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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 45:1-2

संगीत निर्देशक के लिए शोकन्नीभ की संगत पर कोरह परिवार का एक कलात्मक प्रेम प्रगीत।

सुन्दर शब्द मेरे मन में भर जाते हैं,
    जब मैं राजा के लिये बातें लिखता हूँ।
मेरे जीभ पर शष्द ऐसे आने लगते हैं
    जैसे वे किसी कुशल लेखक की लेखनी से निकल रहे हैं।

तू किसी भी और से सुन्दर है!
    तू अति उत्तम वक्ता है।
    सो तुझे परमेश्वर आशीष देगा!

भजन संहिता 45:6-9

हे परमेश्वर, तेरा सिंहासन अमर है!
    तेरा धर्म राजदण्ड है।
तू नेकी से प्यार और बैर से द्वेष करता है।
    सो परमेश्वर तेरे परमेश्वर ने तेरे साथियों के ऊपर
    तुझे राजा चुना है।
तेरे वस्त्र महक रहे है जैसे गंध रास, अगर और तेज पात से मधुर गंध आ रही।
    हाथी दाँत जड़ित राज महलों से तुझे आनन्दित करने को मधुर संगीत की झँकारे बिखरती हैं।
तेरी माहिलायें राजाओं की कन्याएँ है।
    तेरी महारानी ओपीर के सोने से बने मुकुट पहने तेरे दाहिनी ओर विराजती हैं।

श्रेष्ठगीत 1

सुलैमान का श्रेष्ठगीत।

प्रेमिका का अपने प्रेमी के प्रति

तू मुझ को अपने मुख के चुम्बनों से ढक ले।
    क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से भी उत्तम है।
तेरा नाम मूल्यवान इत्र से उत्तम है,
    और तेरी गंध अद्भुत है।
इसलिए कुमारियाँ तुझ से प्रेम करती हैं।
हे मेरे राजा तू मुझे अपने संग ले ले!
    और हम कहीं दूर भाग चलें!

राजा मुझे अपने कमरे में ले गया।

पुरुष के प्रति यरूशलेम की स्त्रियाँ

हम तुझ में आनन्दित और मगन रहेंगे। हम तेरी बड़ाई करते हैं।
    क्योंकि तेरा प्रेम दाखमधु से उत्तम है।
    इसलिए कुमारियाँ तुझ से प्रेम करती हैं।

स्त्री का वचन स्त्रियों के प्रति

हे यरूशलेम की पुत्रियों,
    मैं काली हूँ किन्तु सुन्दर हूँ।
    मैं तैमान और सलमा के तम्बूओं के जैसे काली हूँ।

मुझे मत घूर कि मैं कितनी साँवली हूँ।
    सूरज ने मुझे कितना काला कर दिया है।
मेरे भाई मुझ से क्रोधित थे।
    इसलिए दाख के बगीचों की रखवाली करायी।
    इसलिए मैं अपना ध्यान नहीं रख सकी।

स्त्री का वचन पुरुष के प्रति

मैं तुझे अपनी पूरी आत्मा से प्रेम करती हूँ!
मेरे प्रिये मुझे बता; तू अपनी भेड़ों को कहाँ चराता है?
    दोपहर में उन्हें कहाँ बिठाया करता है?
मुझे ऐसी एक लड़की के पास नहीं होना
    जो घूंघट काढ़ती है,
जब वह तेरे मित्रों की भेड़ों के पास होती है!

पुरुष का वचन स्त्री के प्रति

तू निश्चय ही जानती है कि स्त्रियों में तू ही सुन्दर है!
    जा, पीछे पीछे चली जा, जहाँ भेड़ें
और बकरी के बच्चे जाते है।
    निज गड़रियों के तम्बूओं के पास चरा।

मेरी प्रिये, मेरे लिए तू उस घोड़ी से भी बहुत अधिक उत्तेजक है
    जो उन घोड़ों के बीच फ़िरौन के रथ को खींचा करते हैं।
10 वे घोड़े मुख के किनारे से
    गर्दन तक सुन्दर सुसज्जित हैं।
तेरे लिये हम ने सोने के आभूषण बनाए हैं।
    जिनमें चाँदी के दाने लगें हैं।
11 तेरे सुन्दर कपोल कितने अलंकृत हैं।
    तेरी सुन्दर गर्दन मनकों से सजी हैं।

स्त्री का वचन

12 मेरे इत्र की सुगन्ध,
    गद्दी पर बैठे राजा तक फैलती है।
13 मेरा प्रियतम रस गन्ध के कुप्पे सा है।
    वह मेरे वक्षों के बीच सारी राद सोयेगा।
14 मेरा प्रिय मेरे लिये मेंहदी के फूलों के गुच्छों जैसा है
    जो एनगदी के अंगूर के बगीचे में फलता है।

पुरुष का वचन

15 मेरी प्रिये, तुम रमणीय हो!
    ओह, तुम कितनी सुन्दर हो!
    तेरी आँखे कपोतों की सी सुन्दर हैं।

स्त्री का वचन

16 हे मेरे प्रियतम, तू कितना सुन्दर है!
    हाँ, तू मनमोहक है!
हमारी सेज कितनी रमणीय है!
17     कड़ियाँ जो हमारे घर को थामें हुए हैं वह देवदारु की हैं।
    कड़ियाँ जो हमारी छत को थामी हुई है, सनोवर की लकड़ी की है।

याकूब 1:1-8

याकूब का, जो परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह का दास है, संतों के बारहों कुलों को नमस्कार पहुँचे जो समूचे संसार में फैले हुए हैं।

विश्वास और विवेक

हे मेरे भाईयों, जब कभी तुम तरह तरह की परीक्षाओं में पड़ो तो इसे बड़े आनन्द की बात समझो। क्योंकि तुम यह जानते हो कि तुम्हारा विश्वास जब परीक्षा में सफल होता है तो उससे धैर्यपूर्ण सहन शक्ति उत्पन्न होती है। और वह धैर्यपूर्ण सहन शक्ति एक ऐसी पूर्णता को जन्म देती है जिससे तुम ऐसे सिद्ध बन सकते हो जिनमें कोई कमी नहीं रह जाती है।

सो यदि तुममें से किसी में विवेक की कमी है तो वह उसे परमेश्वर से माँग सकता है। वह सभी को प्रसन्नता पूर्वक उदारता के साथ देता है। बस विश्वास के साथ माँगा जाए। थोड़ा सा भी संदेह नहीं होना चाहिए। क्योंकि जिसको संदेह होता है, वह सागर की उस लहर के समान है जो हवा से उठती है और थरथराती है। ऐसे मनुष्य को यह नहीं सोचना चाहिए कि उसे प्रभु से कुछ भी मिल पायेगा। ऐसे मनुष्य का मन तो दुविधा से ग्रस्त है। वह अपने सभी कर्मो में अस्थिर रहता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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