Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
16 दुष्ट लोगों से परमेश्वर कहता है,
“तुम मेरी व्यवस्था की बातें करते हो,
तुम मेरे वाचा की भी बातें करते हो।
17 फिर जब मैं तुमको सुधारता हूँ, तब भला तुम मुझसे बैर क्यों रखते हो।
तुम उन बातों की उपेक्षा क्यों करते हो जिन्हें मैं तुम्हें बताता हूँ?
18 तुम चोर को देखकर उससे मिलने के लिए दौड़ जाते हो,
तुम उनके साथ बिस्तर में कूद पड़ते हो जो व्यभिचार कर रहे हैं।
19 तुम बुरे वचन और झूठ बोलते हो।
20 तुम दूसरे लोगों की यहाँ तक की
अपने भाईयों की निन्दा करते हो।
21 तुम बुरे कर्म करते हो, और तुम सोचते हो मुझे चुप रहना चाहिए।
तुम कुछ नहीं कहते हो और सोचते हो कि मुझे चुप रहना चहिए।
देखो, मैं चुप नहीं रहूँगा, तुझे स्पष्ट कर दूँगा।
तेरे ही मुख पर तेरे दोष बताऊँगा।
22 तुम लोग परमेश्वर को भूल गये हो।
इसके पहले कि मैं तुम्हे चीर दूँ, अच्छी तरह समझ लो।
जब वैसा होगा कोई भी व्यक्ति तुम्हें बचा नहीं पाएगा!
23 यदि कोई व्यक्ति मेरी स्तुति और धन्यवादों की बलि चढ़ाये, तो वह सचमुच मेरा मान करेगा।
यदि कोई व्यक्ति अपना जीवन बदल डाले तो उसे मैं परमेश्वर की शक्ति दिखाऊँगा जो बचाती है।”
अम्नोन और तामार
13 दाऊद का एक पुत्र अबशालोम था। अबशालोम की बहन का नाम तामार था। तामार बहुत सुन्दर थी। दाऊद के अन्य पुत्रों में से एक पुत्र अम्नोन था 2 जो तामार से प्रेम करता था। तामार कुवाँरी थी। अम्नोन उसके साथ कुछ बुरा करने को नहीं सोचता था। लेकिन अम्नोन उसे बहुत चाहता था। अम्नोन उस के बारे में इतना सोचने लगा कि वह बिमार हो गया।
3 अम्नोन का एक मित्र शिमा का पुत्र योनादाब था। (शिमा दाऊद का भाई था।) योनादाब बहुत चालाक आदमी था। 4 योनादाब ने अम्नोन से कहा, “हर दिन तुम दुबले—दुबले से दिखाई पड़ते हो! ‘तुम राजा के पुत्र हो! तुम्हें खाने के लिये बहुत अधिक है, तो भी तुम अपना वजन क्यों खोते जा रहे हो? मुझे बताओ!’”
अम्नोन ने योनादाब से कहा, “मैं तामार से प्रेम करता हूँ। किन्तु वह मेरे सौतेले भाई अबशालोम की बहन है।”
5 योनादाब ने अम्नोन से कहा, “बिस्तर में लेट जाओ। ऐसा व्यवहार करो कि तुम बीमार हो। तब तुम्हारे पिता तुमको देखने आऐंगे। उनसे कहो, ‘कृपया मेरी बहन तामार को आने दें और मुझे खाना देने दें। उसे मेरे सामने भोजन बनाने दें। तब मैं उसे देखूँगा और उसके हाथ से खाऊँगा।’”
6 इसलिये अम्नोन बिस्तर में लेट गया, और ऐसा व्यवहार किया मानों वह बीमार हो। राजा दाऊद अम्नोन को देखने आया। अम्नोन ने राजा दाऊद से कहा, “कृपया मेरी बहन तामार को यहाँ आने दें। मेरे देखते हुए उसे मेरे लिये दो रोटी बनाने दें। तब मैं उसके हाथों से खा सकता हूँ।”
7 दाऊद ने तामार के घर सन्देशवाहकों को भेजा। संदेशवाहकों ने तामार से कहा, “अपने भाई अम्नोन के घर जाओ और उसके लिये कुछ भोजन पकाओ।”
8 अत: तामार अपने भाई अम्नोन के घर गई। अम्नोन बिस्तर में था। तामार ने कुछ गूंधा आटा लिया और इसे अपने हाथों से एक साथ दबाया। उसने अम्नोन के देखते हुये कुछ रोटियाँ बनाईं। तब उसने रोटियों को पकाया। 9 जब तामार ने रोटियों को पकाना पूरा किया तो उसने कढ़ाही में से रोटियों को अम्नोन के लिये निकाला। किन्तु अम्नोन ने खाना अस्वीकार किया। अम्नोन ने अपने सेवकों से कहा, “तुम सभी लोग चले जाओ। मुझे अकेला रहने दो!” इसलिये सभी सेवक अम्नोन के कमरे से बाहर चले गए।
अम्नोन तामार के साथ कुकर्म करता है
10 अम्नोन ने तामार से कहा, “भोजन भीतर वाले कमरे में ले चलो। तब मैं तुम्हारे हाथ से खाऊँगा।”
तामार अपने भाई के पास भीतर वाले कमरे में गई। वह उन रोटियों को लाई जो उसने बनाई थीं। 11 वह अम्नोन के पास गई जिससे वह उसके हाथों से खा सके। किन्तु अम्नोन ने तामार को पकड़ लिया। उसने उससे कहा, “बहन, आओ, और मेरे साथ सोओ।”
12 तामार ने अम्नोन से कहा, “नहीं, भाई! मुझे मजबूर न करो! यह इस्राएल में कभी नहीं किया जा सकता। यह लज्जाजनक काम न करो। 13 मैं इस लज्जा से कभी उबर नहीं सकती! तुम उन मूर्ख इस्राएलियों की तरह मत बनों कृपया राजा से बात करो। वह तुम्हें मेरे साथ विवाह करने देगा।”
14 किन्तु अम्नोन ने तामार की एक न सुनी। वह तामार से अधिक शक्तिशाली था। उसने उसे शारिरिक सम्बन्ध करने के लिये विवश किया। 15 उसके बाद अम्नोन तामार से घृणा करने लगा। अम्नोन ने उसके साथ उससे भी अधिक घृणा की जितना वह पहले प्रेम करता था। अम्नोन ने तामार से कहा, “उठो और चली जाओ!”
16 तामार ने अम्नोन से कहा, “अब मुझे अपने से दूर कर, तुम पहले से भी बड़ा पाप करने जा रहे हो!”
किन्तु अम्नोन ने तामार की एक न सुनी। 17 अम्नोन ने अपने युवक सेवक से कहा, “इस लड़की को इस कमरे से अभी बाहर निकालो। उसके जाने पर दरवाजे में ताला लगा दो।”
18 अत: अम्नोन का सेवक तामार को कमरे के बाहर ले गया और उसके जाने पर ताला लगा दिया।
तामार ने कई रंग का लबादा पहन रखा था। राजा की कुवाँरी कन्यायें ऐसा ही लबादा पहनती थीं। 19 तामार ने राख ली और अपने सिर पर डाल लिया। उसने अपने बहुरंगे लबादे को फाड़ डाला। उसने अपना हाथ अपने सिर पर रख लिया और वह जोर से रोने लगी।
27 इस प्रकार तुम सभी लोग मसीह का शरीर हो और अलग-अलग रूप में उसके अंग हो। 28 इतना ही नहीं परमेश्वर ने कलीसिया में पहले प्रेरितों को, दूसरे नबियों को, तीसरे उपदेशकों को, फिर आश्चर्यकर्म करने वालों को, फिर चंगा करने की शक्ति से युक्त व्यक्तियों को, फिर उनको जो दूसरों की सहायता करते हैं, प्रस्थापित किया है, फिर अगुवाई करने वालों को और फिर उन लोगों को जो विभिन्न भाषाएँ बोल सकते हैं। 29 क्या ये सभी प्रेरित हैं? ये सभी क्या नबी हैं? क्या ये सभी उपदेशक हैं? क्या ये सभी आश्चर्यकार्य करते हैं? 30 क्या इन सब के पास चंगा करने की शक्ति है? क्या ये सभी दूसरी भाषाएँ बोलते हैं? क्या ये सभी अन्यभाषाओं की व्याख्या करते हैं? 31 हाँ, किन्तु तुम आत्मा के और बड़े वरदान पाने कि लिए यत्न करते रहो। और इन सब के लिए उत्तम मार्ग तुम्हें अब मैं दिखाऊँगा।
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