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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 101

दाऊद का एक गीत।

मैं प्रेम और खरेपन के गीत गाऊँगा।
    यहोवा मैं तेरे लिये गाऊँगा।
मैं पूरी सावधानी से शुद्ध जीवन जीऊँगा।
    मैं अपने घर में शुद्ध जीवन जीऊँगा।
    हे यहोवा तू मेरे पास कब आयेगा
मैं कोई भी प्रतिमा सामने नहीं रखूँगा।
    जो लोग इस प्रकार तेरे विमुख होते हैं, मुझो उनसे घृणा है।
    मैं कभी भी ऐसा नहीं करूँगा।
मैं सच्चा रहूँगा।
    मैं बुरे काम नहीं करूँगा।
यदि कोई व्यक्ति छिपे छिपे अपने पड़ोसी के लिये दुर्वचन कहे,
    मैं उस व्यक्ति को ऐसा करने से रोकूँगा।
मैं लोगों को अभिमानी बनने नहीं दूँगा
    और मैं उन्हें सोचने नहीं दूँगा, कि वे दूसरे लोगों से उत्तम हैं।

मैं सारे ही देश में उन लोगों पर दृष्टि रखूँगा।
    जिन पर भरोसा किया जा सकता और मैं केवल उन्हीं लोगों को अपने लिये काम करने दूँगा।
    बस केवल ऐसे लोग मेरे सेवक हो सकते जो शुद्ध जीवन जीते हैं।
मैं अपने घर में ऐसे लोगों को रहने नहीं दूँगा जो झूठ बोलते हैं।
    मैं झूठों को अपने पास भी फटकने नहीं दूँगा।
मैं उन दुष्टों को सदा ही नष्ट करूँगा, जो इस देश में रहते है।
    मै उन दुष्ट लोगों को विवश करूँगा, कि वे यहोवा के नगर को छोड़े।

1 राजा 3:16-28

16 एक दिन दो स्त्रियाँ जो वेश्यायें थीं, सुलैमान के पास आईं। वे राजा के सामने खड़ी हुईं। 17 स्त्रियों में से एक ने कहा, “महाराज, यह स्त्री और मैं एक ही घर में रहते हैं। हम दोनों गर्भवती हुए और अपने बच्चों को जन्म देने ही वाले थे। मैंने अपने बच्चे को जन्म दिया जब यह वहाँ मेरे साथ थी। 18 तीन दिन बाद इस स्त्री ने भी अपने बच्चे को जन्म दिया। हम लोगों के साथ कोई अन्य व्यक्ति घर में नहीं था। केवल हम दोनों ही थे। 19 एक रात जब यह स्त्री अपने बच्चे के साथ सो रही थी, बच्चा मर गया। 20 अत: रात को जब मैं सोई थी, इसने मेरे पुत्र को मेरे बिस्तर से ले लिया। यह उसे अपने बिस्तर पर ले गई। तब इसने मरे बच्चे को मेरे बिस्तर पर डाल दिया। 21 अगली सुबह मैं जागी और अपने बच्चे को दूध पिलाने वाली थी। किन्तु मैंने देखा कि बच्चा मरा हुआ है। तब मैंने उसे अधिक निकट से देखा। मैंने देखा कि यह मेरा बच्चा नहीं है।”

22 किन्तु दूसरी स्त्री ने कहा, “नहीं! जीवित बच्चा मेरा है। मरा बच्चा तुम्हारा है!”

किन्तु पहली स्त्री ने कहा, “नहीं! तुम गलत हो! मरा बच्चा तुम्हारा है और जीवित बच्चा मेरा है।” इस प्रकार दोनों स्त्रियों ने राजा के सामने बहस की।

23 तब राजा सुलैमान ने कहा, “तुम दोनों कहती हो कि जीवित बच्चा हमारा अपना है और तुम में से हर एक कहती है कि मरा बच्चा दूसरी का है।” 24 तब राजा सुलैमान ने अपने सेवक को तलवार लाने भेजा 25 और राजा सुलैमान ने कहा, “हम यही करेंगे। जीवित बच्चे के दो टुकड़े कर दो। हर एक स्त्री को आधा बच्चा दे दो।”

26 दूसरी स्त्री ने कहा, “यह ठीक है। बच्चे को दो टुकड़ों में काट डालो। तब हम दोनों में से उसे कोई नहीं पाएगा।” किन्तु पहली स्त्री, जो सच्ची माँ थी, अपने बच्चे के लिये प्रेम से भरी थी। उसने राजा से कहा, “कृपया बच्चे को न मारें! इसे उसे ही दे दें।”

27 तब राजा सुलैमान ने कहा, “बच्चे को मत मारो! इसे, पहली स्त्री को दे दो। वही सच्ची माँ है।”

28 इस्राएल के लोगों ने राजा सुलैमान के निर्णय को सुना। उन्होंने उसका बहुत आदर और सम्मान किया क्योंकि वह बुद्धिमान था। उन्होंने देखा कि ठीक न्याय करने में उसके पास परमेश्वर की बुद्धि थी।

प्रेरितों के काम 6:1-7

विशेष कार्य के लिए सात पुरूषों का चुना जाना

उन्ही दिनों जब शिष्यों की संख्या बढ़ रही थी, तो यूनानी बोलने वाले और इब्रानी बोलने वाले यहूदियों में एक विवाद उठ खड़ा हुआ क्योंकि वस्तुओं के दैनिक वितरण में उनकी विधवाओं के साथ उपेक्षा बरती जा रही थी।

सो बारहों प्रेरितों ने शिष्यों की समूची मण्डली को एक साथ बुला कर कहा, “हमारे लिये परमेश्वर के वचन की सेवा को छोड़ कर भोजन का प्रबन्ध करना उचित नहीं है। सो बंधुओ अच्छी साख वाले पवित्र आत्मा और सूझबूझ से पूर्ण सात पुरूषों को अपने में से चुन लो। हम उन्हें इस काम का अधिकारी बना देंगे। और अपने आपको प्रार्थना और वचन की सेवा के कामों में समर्पित रखेंगे।”

इस सुझाव से सारी मण्डली बहुत प्रसन्न हुई। (सो उन्होंने विश्वास और पवित्र आत्मा से युक्त) स्तिफनुस नाम के व्यक्ति को और फिलिप्पुस, प्रखुरूप, नीकानोर, तिमोन, परमिनास और (अन्ताकिया के निकुलाऊस को, जिसने यहूदी धर्म अपना लिया था,) चुन लिया। और इन लोगों को फिर उन्होंने प्रेरितों के सामने उपस्थित कर दिया। प्रेरितों ने प्रार्थना की और उन पर हाथ रखे।

इस प्रकार परमेश्वर का वचन फैलने लगा और यरूशलेम में शिष्यों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी। याजकों का एक बड़ा समूह भी इस मत को मानने लगा था।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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