Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
संगीत निर्देशक के लिए दाऊद का एक पद: यह पद उस समय का है जब बतशेबा के साथ दाऊद द्वारा पाप करने के बाद नातान नबी दाऊद के पास गया था।
1 हे परमेश्वर, अपनी विशाल प्रेमपूर्ण
अपनी करूण से
मुझ पर दया कर।
मेरे सभी पापों को तू मिटा दे।
2 हे परमेश्वर, मेरे अपराध मुझसे दूर कर।
मेरे पाप धो डाल, और फिर से तू मुझको स्वच्छ बना दे।
3 मैं जानता हूँ, जो पाप मैंने किया है।
मैं अपने पापों को सदा अपने सामने देखता हूँ।
4 है परमेश्वर, मैंने वही काम किये जिनको तूने बुरा कहा।
तू वही है, जिसके विरूद्ध मैंने पाप किये।
मैं स्वीकार करता हूँ इन बातों को,
ताकि लोग जान जाये कि मैं पापी हूँ और तू न्यायपूर्ण है,
तथा तेरे निर्णय निष्पक्ष होते हैं।
5 मैं पाप से जन्मा,
मेरी माता ने मुझको पाप से गर्भ में धारण किया।
6 हे परमेश्वर, तू चाहता है, हम विश्वासी बनें। और मैं निर्भय हो जाऊँ।
इसलिए तू मुझको सच्चे विवेक से रहस्यों की शिक्षा दे।
7 तू मुझे विधि विधान के साथ, जूफा के पौधे का प्रयोग कर के पवित्र कर।
तब तक मुझे तू धो, जब तक मैं हिम से अधिक उज्जवल न हो जाऊँ।
8 मुझे प्रसन्न बना दे। बता दे मुझे कि कैसे प्रसन्न बनूँ? मेरी वे हडिडयाँ जो तूने तोड़ी,
फिर आनन्द से भर जायें।
9 मेरे पापों को मत देख।
उन सबको धो डाल।
10 परमेश्वर, तू मेरा मन पवित्र कर दे।
मेरी आत्मा को फिर सुदृढ कर दे।
11 अपनी पवित्र आत्मा को मुझसे मत दूर हटा,
और मुझसे मत छीन।
12 वह उल्लास जो तुझसे आता है, मुझमें भर जायें।
मेरा चित अडिग और तत्पर कर सुरक्षित होने को
और तेरा आदेश मानने को।
मिद्यानी इस्राएल के लोगों से युद्ध करते हैं
6 यहोवा ने फिर देखा कि इस्राएल के लोग पाप कर रहे हैं। इसलिए सात वर्ष तक यहोवा ने मिद्यानी लोगों को इस्राएल को पराजित करने दिया।
2 मिद्यानी लोग बहुत शक्तिशाली थे तथा इस्राएल के लोगों के प्रति बहुत क्रुर थे। इसलिए इस्राएल के लोगों ने पहाड़ों में बहुत से छिपने के स्थान बनाए। उन्होंने अपना भोजन भी गुफाओं और कठिनाई से पता लगाए जा सकने वाले स्थानों में छिपाए। 3 उन्होंने यह किया, क्योंकि मिद्यानी और अमालेकी लोग पूर्व से सदा आते थे और उनकी फसलों को नष्ट करते थे। 4 वे लोग उस प्रदेश में डेरे डालेते थे और उस फसल को नष्ट करते थे जो इस्राएल के लोग लगाते थे। अज्जा नगर के निकट तक के प्रदेश की इस्राएल के लोगों की फसल को वे लोग नष्ट करते थे। वे लोग इस्राएल के लोगों के खाने के लिये कुछ भी नहीं छोड़ते थे। वे उनके लिए भेड़, या पशु या गधे भी नहीं छोड़ते थे। 5 मिद्यानी लोग आए और उन्होने उस प्रदेश में डेरा डाला। वे अपने साथ अपने परिवारों और जानवरों को भी लाए। वे इतने अधिक थे जितने टिड्डियों के दल। उन लोगों और उनके ऊँटों की संख्या इतनी अधिक थी कि उनको गिनना संभव नहीं था। ये सभी लोग उस प्रदेश में आए और उसे रौंद डाला। 6 इस्राएल के लोग मिद्यानी लोगों के कारण बहुत गरीब हो गए। इसलिए इस्राएल के लोगों ने यहोवा को सहायता के लिए रो कर पुकारा।
7 मिद्यानियों ने वे सभी बुरे काम किये। इसलिए इस्राएल के लोग यहोवा से सहायता के लिए रो कर चिल्लाये। 8 इसलिए यहोवा ने उनके पास एक नबी भेजा। नबी ने इस्राएल के लोगों से कहा, “यहोवा, इस्राएल का परमेश्वर यह कहा है कि, ‘तुम लोग मिस्र देश में दास थे। मैंने तुम लोगों को स्वतन्त्र किया और मैं उस देश से तुम्हें बाहर लाया। 9 मैंने मिस्र के शक्तिशाली लोगों से तुम्हारी रक्षा की। तब कनान के लोगों ने तुमको कष्ट दिया। इसलिए मैंने फिर तुम्हारी रक्षा की। मैंने उन लोगों से उनका देश छुड़वाया और मैंने उनका देश तुम्हें दिया।’ 10 तब मैंने तुमसे कहा, ‘में यहोवा तुम्हारा परमेश्वर हूँ। तुम लोग एमोरी लोगों के प्रदेश में रहोगे, किन्तु तुम्हें उनके असत्य देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए।’ परन्तु तुम लोगों ने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया।”
यीशु की चेतावनी
(मरकुस 8:14-21)
5 यीशु के शिष्य झील के पार चले आये, पर वे रोटी लाना भूल गये। 6 इस पर यीशु ने उनसे कहा, “चौकन्ने रहो! और फरीसियों और सदूकियों के ख़मीर से बचे रहो।”
7 वे आपस में सोच विचार करते हुए बोले, “हो सकता है, उसने यह इसलिये कहा क्योंकि हम कोई रोटी साथ नहीं लाये।”
8 वे क्या सोच रहे हैं, यीशु यह जानता था, सो वह बोला, “ओ अल्प विश्वासियों, तुम आपस में अपने पास रोटी नहीं होने के बारे में क्यों सोच रहे हो? 9 क्या तुम अब भी नहीं समझते या याद करते कि पाँच हज़ार लोगों के लिए वे पाँच रोटियाँ और फिर कितनी टोकरियाँ भर कर तुमने उठाई थीं? 10 और क्या तुम्हें याद नहीं चार हज़ार के लिए वे सात रोटियाँ और फिर कितनी टोकरियाँ भर कर तुमने उठाई थीं? 11 क्यों नहीं समझते कि मैंने तुमसे रोटियों के बारे में नहीं कहा? मैंने तो तुम्हें फरीसियों और सदूकियों के ख़मीर से बचने को कहा है।”
12 तब वे समझ गये कि रोटी के ख़मीर से नहीं बल्कि उसका मतलब फरीसियों और सदूकियों की शिक्षाओं से बचे रहने से है।
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