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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 1

पहिला भाग

(भजन 1–41)

उ मनई सचमुच धन्य होइ जउन दुस्टन क सलाह न मानी,
    अउर पापियन क संग सामिल नाहीं होत ह
अउर ओनकर संग नाहीं रहत ह
    जउन परमेस्सर क बरे सम्मान नाहीं दिखावत ह।[a]
उ नीक मनई अहइ जउन यहोवा क उपदेसन स पिरेम राखत ह।
    उ तउ दिन रात ओन उपदेसन क मनन करत ह।
एहसे उ मनई उ बृच्छ जइसा मजबूत बनत ह
    जेका सिंचाई क नहर क किनारे रोपा गवा ह।
उ उ बृच्छ क नाई बाटइ, जउन छेत्र मँ फल देत ह
    अउ जेकर पत्ता कबहुँ नाहीं मुरझातेन।
उ जउन भी करत ह सफल ही होत ह।

मुला टुस्ट मनई अइसे नाहीं होतेन।
    दुस्ट मनई उ भूसा क नाई होत हीं जेनका हवा क झोकां उड़ाइ लइ जात ह।
एह बरे दुस्ट मनई निआव क मुकाबला नाहीं कइ पइहीं।
    सज्जन लोगन क सभा मँ उ पचे दोखी ठहरावा जइहीं अउर ओन पापी लोगन क बख्सा न जाइ।
एकर कारण इ बाटइ कि यहोवा सज्जन लोगन क अगुवाइ करत ह,
    मुला दुर्जन लोग खो जाइहीं।

नीतिवचन 30:18-33

18 तीन बातन अइसी अहइँ जउन मोका बहोत विचित्र लागत हीं, अउर चउथी अइसी जेका मइँ समुझ नाहीं पावत हउँ। 19 अकासे मँ उड़त भए गरूड़ क मारग, अउर लीक नाग क जउन चट्टान पइ चला, अउर महासागरे पइ चलत जहाज क राह अउर उ पुरूस क मारग जउन कउनो कामिनी क पिरेम जाल मँ बँधा होइ।

20 बिभीचारी मेहरारू क स्वभाव अइसी होत ह, उ खात रहत अउर आपन मुँह पोंछ लेत, अउर कहा करत ह, “मइँ तउ कछू भी बुरा नाहीं किहेउँ।”

21 तीन बातन अइसी अहइँ जेनसे धरती काँपत ह अउर एक चउथी अहइ जेका उ सह नाहीं कइ पावत। 22 दास जउन राजा बन जात अउर मूरख जेकर लगे प्रयाप्त भोजन होत ह, 23 अउर अइसी मेहरारू जेहसे घिना करत ह अउर अइसी दासी जउन सुआमिनी क जगह लइ लेइ।

24 चार जीव धरती पइ क अइसा अहइ जउन कि बहोत छुद्र अहइँ मुला ओनमाँ बहोत जियादा विवेक भरा भवा अहइ।

25 चींटियन जेनमाँ सक्ती नाहीं होत हीं फुन भी उ पचे गर्मी मँ आपन खइया क बटोरत हीं,

26 बिज्जू (सापान) दुर्बल प्राणी अहइँ फुन भी उ पचे कड़ी चट्टानन मँ आपन घर बनावत हीं,

27 टिड्डियन क कउनो भी राजा नाहीं होत ह फुन भी उ पचे पंक्ति बाँधिके साथ अगवा बढ़त हीं।

28 अउर उ छिपकिली जउन जब सिरिफ हाथ स ही धरी जाइ सकत ह, फुन भी उ राजा क महलन मँ पाई जात ह।

29 तीन प्राणी अइसे अहइँ जउन आन-बान स चलत हीं, किन्तु नाहीं, दर असल उ चार अहइ:

30 एक सेर, जउन सबहिं पसुअन मँ सक्तीवाला होत ह, जउन कबहुं कउनो स नाहीं डेरात,

31 घमण्डी चाल स चलत भवा मुर्गा अउ एक बोकरा अउर उ राजा जउन आपन सेना क अगवाइ करत ह।

32 तू जदि कबहुँ आपन बेवकूफी क कारण स घमण्डी हो जात ह अउर दूसर क बिरुद्ध जोजना बनावत ह तउ एका बन्द करा अउर जउन तू करत ह ओकरे बरे सोच्या।

33 जइसे मथानी स दूध निकरत ह माखन अउर नाक मरोड़इ स लहू निकरि आवत ह वइसे ही जगाउब किरोध क होत ह झगड़न क भड़काउब।

रोमियन 11:25-32

25 भाइयो तथा बहिनियो, मइँ तोहे इ छुपा हुआ सत्य स अंजान नाही रखइ चाहित। कि तू अपने आप क बुद्धिमान समझइ लागा। कि इस्राएल क कछू लोग अइसेन ही कठोर बनाइ दीन्ह गवा बाटेन। अउर अइसेनइ ही कठोर बना रइहीं जब तलक कि काफी गैर यहूदी लोग परमेस्सर क परिवार क अंग नाहीं बन जातेन। 26 अउर एह तरह समूचा इस्राएल क उद्धार होइ जइसेन कि पवित्तर सास्तरन कहत ह:

“उद्धारकर्ता सिय्योन स आइ।
    उ याकूब क परिवार स सबहिन बुराइयन क दूर करी।
27 मोर इ करार ओकरे साथे तब होइ
    जब मइँ ओनके पापन के हर लेब।” (A)

28 जहाँ तलक सुसमाचार क सम्बन्ध बा, उ तोहरे हिते मँ परमेस्सर क सत्रु अहइँ। परन्तु जहाँ तलक परमेस्सर क जरिये ओनके चुना जाइ क सम्बन्ध अहइ, उ पचे ओनके पूर्वजन क दिए भए बचन क अनुसार परमेस्सर क पियारा अहइँ। 29 काहेकि परमेस्सर जेका बोलावत ह अउर जेका उ देत ह, ओकरे तरफ स अपन मन कभउँ नाहीं बदलत। 30 काहेकि जइसेन तू लोग पहिले कभउँ परमेस्सर क आज्ञा नाहीं मानत रह्या परन्तु अब तोहे ओकर अवज्ञा क कारण परमेस्सर क द्या मिली बा। 31 वइसेन ही अब उ पचे ओकर आज्ञा नाहीं मानतेन काहेकि परमेस्सर क द्या तोहे पे बा ताकि अब ओन्हे भी परमेस्सर क दया मिलइ। 32 काहेकि परमेस्सर सब जने के अवज्ञा क कारागार मँ इही बरे डारि रखे अहइ कि उ ओन सब पर दया देखॉय सकइ।

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.