Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 11

संगित निर्देशक के लिये दाऊद का पद।

मैं यहोवा पर भरोसा करता हूँ।
    फिर तू मुझसे क्यों कहता है कि मैं भाग कर कहीं जाऊँ?
तू कहता है मुझसे कि, “पक्षी की भाँति अपने पहाड़ पर उड़ जा!”

दुष्ट जन शिकारी के समान हैं। वे अन्धकार में छिपते हैं।
    वे धनुष की डोर को पीछे खींचते हैं।
    वे अपने बाणों को साधते हैं और वे अच्छे, नेक लोगों के ह्रदय में सीधे बाण छोड़ते हैं।
क्या होगा यदि वे समाज की नींव को उखाड़ फेंके?
    फिर तो ये अच्छे लोग कर ही क्या पायेंगे?

यहोवा अपने विशाल पवित्र मन्दिर में विराजा है।
    यहोवा स्वर्ग में अपने सिंहासन पर बैठता है।
यहोवा सब कुछ देखता है, जो भी घटित होता है।
    यहोवा की आँखें लोगों की सज्जनता व दुर्जनता को परखने में लगी रहती हैं।
यहोवा भले व बुरे लोगों को परखता है,
    और वह उन लोगों से घृणा करता है, जो हिसा से प्रीति रखते हैं।
वह गर्म कोयले और जलती हुई गन्धक को वर्षा की भाँति उन बुरे लोगों पर गिरायेगा।
    उन बुरे लोगों के भाग में बस झुलसाती पवन आयेगी
किन्तु यहोवा, तू उत्तम है। तुझे उत्तम जन भाते हैं।
    उत्तम मनुष्य यहोवा के साथ रहेंगे और उसके मुख का दर्शन पायेंगे।

1 राजा 6:1-14

सुलैमान मन्दिर बनाता है

तब सुलैमान ने मन्दिर बनाना आरम्भ किया। यह इस्राएल के लोगों द्वारा मिस्र छोड़ने के चार सौ अस्सीवाँ वर्ष[a] बाद था। यह राजा सुलैमान के इस्राएल पर शासन के चौथे वर्ष में था। यह वर्ष के दूसरे महीने जिव के माह में था। मन्दिर नब्बे फुट लम्बा, तीस फुट चौड़ा और पैंतालीस फुट ऊँचा था। मन्दिर का द्वार मण्डप तीस फुट लम्बा और पन्द्रह फुट चौड़ा था। यह द्वारमण्डप मन्दिर के ही मुख्य भाग के सामने तक फैला था। इसकी लम्बाई मन्दिर की चौड़ाई के बराबर थी। मन्दिर में संकरी खिड़कियाँ थीं। ये खिड़कियाँ बाहर की ओर संकरी और भीतर की ओर चौड़ी थीं। तब सुलैमान ने मन्दिर के मुख्य भाग के चारों ओर कमरों की एक पंक्ति बनाई। ये कमरे एक दूसरे की छत पर बने थे। कमरों की यह पंक्ति तीन मंजिल ऊँची थी। कमरे मन्दिर की दीवार से सटे थे किन्तु उनकी शहतीरें उसकी दीवार में नहीं घुसी थीं। शिखर पर, मन्दिर की दीवार पतली हो गई थी। इसलिये उन कमरों की एक ओर की दीवार उसके नीचे की दीवार से पतली थी। नीचे की मंजिल के कमरे साढ़े सात फुट चौड़े थे। बीच की मंजिल के कमरे नौ फुट चौड़े थे। उसके ऊपर के कमरे दस—बारह फुट चौड़े थे। कारीगरों ने दीवारों को बनाने के लिये बड़े पत्थरों का उपयोग किया। कारीगरों ने उसी स्थान पर पत्थरों को काटा जहाँ उन्होंने उन्हें जमीन से निकाला। इसलिए मन्दिर में हथौड़ी, कुल्हाड़ियों और अन्य किसी भी लोहे के औजार की खटपट नहीं हुई।

नीचे के कमरों का प्रवेश द्वार मन्दिर के दक्षिण की ओर था। भीतर सीढ़ियाँ थीं जो दूसरे मंजिल के कमरों और तब तीसरे मंजिल के कमरों तक जाती थी। इस प्रकार सुलैमान ने मन्दिर बनाना पूरा किया। मन्दिर का हर एक भाग देवदारु के तख्तों से मढ़ा गया था। 10 सुलैमान ने मन्दिर के चारों ओर कमरों का बनाना भी पूरा किया। हर एक मंजिल साढ़े सात फुट ऊँची थी। उन कमरों की शहतीरें मन्दिर को छूती थीं।

11 यहोवा ने सुलैमान से कहा, 12 “यदि तुम मेरे सभी नियमों और आदेशों का पालन करोगे तो मैं वह सब करूँगा जिसके लिये मैंने तुम्हारे पिता दाऊद से प्रतिज्ञा की थी 13 और मैं इस्राएल के लोगों को कभी छोड़ूँगा नहीं।”

14 इस प्रकार सुलैमान ने मन्दिर का निर्माण पूरा किया।

इफिसियों 6:21-24

अंतिम नमस्कार

21 तुम भी, मैं कैसा हूँ और क्या कर रहा हूँ, इसे जान जाओ। सो तुखिकुस तुम्हें सब कुछ बता देगा। वह हमारा प्रिय बंधु है और प्रभु में स्थित एक विश्वासपूर्ण सेवक है 22 इसीलिए मैं उसे तुम्हारे पास भेज रहा हूँ ताकि तुम मेरे समाचार जान सको और इसलिए भी कि वह तुम्हारे मन को शांति दे सके।

23 हे भाइयों, तुम सब को परम पिता परमेश्वर और प्रभु यीशु मसीह की ओर से विश्वास शांति और प्रेम प्राप्त हो। 24 जो हमारे प्रभु यीशु मसीह से अमर प्रेम रखते हैं, उन पर परमेश्वर का अनुग्रह होता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International