Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क पद।
1 मइँ यहोवा पइ भरोसा करत हउँ!
फुन तू मोसे काहे कहत ह कि मइँ पराइके कहूँ जाउँ।
तू कहत अहा मोसे कि, “पंछी क नाई आपन पहाड़े पइ उड़ि जा!”
2 दुट्ठ जन ओन सिकारी क समान अहइँ।
उ पचे अँधियारे मँ लुकात हीं।
उ पचे धनुस क डोरी क पाछे हींचत हीं।
उ पचे आपन बाणन क साधत हीं अउर उ पचे नीक, नेक मनइयन क हिरदइ मँ सोझइ बाण छोड़त हीं।
3 धर्मी का कइ सकहीं
जब समाज क नींव ही तबाह कइ दीन्ह जाइ?
4 यहोवा आपन विसाल पवित्तर मन्दिर मँ विराजा बाटइ।
यहोवा सरगे मँ आपन सिंहासने पइ बइठत ह।
यहोवा सब कछू लखत ह, जउन भी होनी होत ह।
यहोवा क आँखिन लोगन क सज्जनाई व दुर्जनाई क परखइ मँ लाग रहत हीं।
5 यहोवा धर्मी अउ दुट्ठ लोगन क परख करत ह,
अउर उ ओन लोगन स घिना करत ह जउन हिंसा स प्रीति धरत हीं।
6 उ गरम कोयलन अउ बरत भइ गन्धक क बरखा क तरह ओन बुरे लोगन पइ गिराई।
ओन बुरे लोगन क हींसा मँ बस झुरसत भइ हवा बही।
7 मुला यहोवा, तू धर्मी अहा।
तोहका अच्छे जन भावत हीं।
अच्छे मनई यहोवा क संग रइहीं अउर ओकरे मुँहना क दर्सन पइहीं।
15 मन्दिर क भीतर क देवारन देवदारु क पल्लन स मढ़ी गइ रहिन। देवदारु क पल्लन भूइँया स छत तलक रहेन। पाथर क भूइँया चीड़ क पल्लन स ढका रहा। 16 उ पचे मन्दिर क पिछले हींसा मँ एक ठु कमरा बीस हाथ अन्दर गहिरा बनाएन। उ पचे इ कमरा क देवारन क देवदारु क पल्लन स मढ़ेन। देवदारु क पल्लन भूइँया स छते तलक रहेन। इ कमरा सब स जियादा पवित्तर जगह कहा जात रहा। 17 महा पवित्तर स्थान क समन्वा वाला भाग मन्दिर क सबन त जियादा पवित्तर भाग रहा। इ कमरा चालीस हाथ लम्बा रहा। 18 उ पचे इ कमरे क देवारन क देवदारु क पल्लन स मढ़ेन, देवारे क कउनो भी पाथर नाहीं लखा जाइ सकत रहा। उ पच्चे फूलन अउ कद्द् क चित्र देवदारु क पल्लन मँ नक्कासी किहन।
19 सुलैमान मन्दिर क पाछे भीतर गहिर कमरन क तइयार किहस। इ कमरा यहोवा क करार क सन्दूखे क बरे रहा। 20 इ कमरा बीस हाथ लम्बा बीस हाथ चौड़ा अउ बीस हाथ ऊँचा रहा। 21 सुलैमान इ कमरे क निखालिस सोना स मढ़ेस। उ इ कमरा क समन्वा एक ठु धूप वेदी बनाएस। उ वेदी क सोने स मढ़ेस अउर एकरे चारिहुँ कइँती सोने क जंजीरन लपेटेस। 22 सारा मन्दिर सोना स मढ़ा रहा अउर सब स जियादा पवित्तर जगह क समन्वा वेदी सोना स मढ़ी गइ रही।
23 सिल्पकार पखना सहित दुई ठु करूब सरगदूतन क मूरती बनाएन। सिल्पकार जइतून क काठे स मूरतियन बनाएन। दुइनउँ सरगदूतन सब स जियादा पवित्तर जगह मँ धरे गएन। हर एक सरगदूत दस हाथ ऊँच रहा। 24-26 उ सबइ दुइनउँ सरगदूत एक ही माप क रहेन अउर एक ही सैली मँ बने रहेन। हर एक सरगदूत क दुइ पखनन रहेन। हर एक पखना पाँच हाथ लम्बा रहा। एक पखना क सिरे स दूसर पखना क सिरे तलक दस हाथ रहा अउर हर एक सरगदूत दस हाथ ऊँच रहा। 27 इ सबइ करूब सरगदूत सब स जियादा पवित्तर ठउर मँ धरे गए रहेन। उ सबइ एक दूसर क बगल मँ खड़े रहेन। ओनकर पखना कमरा बीच मँ एक दूसर क छुअत रहेन। दूसर दुइ पखनन हर एक बगल क देवार क छुअत रहेन। 28 दुइनउँ करूब सरगदूत सोना स मढ़े गए रहेन।
29 मुख्य कच्छ अउ भीतरी कच्छ चारिहुँ कइँती क देवारन पइ करूब सरगदूतन, ताड़ क बृच्छन अउ फूल क चित्र उकेरे गए रहेन। 30 दुइनउँ कमरन क भूइँया सोना स मढ़ी गइ रही।
31 कारीगरन जइतून क काठे क दुइ दरवाजा बनाएन। उ पचे ओन दुइ दरवाजन क सब स जियादा पवित्तर जगह क प्रवेस दुआर मँ लगाएन। दरवाजन क चारिहुँ कइँती क चौखट पाँच पहलदार बनी रही। 32 उ पचे दुइनउँ दरवाजन क जैतून क काठे क बनाएन। कारीगरन दरवाजन पइ करूब सरगदूत, ताड़ क बृच्छन अउ फूलन क चित्रन क उकेरेन। तब उ पचे दरवाजन क सोना स मढ़ेन।
33 उ पचे मुख्य कच्छ मँ प्रवेस बरे भी दरवाजन बनाएन। उ पचे एक वर्गाकार दरवाजे क चौखट बनावइ बरे जैतून क काठे क उपयोग किहन। 34 तब उ पचे दरवाजा बनावइ बरे चीर क लकड़ी क उपयोग किहन। 35 हुवाँ दुइ दरवाजा रहेन। हर एक दरवाजे क दुइ भाग रहेन, एह बरे दुइनउँ दरवाजन मुड़िके बंद होत रहेन। उ पचे दरवाजन पइ करूब सरगदूत ताड़ क बृच्छन अउ फूलन क चित्रन क उकेरेन। तब उ पचे ओनका सोना स मढ़ेन।
36 तब उ पचे भीतरी आँगन बनाएन। उ पचे इ आँगन क चारिहुँ ओर देवारन बनाएन। हर एक देवदार कटे पाथरन क तीन कतारन अउ देवारु क काठन क एक कतार स बनाइ गइ।
37 उ पचे बरिस क दूसरे महीने जिब माह मँ मन्दिर क निर्माण सुरु किहन। इस्राएल क लोगन पइ सुलैमान क हुकूमत क चउथे बरिस मँ, इ भवा। 38 मन्दिर क निर्माण बरिस क अठएँ महीने बूल माह मँ पूरा भवा। लोगन पइ सुलैमान क हुकूमत क गियारहवें बरिस इ भवा रहा। मन्दिर क निर्माण मँ सात बरिस लगेन। मन्दिर ठीक उहइ प्रकार बना रहा जइसा ओका बनावइ क जोजना रही।
16 “तू मोका नाहीं चुने रह्या, मइँ खुदइ तोहका चुने रहेउँ अउर इ निस्चय करे अही कि तू जा अउर सफल होइ जा। मइँ चाहित ह कि तोहका सफलता मिलइ, अउर मोरे नाउँ स जउन कछू तू चाहा परमपिता तोहका दई देइ। 17 मइँ तोहका इ आदेस देत अही कि तू एक दूसरे स पिरेम करा।
ईसू क चेतावनी
18 “जदि दुनिया तोहसे दूस्मनी करत ह तउ इ बात तू याद कइ ल्या कि तोहसे पहले हमसे दुस्मनी करत ह। 19 जदि तू दुनिया क होत्या तउ इ दुनिया तोहसे अपने क नाईं पिरेम करत मुला तू पचे दुनिया क न अह्या अउर इ बरे दुनिया तोहसे दुस्मनी करत ह।
20 “मोर बचन याद रखा कि एक दास अपने मालिक स बड़ा नाहीं होत। इ बरे जदि उ सबेन्ह मोका कस्ट पहुँचाए अहइँ अउर सतावत अहइँ तउ उ पचे तोहका भी सतइहीं। अउर जदि उ मोर बातन मनिहइँ तउ तोहार बातन भी मनिहइँ। 21 मुला उ सबेन्ह मोरे कारण तोहरे सबेन्ह क साथ उ सब कछू करिहइँ, काहेकि उ ओका नाहीं जानत अहइ जे मोका भेजेस। 22 जदी मइँ न आइत अउर ओसे बात न करित, तउ उ सबेन्ह कउनो पाप क दोखी न होतेन। मुला अब ओनके पास अपने पाप स बचइ क कउनो बहाना नाहीं अहइ।
23 “जउन मनई हमसे दुस्मनी ठान लेत ह, उ परमपिता स दुस्मनी करत ह। 24 जदि मइँ ओनके बीच मँ काम न करित, जउऩ कि कबहूँ कउनो मनई नाहीं करे रहा, तउ उ सबेन्ह पाप क दोखी न रहतेन, मुला अब जब उ पचे देख चुका अहइँ, तबहूँ मोसे अउर परमपिता स दुस्मनी रखे अहइँ। 25 मुला इ एह बरे भवा कि ओनके व्यवस्था मँ जउन लिखा अहइ, उ खरा उतरइ। ‘उ पचे बेकार मँ हमसे बैर करेन्ह।’[a]
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.