Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
आरोहण गीत।
1 हे यहोवा, मइँ गहिर कस्ट मँ हउँ
तउ सहारा पावइ क मइँ तोहका गोहरावत हउँ।
2 मोर सुआमी, तू मोर सुनि ल्या।
मोर मदद क गोहार पइ कान द्या।
3 हे यहोवा, अगर तू लोगन क ओनकर सबहिं पापन्क सचमुच सजा द्या
तउ फुन कउनो भी बच नाहीं पाइ।
4 मुला तू, यहोवा, आपन लोगन क छिमा करा;
तउ उ लोग तोहार सम्मान करिहीं।
5 मइँ यहोवा क बाट जोहत अहउँ कि उ मोका मदद देइ।
मोर आतिमा ओकरी प्रतीच्छा मँ अहइ।
यहोवा जउन कहत ह ओह पइ मोर भरोसा अहइ।
6 मइँ आपन सुआमी क बाट जोहत हउँ।
मइँ उ रच्छक जउन उसा क अवाई क प्रतीच्छा मँ लगा रहत ह स जियादा उत्सुकता स ओकर प्रतीच्छा किहस।
7 इस्राएल, यहोवा पइ बिस्सास करा।
काहेकि सिरिफ उ ही बिस्ससनीय पिरेम देत ह।
उ हमरी बार बार रच्छा किया करत ह।
8 उ इस्राएल क ओनके सारे पापन स बचाइ।
27 भियान भए, महीना क दूसर दिन, दाऊद क जगइ फुन खाली रही। तबहिं साऊल आपन पूत योनातान स पूछेस, “यिसै क पूत नवा चन्द्रिमा क जलसा मँ काल्ह या आजु काहे नाहीं आवा?”
28 योनातान जवाब दिहेस, “दाऊद मोका स बेतलेहेम जाइ बरे अनुमती मांगत रहा। 29 उ कहे रहा, ‘मोका जाइ द्या। मोर परिवार बेतलेहेम मँ एक बलि भेंट करत अहइ। मोर भइया हुवाँ रहइ बरे हुकुम दिहे अहइ। अब मइँ तोहार मीत अहउँ तउ मोका जाइ द्या अउ भाइयन स मिलइ द्या।’ इहइ कारण अहइ कि दाऊद राजा क मेज प नाहीं आवा अहइ।”
30 साऊल योनातान प बहोतइ कोहाइ गवा। उ योनातान स कहेस, “तू एक दास अउरत क पूत अहा! मइँ जानत हउँ कि तू दाऊद क पच्छ मँ अहा। तू आपन महतारी अउ आपन बरे लज्जा क कारण अहा। 31 जब तलक यिसै क पूत जिअत रही तब तलक तू कबहुँ राजा नाहीं बनब्या अउर न तोहार राज्ज होइ। अब दाऊद क हमरे लगे लइ आवा। उ एक मरा मनई अहइ।”
32 योनातान आपन बाप स पूछेस, “दाऊद क काहे मारि डावा जाइ चाही? उ कउन अपराध किहे अहइ?”
33 मुला साऊल आपन भाला योनातान प चलाएस अउर ओका मारि डावइ क जतन किहेस। ऍह बरे योनातान समुझ गवा कि मोर बाप दाऊद फुरइ मार डावइ चाहत ह। 34 योनातान कोहाइ गवा अउ उ मेजिया तजि दिहेस। योनातान ऍतना घबराइ गवा अउ आपन बाप प कोहान कि जेउनार क दूसर दिन कछू भी खाइ स मना कइ दिहस। योनातान ऍह बरे कोहान काहेकी साऊल ओका बेज्जत किहे रहा अउ साऊल दाऊद क मारि डावइ चाहत रहा।
दाऊद अउ योनातान क बिदा होब
35 दूसर दिन भिन्सारे योनातान खेते मँ गवा। उ दाऊद स भेंटइ गवा, जइसा उ पचे राजी भ रहेन। योनातान एक अउजार क ढोवइया लरिका क आपन साथ लइ आवा। 36 योनातान लरिका स कहेस, “धावा अउर जउन बाण मइँ चलावत अहउँ, ओनका लइ आवा।” लरिका धाउब सुरु किहेस अउ योनातान ओकरे मूँड़े क ऊपर स बाण चलाएस। 37 लरिका उ ठउरे क धावत जहाँ बाण गिरत रहा। मुला योनातान गोहराएस, “बाण तोहसे बहोतइ दूर बाटइ।” 38 तब योनातान बोलाइ, “हाली करा। ओनका लइ आवा, हुआँ खड़ा जिन रहा!” लरिका बाणन क उठाएस अउ आपन मालिक क लगे वापस लइ आवा। 39 लरिका क कछू पता नाहीं लाग कि का भवा। सिरिफ योनातान अउ दाऊद जान लिहन। 40 योनातान आपन धनुस बाण लरिका क दिहस। तबहिं योनातान लरिका स कहेस, “सहर मँ लउटि आवा।”
41 लरिका वपिस चला गवा। दाऊद आपन उ लुकाइ क ठउर स बाहेर आवा जउन पहाड़ी क दूसर कइँती रहा। दाऊद आपन मूँड़ि क भुइँया तलक निहुराई कइ प्रणाम किहस। दाऊद तीन दाई निहुरा। तब दाऊद अउ योनातान एक दूसरे क चूमेन। उ दुइनउँ एक संग रोएन, मुला दाऊद योनातान स जिआदा रोएस।
42 योनातान दाऊद स कहेस, “सान्ति स जा। हम पचे यहोवा क नाउँ लइके मीत होइके प्रण किहे रहे। हम पचे कहे रहे कि यहोवा हम पचन अउ हमरे सन्तानन क बीच हमेसा गवाह रइहीं।”
ईसू का एक मनई क दुस्ट आतिमा स छुटकारा
(मरकुस 1:21-28)
31 फिन उ गलील क एक सहर कफरनहूम गवा अउर सबित क दिन मनइयन क उपदेस देइ लाग। 32 मनई ओकरे उपदेस स अचरज मँ पड़ि गएन काहेकि ओकर संदेस मुड्ढ विद्वान क तरह रहा।
33 हुवँई एक ठु मनई आराधनालय मँ रहा जेहमाँ एक दुस्ट आतिमा क सवारी रही। उ जोर स चिल्लान, 34 “हे नासरत क ईसू! तु हमसे का चाहत बाट्या? का तू हमार नास करइ आइ अहा? मइँ जानत हउँ तू कउन अहा तू परमेस्सर क पवित्तर मनई अहा!” 35 ईसू झिड़कत भवा ओसे कहेस, “चुप रहा। एहमाँ स बाहेर निकरि आवा!” एह पइ दुस्ट आतिमा उ मनई क लोगन्क समन्वा दइ मारेस अउर ओका बे नसकान किए ओसे बाहेर निकरि गइ।
36 सबइ कोउ अचरजे मँ पड़ि गएन। उ सबइ एक दूसर स बतियात कहेन, “इ कइसा सन्देस बा? हक अउर सक्ती क संग इ दुस्ट आतिमन क हुकुम देत ह अउर उ सबइ बाहेर निकरि जात हीं।” 37 उ पहँटा मँ लगे हर ठउरे प ओकरे बारे मँ खबर सँचर गइ।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.