Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
सबसे अच्छा महायाजक
5 हर एक महापुरोहित मनुष्यों में से चुना जाता है और मनुष्यों के ही लिए परमेश्वर से सम्बन्धित संस्कारों के लिए चुना जाता है कि पापों के लिए भेंट तथा बलि दोनों चढ़ाया करे. 2 उसमें अज्ञानों तथा भूले-भटकों के साथ नम्र व्यवहार करने की क्षमता होती है क्योंकि वह स्वयं भी निर्बलताओं के अधीन है. 3 इसीलिए यह आवश्यक हो जाता है कि वह पापों के लिए बलि चढ़ाया करे—लोगों के लिए तथा स्वयं अपने लिए. 4 किसी भी व्यक्ति को यह सम्मान अपनी कोशिश से नहीं परन्तु परमेश्वर की बुलाहट द्वारा प्राप्त होती है, जैसे हारोन को.
5 इसी प्रकार मसीह ने भी महापुरोहित के पद पर बैठने के लिए स्वयं को ऊँचा नहीं किया परन्तु उन्होंने, जिन्होंने उनसे यह कहा:
“तुम मेरे पुत्र हो,
आज मैं तुम्हारा पिता हुआ हूँ”;
6 जैसा उन्होंने दूसरी जगह भी कहा है,
तुम मेलख़ीत्सेदेक की शृंखला में
एक अनन्त काल के याजक हो.
7 अपने देह में रहने के समय में उन्होंने ऊँचे शब्द में रोते हुए, आँसुओं के साथ उनके सामने प्रार्थनाएँ और विनती कीं, जो उन्हें मृत्यु से बचा सकते थे. उनकी परमेश्वर में भक्ति के कारण उनकी प्रार्थनाएँ स्वीकार की गईं. 8 पुत्र होने पर भी उन्होंने अपने दुःख उठाने से आज्ञा मानने की शिक्षा ली. 9 फिर सिद्ध घोषित किए जाने के बाद वह स्वयं उन सबके लिए, जो उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, अनन्त काल उद्धार का कारण बन गए; 10 क्योंकि वह परमेश्वर द्वारा मेलख़ीत्सेदेक की श्रृंखला के महापुरोहित चुने गए थे.
ज़ेबेदियॉस के पुत्रों की विनती
35 ज़ेबेदियॉस के दोनों पुत्र, याक़ोब तथा योहन, मसीह येशु के पास आ कर विनती कर कहने लगे, “गुरुवर, हमारी इच्छा है कि हम आप से जो भी विनती करें, आप उसे हमारे लिए पूरी कर दें.”
36 मसीह येशु ने उनसे पूछा, “क्या चाहते हो?”
37 “हमारी इच्छा है कि आपकी महिमा के समय में हम आपकी दायीं तथा बायीं ओर में बैठें,” उन्होंने विनती की.
38 इस पर मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम्हें तो यह मालूम ही नहीं कि तुम क्या माँग रहे हो. क्या तुम में वह प्याला पीने की क्षमता है जिसे मैं पीने पर हूँ, या तुममें उस बपतिस्मा में बपतिस्मित होने की क्षमता है, जिसमें मुझे बपतिस्मा दिया गया है?”
39 उन्होंने उत्तर दिया, “अवश्य.” मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “वह प्याला, जो मैं पिऊँगा, तुम भी पिओगे तथा तुम्हें वही बपतिस्मा दिया जाएगा, जो मुझे दिया गया है 40 किन्तु किसी को अपने दायें या बायें पक्ष में बैठाना मेरा अधिकार नहीं है. ये स्थान उन्हीं के लिए सुरक्षित हैं, जिन्हें इनके लिए तैयार किया गया है.”
41 जब शेष दस ने यह सब सुना तो वे याक़ोब और योहन पर नाराज़ हो गए. 42 उन सब को अपने पास बुला कर मसीह येशु ने उनसे कहा, “वे, जो अन्यजातियों में शासकों के रूप में जाने जाते हैं, उनको दबाया करते तथा उनके बड़े अधिकारी उन पर अपना अधिकार दिखाया करते हैं 43 किन्तु तुम्हारे विषय में ऐसा नहीं है. तुममें जो बड़ा बनने का इच्छुक है, उसको तुम्हारा सेवक हो जाना ज़रूरी है. 44 तुममें जो प्रथम होने का इच्छुक है, उसको सबका दास हो जाना ज़रूरी है 45 क्योंकि स्वयं मनुष्य का पुत्र अन्यों से सेवा कराने नहीं परन्तु सेवा करने तथा अनेकों के उद्धार के लिए फिरौती के रूप में अपने प्राण बलिदान करने आया है.”
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