Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 124

दाऊद का एक मन्दिर का आरोहण गीत।

यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
    इस्राएल तू मुझको उत्तर दे
यदि बीते दिनों में यहोवा हमारे साथ नहीं होता तो हमारे साथ क्या घट गया होता
    जब हम पर लोगों ने हमला किया था तब हमारे साथ क्या बीतती।
जब कभी हमारे शत्रु ने हम पर क्रोध किया,
    तब वे हमें जीवित ही निगल लिये होते।
तब हमारे शत्रुओं की सेनाएँ
    बाढ़ सी हमको बहाती हुई उस नदी के जैसी हो जाती
    जो हमें डूबा रहीं हो।
तब वे अभिमानी लोग उस जल जैसे हो जाते
    जो हमको डुबाता हुआ हमारे मुँह तक चढ़ रहा हो।

यहोवा के गुण गाओ।
    यहोवा ने हमारे शत्रुओं को हमको पकड़ने नहीं दिया और न ही मारने दिया।

हम जाल में फँसे उस पक्षी के जैसे थे जो फिर बच निकला हो।
    जाल छिन्न भिन्न हुआ और हम बच निकले।
हमारी सहायता यहोवा से आयी थी।
    यहोवा ने स्वर्ग और धरती को बनाया है।

एस्तेर 2

एस्तेर महारानी बनायी गयी

आगे चलकर महाराजा क्षयर्ष का क्रोध शांत हुआ सो उसे वशती और वशती के कार्य याद आने लगे। वशती के बारे में उसने जो आदेश दिया था, वह भी उसे याद आया। इसके बाद राजा के निजी सेवकों ने उसे एक सुझाव दिया। उन्होंने कहा, “राजा के लिए सुन्दर कुँवारी कन्याओं की खोज करो। राजा को अपने राज्य के हर प्रांत में एक मुखिया का चुनाव करना चाहिए। फिर उन मुखियाओं को चाहिए कि वे हर कुँवारी कन्या को शूशन के राजधानी नगर में लेकर आयें। उन कन्याओं को राजा की स्त्रियों के समूह में रखा जाये। वे हेगे की देख—रेख में रखी जायेंगी। हेगे महाराजा का खोजा था, वह स्त्रियों का प्रबंधक था। फिर उन्हें सौन्दर्य प्रसाधन दिये जायें। फिर वह लड़की जो राजा को भाये, वशती के स्थान पर राजा की नई महारानी बना दी जाये।” राजा को यह सुझाव बहुत अच्छा लगा। सो उसने इसे स्वीकार कर लिया।

अब देखो, बिन्यामीन परिवार समूह का मोर्दकै नाम का एक यहूदी वहाँ रहा करता था। जो शूशन राजधानी नगर का निवासी था। मोर्दकै याईर का पुत्र था और याईर शिमी का पुत्र था और शिमी कीश का पुत्र था। शूशन राजधानी नगर में रहता था। उस को यरूशलेम से बाबेल का राजा नबूकदनेस्सर बंदी बना कर ले गया था। वह यहूदा के राजा यकोन्याह के साथ उस दल में था जिसे बंदी बना लिया गया था। मोर्दकै के हदस्सा नाम की एक रिश्ते में बहन थी। वह अनाथ थी। न उसका बाप था, न माँ। सो मोर्दकै उसका ध्यान रखता था। मोर्दकै ने उसके माँ—बाप के मरने के बाद उसे अपनी बेटी के रूप में गोद ले लिया था। हदस्सा का नाम एस्तेर भी था। एस्तेर का मुख और उसकी शरीर रचना बहुत सुंदर थी।

जब राजा का आदेश सुनाया गया तो शूशन के राजधानी नगर में बहुत सी लड़कियों को लाया गया और उन्हें हेगे की देखभाल में रख दिया गया। एस्तेर इन्हीं लड़कियों में से एक थी। एस्तेर को राजा के महल में ले जाकर हेगे की देखभाल में रख दिया गया। हेगे राजा के रनवास का अधिकारी था। हेगे को एस्तेर बहुत अच्छी लगी। वह उसकी कृपा पात्र बन गयी। सो हेगे ने एस्तेर को शीघ्र ही सौन्दर्य उपचार दिये और उसे विशेष भोजन प्रदान किया। हेगे ने राजा के महल से सात दासियाँ चुनीं और उन्हें एस्तेर को दे दिया। और इसके बाद हेगे ने एस्तेर और उसकी सातों दासियों को जहाँ राजघराने की स्त्रियाँ रहा करती थीं, वहाँ एक उत्तम स्थान में भेज दिया। 10 एस्तेर ने यह बात किसी को नहीं बताई कि वह एक यहूदी है। क्योंकि मोर्दकै ने उसे मना कर दिया था, इसलिए उसने अपने परिवार की पृष्ठभूमि के बारे में किसी को कुछ नहीं बताया। 11 मोर्दकै जहाँ रनवास की स्त्रियाँ रहा करती थीं, वहाँ आसपास और आगे पीछे घूमा करता था। वह यह पता लगाना चाहता था कि एस्तेर कैसी है और उसके साथ क्या कुछ घट रहा है? इसीलिये वह ऐसा करता था।

12 इससे पहले कि राजा क्षयर्ष के पास ले जाने के लिये किसी लड़की की बारी आती, उसे यह सब करना पड़ता था। बारह महीने तक उसे सौन्दर्य उपचार करना पड़ता था यानी छ: महीने तक उसे गंधरस का तेल लगाया जाता और छ: महीने तक सुगंधित द्रव्य और तरह—तरह की प्रसाधन सामग्रियों का उपयोग करना होता था। 13 राजा के पास जाने के लिये उन्हें यह सब करना होता था। रनवास से जो कुछ वह चाहती, उसे दिया जाता। 14 शाम के समय वह लड़की राजा के महल में जाती और प्रातःकाल रनवास के किसी दूसरे क्षेत्र में वह लौट आती। फिर उसे शाशगज नाम के व्यक्ति की देखरेख में रख दिया जाता। शाशगज राजा का खोजा था जो राजा की रखैलों का अधिकारी था। यदि राजा उससे प्रसन्न न होता, तो वह लड़की फिर कभी राजा के पास न जाती। और यदि राजा उससे प्रसन्न होता तो उसे राजा नाम लेकर वापस बुलाता।

15 जब एस्तेर की राजा के पास जाने की बारी आई तो उसने कुछ नहीं पूछा। उसने राजा के खोजे, हेगे से, जो रनवास का अधिकारी था, वह यह चाहा कि वह उसे बता दे कि वह अपने साथ क्या ले जाये? एस्तेर वह लड़की थी जिसे मोर्दकै ने गोद ले लिया था और जो उसके चाचा अबीहैल की पुत्री थी। एस्तेर को जो भी देखता, उसे पंसद करता था। 16 सो एस्तेर को महाराजा क्षयर्ष के महल में ले जाया गया। यह उस समय हुआ जब उसके राज्यकाल के सातवें वर्ष का तेबेत नाम का दसवाँ महीना चल रहा था।

17 राजा ने एस्तेर को किसी भी और लड़की से अधिक प्रेम किया और वह उसकी कृपा पायी। किसी भी दूसरी लड़की से अधिक, राजा को वह भा गयी। सो राजा क्षयर्ष ने एस्तेर के सिर पर मुकुट पहना कर वशती के स्थान पर नयी महारानी बना लिया। 18 एस्तेर के लिये राजा ने एक बहुत बड़ी भोज दी। यह भोज उसके महत्वपूर्ण व्यक्तियों और मुखियाओं के लिये थी। उसने सभी प्रातों में छुटटी की घोषणा कर दी। उसने लोगों को उपहार भिजवाये क्योंकि वह बहुत उदार था।

मोर्दकै को एक बुरी योजना का पता चला

19 मोर्दकै उस समय राजद्वार के निकट ही बैठा था, जब दूसरी बार लड़कियों को इकट्ठा किया गया था। 20 एस्तेर ने अभी भी इस रहस्य को छुपाया हुआ था कि वह एक यहूदी थी। अपने परिवार की पृष्ठभूमि के बारे में उसने किसी को कुछ नहीं बताया था, क्योंकि मोर्दकै ने उसे ऐसा करने से रोक दिया था। वह मोर्दकै की आज्ञा का अब भी वैसे ही पालन करती थी, जैसे वह तब किया करती थी, जब वह मोर्दकै की देख—रेख में थी।

21 उसी समय जब मोर्दकै राजद्वार के निकट बैठा करता था, यह घटना घटी: बिकतान और तेरेश जो राजा के द्वार रक्षक अधिकारी थे, राजा से अप्रसन्न हो गये थे। उन्होंने राजा क्षयर्ष की हत्या का षड़यन्त्र रचना शुरु कर दिया। 22 किन्तु मोर्दकै को उस षड़यन्त्र का पता चल गया और उसने उसे महारानी एस्तेर को बता दिया। फिर महारानी एस्तेर ने उसे राजा से कह दिया। उसने राजा को यह भी बता दिया कि मोर्दकै ही वह व्यक्ति है, जिसने इस षड़यन्त्र का पता चलाया है। 23 इसके बाद उस सूचना की जाँच की गयी और यह पता चला कि मोर्दकै की सूचना सही थी और उन दो पहरेदारों को जिन्होंने राजा को मार डालने का षड़यन्त्र बनाया था, एक खम्भे पर लटका दिया गया। राजा के सामने ही ये सभी बातें राजा के इतिहास की पुस्तक में लिख दी गयीं।

प्रेरितों के काम 12:20-25

20 वह सूर और सैदा के लोगों से बहुत क्रोधित रहता था। वे एक समूह बनाकर उससे मिलने आये। राजा के निजी सेवक बलासतुस को मनाकर उन्होंने हेरोदेस से शांति की प्रार्थना की क्योंकि उनके देश को राजा के देश से ही खाने को मिलता था।

21 एक निश्चित दिन हेरोदेस अपनी राजसी वेश-भूषा पहन कर अपने सिंहासन पर बैठा और लोगों को भाषण देने लगा। 22 लोग चिल्लाये, “यह तो किसी देवता की वाणी है, मनुष्य की नहीं।” 23 क्योंकि हेरोदेस ने परमेश्वर को महिमा प्रदान नहीं की थी, इसलिए तत्काल प्रभु के एक स्वर्गदूत ने उसे बीमार कर दिया। और उसमें कीड़े पड़ गये जो उसे खाने लगे और वह मर गया।

24 किन्तु परमेश्वर का वचन प्रचार पाता रहा और फैलता रहा।

25 बरनाबास और शाऊल यरूशलेम में अपना काम पूरा करके मरकुस कहलाने वाले यूहन्ना को भी साथ लेकर अन्ताकिया लौट आये।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International