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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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इब्री 4:12-16

परमेश्वर का वचन तथा याजक मसीह

12 परमेश्वर का वचन जीवित, सक्रिय तथा किसी भी दोधारी तलवार से कहीं अधिक धारदार है, जो हमारे भीतर में प्रवेश कर हमारी आत्मा, प्राण, जोड़ों तथा मज्जा को भेद देता है. यह हमारे हृदय के उद्धेश्यों तथा विचारों को पहचानने में सक्षम है. 13 जिन्हें हमें हिसाब देना है, उनकी दृष्टि से कोई भी प्राणी छिपा नहीं है—सभी वस्तुएं उनके सामने साफ़ और खुली हुई हैं.

14 इसलिए कि वह, जो आकाशमण्डल में से होकर पहुँच गए, जब वह महायाजक—परमेश्वर-पुत्र, मसीह येशु—हमारी ओर हैं; हम अपने विश्वास में स्थिर बने रहें. 15 वह ऐसे महायाजक नहीं हैं, जो हमारी दुर्बलताओं में सहानुभूति न रख सकें परन्तु वह ऐसे महायाजक हैं, जो हरेक पक्ष में हमारे समान ही परखे गए फिर भी निष्पाप ही रहे; 16 इसलिए हम अनुग्रह के सिंहासन के सामने निड़र होकर जाएँ कि हमें ज़रूरत के अवसर पर कृपा तथा अनुग्रह प्राप्त हो.

मारक 10:17-31

अनन्त जीवन का अभिलाषी धनी युवक

(मत्ति 19:16-30; लूकॉ 18:18-30)

17 मसीह येशु अपनी यात्रा प्रारम्भ कर ही रहे थे कि एक व्यक्ति उनके पास दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेकते हुए उनसे पूछने लगा, “उत्तम गुरु, अनन्त काल का जीवन प्राप्त करने के लिए मैं क्या करूँ?”

18 मसीह येशु ने उससे कहा, “उत्तम मुझे क्यों कह रहे हो? परमेश्वर के अलावा उत्तम कोई भी नहीं है. 19 आज्ञा तो तुम्हें मालूम ही हैं: हत्या न करो, व्यभिचार न करो, चोरी न करो, झूठी गवाही न दो, छल न करो, माता-पिता का सम्मान करो.”

20 उसने उत्तर दिया, “गुरुवर, मैं बाल्यावस्था से इनका पालन करता आया हूँ.”

21 युवक को एकटक देखते हुए मसीह येशु का हृदय उस युवक के प्रति स्नेह से भर गया. उन्होंने उससे कहा, “एक ही कमी है तुममें: जाओ, अपनी सारी सम्पत्ति बेच कर प्राप्त राशि गरीबों में बांट दो. धन तुम्हें स्वर्ग में प्राप्त होगा. लौट कर आओ और मेरा अनुगमन करो.”

22 ये शब्द सुनते ही उसका मुँह लटक गया. वह शोकित हृदय से लौट गया क्योंकि वह बड़ी सम्पत्ति का स्वामी था.

23 मसीह येशु ने अपने आस-पास इकट्ठा शिष्यों से कहा, “परमेश्वर के राज्य में धनवानों का प्रवेश कितना कठिन होगा!”

24 मसीह येशु के इन विचारों से शिष्य चकित रह गए. एक बार फिर मसीह येशु ने उनसे कहा, “अज्ञानियो! कैसा कठिन होता है कितना कठिन होगा![a] परमेश्वर के राज्य में प्रवेश! 25 परमेश्वर के राज्य में किसी धनवान के प्रवेश की अपेक्षा ऊँट का सुई के छेद में से पार हो जाना सरल है.”

26 यह सुन शिष्य और भी अधिक चकित हो गए और मसीह येशु से पूछने लगे, “तब उद्धार किसका हो सकेगा?”

27 उनकी ओर देखते हुए मसीह येशु ने कहा, “मनुष्यों के लिए तो यह असम्भव है किन्तु परमेश्वर के लिए नहीं—परमेश्वर के लिए सभी कुछ सम्भव है.”

28 पेतरॉस मसीह येशु से बोले, “हम तो अपना सबकुछ त्याग कर आपके पीछे हो लिए हैं.”

29 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “मैं तुम पर एक अटल सच प्रकट कर रहा हूँ: ऐसा कोई भी नहीं, जिसने मेरे तथा सुसमाचार के हित में अपने परिवार, भाई-बहन, माता-पिता, सन्तान या सम्पत्ति का त्याग किया हो, 30 उसे इस युग में सताव के साथ प्रतिफल स्वरूप परिवार, भाई-बहन, माता-पिता, सन्तान तथा सम्पत्ति का सौ गुणा तथा आनेवाले समय में अनन्त काल का जीवन प्राप्त न होगा. 31 किन्तु अनेक, जो पहिले हैं अन्तिम होंगे तथा जो अन्तिम हैं वे पहिले.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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