Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
5 राजा योआब, अबीसै अउ इत्तै क आदेस दिहस: “मोरे बरे इ करा: जुवक अबसालोम क बरे कोमल रहा।” सबहिं लोग अबसालोम क बारे मँ नायकन को राजा क आदेस सुनेन।
दाऊद क फउज अबसालोम क फउज क हरावत ह
6 दाऊद क फउज अबसालोम क इस्राएलियन क खिलाफ रणभूमि मँ गइ। उ पचे एप्रैम क जँगल मँ जुद्ध किहन। 7 दाऊद क फउज इस्राएलियन क हराइ दिहस। उ दिन बीस हजार मनई मारे गएन। 8 जुद्ध पूरे देस मँ फइल गवा। किन्तु उ दिन तरवार स मरइ क अपेच्छा जँगल मँ मनई जियादा मरेन।
9 अइसा भवा कि अबसालोम दाऊद क सेवकन स मिला। अबसालोम बच पराइ बरे अपने खच्चर पइ चढ़ा। खच्चर बिसाल बाँज क बृच्छ क डारन क नीचे गवा। डारन मोटी रहिन अउ अबसालोम क मूँड़ बृच्छ मँ फँस गवा। ओकर खच्चर ओकरे नीचे स पराइ निकरा एह बरे अबसालोम भुइँया क ऊपर लटका रहा।
15 हुवाँ दस ठु जुवक रहेन जउन योआब क हथियार लेइ जाइवाल रहेन। उ सबइ दस मनई अबसालोम क चारिहुँ कइँती आएन अउर ओका मार डाएन।
31 कूसी आवा। उ कहेस, “मोर सुआमी अउर राजा, मोर लगे तोहार बरे अच्छा समाचार अहइ। आजु यहोवा ओन सबइ लोगन क सजा दिहस ह जउन आप क खिलाफ रहेन।”
32 राजा कूसी स पूछेस, “का जुवक अबसालोम कुसल स अहइ?”
कूसी जवाब दिहस, “मोका आसा अहइ कि आप क दुस्मन अउर सबहिं लोग जउन आप क खिलाफ चोट करत अइहीं, उ पचे इ जुवक (अबसालोम) क तरह सजा पइहीं।”
33 तब राजा समुझ लिहस कि अबसालोम मर गवा ह। राजा बहोत काँपत रहा ह। उ नगर दुआर क ऊपर क कमरा मँ चला गवा अउर रोएस। जइसे ही उ गवा उ रोवा अउर कहेस, “ऐ मोर पूत अबसालोम, मइँ चाहत हउँ कि मइँ तोहरे बरे मर गवा होत। ऐ अबसालोम, मोर पूत, मोर पूत।”
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मइँ गहिर कस्ट मँ हउँ
तउ सहारा पावइ क मइँ तोहका गोहरावत हउँ।
2 मोर सुआमी, तू मोर सुनि ल्या।
मोर मदद क गोहार पइ कान द्या।
3 हे यहोवा, अगर तू लोगन क ओनकर सबहिं पापन्क सचमुच सजा द्या
तउ फुन कउनो भी बच नाहीं पाइ।
4 मुला तू, यहोवा, आपन लोगन क छिमा करा;
तउ उ लोग तोहार सम्मान करिहीं।
5 मइँ यहोवा क बाट जोहत अहउँ कि उ मोका मदद देइ।
मोर आतिमा ओकरी प्रतीच्छा मँ अहइ।
यहोवा जउन कहत ह ओह पइ मोर भरोसा अहइ।
6 मइँ आपन सुआमी क बाट जोहत हउँ।
मइँ उ रच्छक जउन उसा क अवाई क प्रतीच्छा मँ लगा रहत ह स जियादा उत्सुकता स ओकर प्रतीच्छा किहस।
7 इस्राएल, यहोवा पइ बिस्सास करा।
काहेकि सिरिफ उ ही बिस्ससनीय पिरेम देत ह।
उ हमरी बार बार रच्छा किया करत ह।
8 उ इस्राएल क ओनके सारे पापन स बचाइ।
25 तउन तू पचे झूठ बोलइ क तियाग कइ द्या। आपस मँ सब कउनो क सच बोलई चाही काहेकि हम सब एक सरीर क अंग अही। 26 जब तू त्रोध करा, तब पाप करइ स बचा। तोर किरोध सूरज अस्त होय तक बना न रहइ। 27 सइतान क आपन पर हावी न होइ द्या। 28 जे चोरी करत आवत, उ आगे चोरी न करइ। बल्कि ओका काम करइ चाही, खुद आपन हाथे स उपयोगी काम। ताकि ओकर पास जेकर आवस्यकता बा ओकर साथे बाटइ क कछू होइ सकइ।
29 तोहरे मुँहे स कउनउ अनुचित शब्द न निकलइ चाही, बल्कि लोगन क विकास क बरे जेकर अपेच्छा बा, अइसेन उतम बातई निकलई चाही, ताकि जे सुनई ओकर ओसे भला होइ। 30 परमेस्सर क पवित्तर आतिमा क दुःखी न करत रहा काहेकि परमेस्सर क सम्पत्ति क रूप मँ तोह पर छुटकारा क दिना क बरे आतिमा क साथे मोहर लगाई दीन्ह गइ बा। 31 पूरी कड़वाहट, झुँझलाहट, क्रोध, चीख-चिल्लाहट अउर निन्दा क तू आपन भीतर स सब तरह क बुराई क साथे निकारिके बाहर फेंका। 32 परस्पर एक दूसरे क बरे दयालु अउर करुनावन बना। अउर आपस मँ एक दूसरे क अपराधन क वइसेन ही छमा करा जइसे मसीह क द्वारा तोहका परमेस्सर छमा किहे अहइ।
ज्योतिर्मय जीवन
5 पिआरे बच्चन क समान परमेस्सर क अनुकरण करा। 2 पिरेम क साथे जिआ ठीक वइसेन ही जइसे मसीह हमसे पिरेम कीहे अहइ अउर आपन आप क, सुगन्धि सुलगाइके बलि भेंट क रूप मँ हमरे बरे परमेस्सर क अर्पित कइ दिहे अहइ।
35 ईसू ओनसे कहेस, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन जीवन देत ह। जउन मनई मोरे पास आवत ह, उ कबहूँ भूखा नाहीं रहत अउर जउन मोरे मँ बिसवास करत ह, उ कबहूँ पियासा नाहीं रहत।
41 इ सुनिके यहूदियन ईसू प बड़बड़ाय लागेन, काहेकि उ कहत रहा, “मइँ उ रोटी अहउँ जउन सरग स उतरी अहउँ।” 42 अउर उ पचे कहेन, “का इ यूसुफ क पूत ईसू न अहइ का हम एनके महतारी बाप क नाहीं जानित? फिन इ कइसे कहत बा कि ‘मइँ सरग स उतरा हउँ’?”
43 एकरे जवाब मँ ईसू ओनसे कहेस, “एक दूसरे प बड़बड़ाब छोड़ द्या, 44 मोरे लगे तब तलक कउनो नाहीं आइ सकत जब तक मोका भेजइवाला परमपिता ओका मोरे तरफ न खींचइ। मइँ आखिरी दिन ओका फिन जियाइ देब। 45 नबियन लिखे अहइँ, ‘अउर उ सब परमेस्सर दवारा सिखावा भए होइहीं।’(A) 46 जउन मनई परमपिता क सुनत ह, अउर ओसे सीखत ह, मोरे पास आवत ह। मुला सच-सच जेहिका परमपिता भेजे अहइ, ओका छाँड़िके कउनो नाहीं लखे अहइ। परमपिता क बस उहइ लखे अहइ।
47 “मइँ तोहसे सच-सच कहत बाटेउँ कि जउन मनई बिसवास करत ह उ अनन्त जीवन पावत ह। 48 मइँ उ रोटी अहउँ जउऩ जीवन देत ह। 49 तोहार पचेन्क पूर्वजन रेगिस्तान मँ मन्ना खाए रहेन्ह तबहूँ उ पचे मरि गएन। 50 इ उ रोटी अहइ जउन सरग स उतरत ह जउने कि मनई ओहमाँ स खात ह उ न मरी। 51 जीवन क रोटी जउन सरग स उतरी अहइ, उ मइँ अहउँ। जउऩ मनई इ रोटी खाई, उ हमेसा जीवित रही, अउर जउऩ रोटी मइँ दुनिया क जिन्नगी क बरे देब, उ मोर माँस अहइ। इहइ संसार जिअत रही।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.