Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
20 यहोवा मोका आपन अच्छाई क अनुसार इनाम देइ।
उ मोका मोरे सुद्धता क अनुसार बदल देइ।
21 काहेकि मइँ यहोवा क आग्या क पालन किहेउँ ह!
आपन परमेस्सर यहोवा बरे मइँ कउनो भी बुरा काम नाहीं किहेउँ।
22 मइँ तउ यहोवा क व्यवस्था विधानन क
अउ हुकुमन क हमेसा धियान मँ राखत हउँ!
23 खुद क मइँ ओकरे समन्वा पवित्तर राखत हउँ
अउ अबोध बना रहत हउँ।
24 काहेकि मइँ अबोध अहउँ!
एह बरे मोका मोर पुरस्कार देइ!
जइसा परमेस्सर लखत ह कि मइँ कउनो बुरा काम नाहीं किहेउँ, एह बरे उ मोरे बरे उत्तिम चिजियन करी।
25 हे यहोवा, तू वफ़ादार लोगन क संग वफ़ादार अहा
अउ खरे लोगन्क संग तू आपन क खरा दिखावत ह।
26 हे यहोवा, तू सुद्ध लोगन क संग सुद्ध अहा,
किन्तु तू दुट्ठ लोगन स जियादा चालाक अहा।[a]
27 हे यहोवा, तू नम्र जनन बरे सहाय अहा,
मुला जेनमाँ अहंकार भरा अहइ ओन मनइयन क तू बड़ा नाहीं बनइ देत्या।
28 उ तू ही अहा जउन मोर दीप बरत ह।
हे मोरे परमेस्सर तू मोरे अंधकार क जोति मँ बदल देत अहा!
29 हे यहोवा, तोहरी मदद स, मइँ फउजियन क संग पराइ सकत हउँ।
तोहरी ही मदद स, मइँ दुस्मनन क चहरदीवार फाँद सकत हउँ।
30 परमेस्सर क विधान पवित्तर अउ उत्तिम अहइ
अउ यहोवा क सब्द सच स पूरा होत हीं।
उ ओका बचावत ह जउन ओकरे भरोसे अहइँ।
15 तब रूत उठी अउर काम करइ लउटी।
तब बोअज़ आपन सेवकन स कहेस, “रूत क आन्त क ढेरी क लगे भी अन्न बटोरइ द्या। ओका जिन रोका। 16 ओकरे काम क, ओकरे बरे कछू दाना स भरी बालन गिराइके, हलका करा। ओका उ अन्न क बटोरइ द्या। ओका रोकइ बरे जिन कहा।”
नाओमी बोअज़ क बारे मँ सुनत ह
17 रूत साँझ तलक खेत मँ अनाज एकट्ठा किहस। तब उ भूसा स अन्न क अलग किहस। उ लगभग आधा बुसल जौ जमा किहेस। 18 रूत उ अन्न क आपन सास क इ देखावइ बरे लइ गइ कि उ केतना अन्न बटोरेस ह। उ ओका उ भोजन भी दिहस जउन दुपहर क भोजन मँ स बन गवा रहा। रूत उ अन्न क अपनी सास क देखावइ बरे लइ गइ कि उ केतना अन्न बटोरेस ह। उ मोका भोजन भी दिहेस जउन दुपहरिया क भोजन मँ स बच गवा रहा।
19 ओकर सास ओहसे पूछेस, “इ अन्न तू कहाँ स बटोर्या ह? तू कहाँ काम किहा? जउन मनई तोहका सूचना दिहेस आसीर्बाद पाइ।”
तब रूत ओका बताएन कि उ केकरे संग काम किहे रही। उ कहेस, “जउने मनई क संग मइँ आजु काम किहे रहेउँ, ओकर नाउँ बोअज़ अहइ।”
20 नाओमी अपनी पतोहू स कहेस, “यहोवा ओका आसीर्बाद देइ। यहोवा सबहि पइ निरन्तर दाया करत रहत ह चाहे उ पचे जिअत होइँ या मरा होउँ।” तब नाओमी आपन पतोहू स कहेस, “बोअज़ हमारे संबन्धियन मँ स एक अहइ। बोअज़ हमार संरच्छक[a] मँ स एक अहइ।”
21 तब रूत कहेस, “बोअज़ मोका वापस आवइ अउर काम करइ क भी कहेस ह। बोअज़ कहेस ह कि मइँ सेवकन क संग तब तलक काम करत रहउँ जब तलक फसल क कटाई पूरी नाहीं होइ जात।”
22 तब नाओमी अपनी पतोहू रूत स कहेस, “इ नीक अहइ कि तू ओकरी दासियन क संग काम करत रहा। जदि तू कउनो दूसर क खेत मँ काम करबिउ तउ कउनो मनई तोहका कउनो नोस्कान पहोंचाइ सकत ह।” 23 एह बरे रूत बोअज़ क मेहररू नउकरन क संग काम करत रही। उ तब तलक अन्न बटोरेस जब तलक फसल क कटाई पूरी नाहीं भई। उ हुवाँ गोहूँ क कटनी क आखिर तलक भी काम किहस। रूत आपन सास क संग रहत रही।
17 बुराइ क बदला बुराइ स कउनो क न द्या। सभन लोगन क आँखी मँ जउन अच्छा होइ उही क करइके सोचा। 18 जहाँ तक तोहसे बन पड़इ सब मनइयन क साथे सान्ति स रहा। 19 कउनो स अपने आप बदला न ल्या। पियारे बन्धुओ, बल्कि एका परमेस्सर क किरोध पे छोड़ द्या काहेकि सास्तर मँ लिखा बा: “पर्भू कहेस ह बदला लेब मोर काम बा। प्रतिदान मइँ देबइ।”(A) 20 बल्कि तू अगर,
“तोहर दुस्मन भूखा बा तउ
ओका भोजन करावा,
अगर उ पियासा अहइ तउ
ओका पीअइके द्या।
काहेकि अगर तू अइसेन करत ह तउ उ तोहसे सर्मिन्दा होई।” (B)
21 बदी स न हारा बल्कि अपने नेकी स बदी क हराइ द्या।
पिरेम इ व्यवस्था अहइ
8 आपसी पिरेम क अलावा कउनो क ऋण अपने उप्पर न रखा काहेकि जउन अपने साथियन स पिरेम करत ह, उ एह तरह व्यवस्था क पूरी आज्ञा क मानत ह। 9 मइँ इ एह बरे कहत हउँ काहेकि, “व्यभिचार न करा, हतिया न करा, चोरी न करा, लालच न रखा”(A) अउ जउनउ दूसरी व्यवस्था होइ सकत ह, इ बचन मँ समाइ जात ह कि, “तोहे अपने साथी क अइसेन ही पियार करइ चाही, जइसेन तू अपने आप क करत ह।”(B) 10 पिरेम अपने साथी क बुरा कभउँ नाहीं करत। इही बरे पिरेम करब व्यवस्था क पूरा करब बा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.