Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
9 यहोवा दलित अउ सोसितन क
सरण क ठउर अहइ।
विपत्ति क समइ
उ एक सुदृढ़ किला अहइ।
10 जउन तोहे पइ भरोसा राखत हीं,
तोहार नाउँ जानत हीं।
हे यहोवा, अगर कउनो तोहरे दुआरे पइ आइ जाइ
तउ बिना मदद पाए लउटत नाहीं।
11 अरे ओ सिय्योन क निवासी लोगो यहोवा क गीत गावा जउन सिय्योन मँ विराजत अहइ।
सबहिं जातियन क ओन बातन क विसय मँ बतावा जउन बड़की बातन यहोवा कहेस ह।
12 यहोवा हत्यारन क सज़ा देत ह
अउर ओनका याद रखत ह जउन ओकरे लगे मदद बरे जात ह।
उ दीन लोगन क नाहीं भूलत
जउन ओकरे लगे सहायता बरे रोवत अहइँ।
13 यहोवा क स्तुति मइँ गाएउँ ह: “हे यहोवा, मोहे पइ दाया करा।
लखा, कउने तरह मोरे सत्रु मोका दुःख देत हीं।
‘मउत क दुआर’ स तू मोका बचाइ ल्या।
14 जेहसे यहोवा यरूसलेम क फाटक पइ मइँ तोहार स्तुति क गीत गाइ सकउँ।
मइँ बहोतइ प्रसन्न होब काहेकि तू मोका बचाइ लिहा।”
15 दूसर जातियन गड़हा खोदेन जेहसे लोग ओनमाँ भहराइ जाइँ मुला उ पचे आपन ही खने भए गड़हन मँ खुद बिलाइ जइहीं।
दुट्ठ लोग जालि छुपाइ छुपाइके बिछाएन, जेहसे उ पचे ओहमाँ दूसर लोगन क फाँसि लेइँ।
मुला ओनमाँ ओनकर ही गोड़ धँसि गएन।
16 यहोवा जउन निआव किहस उ ओहसे पहिचाना गवा कि जउन बुरा करम करत हीं।
उ पचे आपन ही हाथन स कीन्ह भए करम स जाँलि मँ फँस गएन। (हिग्गायोन, सेला)
17 उ पचे दुर्जन होत हीं, जउन परमेस्सर क बिसरत हीं।
अइसे लोग मउत क देस जइहीं।
18 कबहुँ कबहुँ लागत ह जइसे परमेस्सर दुखियन क पीरा मँ बिसरि जात ह।
इ अइसा लागत ह जइसे दीन लोग बिना आसा क अहइँ।
मुला परमेस्सर दीन लोगन क हमेसा हमेसा बरे कबहुँ नाहीं बिसरत।
19 हे यहोवा, उठा अउ रास्ट्रन क निआव करा।
कहूँ उ पचे इ सोच न बइठइँ उ पचे प्रबल अउ सक्तीसाली बाटेन।
20 मनइयन क पाठ सिखाइ द्या,
जेहसे उ पचे जान जाइँ कि उ पचे बस सिरिफ मनई अहइँ।
दाऊद अउ योनातान क गहिरी दोस्ती
18 1-2 दाऊद जब साऊल स बात पूरी कइ लिहस तब योनातान, दाऊद क बहोत खासमखास मीत बन गवा। योनातान दाऊद स ओतॅना ही पिरेम करइ लाग जेतँना आपन स। साऊल उ दिन क पाछे दाऊद क आपन लगे राखेस। साऊल दाऊद क ओकरे घर पिता क लगे नाहीं जाइ दिहस। 3 योनातान दाऊद स बहोत खासमखास मीत रहा। योनातान दाऊद स एक समझौता किहेस। 4 योनातान जउन कोट पहिरे रहा ओका उतारेस अउ दाऊद क दइ दिहस। योनातान आपन सारी वर्दी दाऊद क दइ दिहस। उ आपन धनुस, तरवार अउ कमर बंद भी दाऊद क दइ दिहस।
डेराअ जिन
(मत्ती 24:29-31; मरकुस 13:24-27)
25 “सूरज चाँद अउर तारन मँ चीन्हा परगट होइहीं अउर धरती प क सबहिं रास्ट्रन प बिपत आई अउर उ सबइ समुद्दर क आवाज अउर उधर-पुथर स घबराइ उठिहीं। 26 मनइयन डर अउर संसार प आवइ वाली बिपत क भय से बेहोस होइ जइहीं काहेकि आकास क सक्ती हलोर दीन्ह जाइ। 27 अउर तबहिं उ पचे मनई क पूत क आपन सक्ती अउर महान महिमा क एक बादर आवत भवा देखिहीं। 28 अब देखा, इ बातन जब घटइ लागइँ तउ खड़ा होइके तू आपन मूँड़ ऊपर उठाइ ल्या। काहेकि तोहार छुटकारा नगिचे आइ रही होइ!”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.