिन उ आराधनालय मँ गवा। जबहिं उ पाठ बाँचइ खड़ा भवा। 17 तउ यसायाह नबी क किताब ओका दीन्ह गई। जब उ किताब खोलेस तउ ओका जगह मिला जहाँ लिखा रहा कि:
18 “पर्भू क आतिमा मोरे मँ समाइ गइ
अहइ काहेकि किहेस ह उ मोर अभिसेक कि दीनउँ क सुसमाचार सुनाउब
मइँ, उ मोका पठएस ह बंदीयन क इ बतावइ कि उ पचे अजाद अहइँ।
आँधर क आँखिन मँ जोति सरसावइ,
अउर दलितन क छुटकारा देवॉवइ;
19 पर्भू क अनुग्रह क समइ बतावइ क भेजा अहइ!” (A)
20 फिन उ किताब क बंद कइके परिचारक क हथवा मँ दइ दिहस अउर बैठ गवा। आराधनालय मँ सबइ क आँखिन ओका निहारत रहिन। 21 तब उ ओनसे कहब सुरु किहेस, “आज इ बचन तोहरे काने मँ पूर भवा!”
22 हर कउनो ओकरे बारे मँ अच्छी बातन कहत रहेन। ओकरे मुँहना स जउन सुन्दर बचन निकरत रहेन, ओन प सबन क अचरज भवा। उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क बेटवा नाहीं अहइ?”
23 फिन ईसू ओनसे कहेस, “तू पचे जरूर मोका इ कहावत सुनउब्या, ‘अरे वैद्य खुद आपन इलाज करा।’ कफरनहूम मँ तोहरे जउन काजे क बारे मँ हम पचे सुना ह, उ काजे क हिआँ आपन खुद क सहर मँ भी कइ डावा!” 24 ईसू तब ओनसे कहेस, “मइँ तोहसे सच कहत हउँ कि आपन सहर मँ कउनो नबी क स्वागत नाहीं होत।
25-26 “मइँ तोहसे सच कहत हउँ इस्राएल मँ एलिय्याह क समइ मँ जब अकास जइसे मुँद गवा रहा अउर साढ़े तीन बरिस तलक पूरी धरती मँ खौफनाक अकाल पड़ि गवा, तउ हुवाँ बहुत विधवन रहेन। मुला सैदा पहँटा के सारपत सहर क एक विधवा क तजिके एलिय्याह क कउनो अउर क लगे नाहीं पठवा गवा रहा।
27 “अउर नबी एलीसा क समइया मँ इस्राएल मँ ढेर कोढ़ी रहेन मुला ओहमाँ स सीरिया क बसइया नामान क तजिके अउर कउनो क सुद्ध नाहीं कीन्ह गवा रहा।”
28 तउ जबहिं आराधनालय मँ मनइयन इ सुनेन तउ सबहिं बहोत क्रोध स भर गएन। 29 तउ उ पचे खड़ा भएन अउर ओका सहर स बाहेर ढकेल दिहेन। उ सबइ ओका पहाड़े क उ चोटी प लइ गएन जेह प ओकर सहर बसा रहा जेसे उ पचे हुवाँ तरखाले झोंकि देइँ। 30 मुला उ ओनके बीच स निकरिके कहूँ आपन राहे प चला गवा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.