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Revised Common Lectionary (Semicontinuous)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with sequential stories told across multiple weeks.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 99

यहोवा राजा है।
    सो हे राष्ट्र, भय से काँप उठो।
परमेश्वर राजा के रूप में करूब दूतों पर विराजता है।
    सो हे विश्व भय से काँप उठो।
यहोवा सिय्योन में महान है।
    सारे मनुष्यों का वही महान राजा है।
सभी मनुष्य तेरे नाम का गुण गाएँ।
    परमेश्वर का नाम भय विस्मय है।
    परमेश्वर पवित्र है।
शक्तिशाली राजा को न्याय भाता है।
    परमेश्वर तूने ही नेकी बनाया है।
    तू ही याकूब (इस्राएल) के लिये खरापन और नेकी लाया।
यहोवा हमारे परमेश्वर का गुणगान करो,
    और उसके पवित्र चरण चौकी की आराधना करो।
मूसा और हारुन परमेश्वर के याजक थे।
    शमूएल परमेश्वर का नाम लेकर प्रार्थना करने वाला था।
उन्होंने यहोवा से विनती की
    और यहोवा ने उनको उसका उत्तर दिया।
परमेश्वर ने ऊँचे उठे बादल में से बातें कीं।
    उन्होंने उसके आदेशों को माना।
    परमेश्वर ने उनको व्यवस्था का विधान दिया।
हमारे परमेश्वर यहोवा, तूने उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर दिया।
    तूने उन्हें यह दर्शाया कि तू क्षमा करने वाला परमेश्वर है,
    और तू लोगों को उनके बुरे कर्मो के लिये दण्ड देता है।
हमारे परमेश्वर यहोवा के गुण गाओ।
    उसके पवित्र पर्वत की ओर झुककर उसकी उपासना करो।
    हमारा परमेश्वर यहोवा सचमुच पवित्र है।

1 शमूएल 2:22-36

एली अपने पापी पुत्रों पर नियन्त्रण करने में असफल

22 एली बहुत बूढ़ा था। वह बार बार उन बुरे कामों के बारे में सुनता था जो उसके पुत्र शीलो में सभी इस्राएलियों के साथ कर रहे थे। एली ने यह भी सुना कि जो स्त्रियाँ मिलापवाले तुम्बू के द्वार पर सेवा करती थीं, उनके साथ वे सोते थे।

23 एली ने अपने पुत्रों से कहा, “तुमने जो कुछ बुरा किया है उसके बारे में लोगों ने यहाँ मुझे बताया है। तुम लोग ये बुरे काम क्यों करते हो? 24 पुत्रो, इन बुरे कामों को मत करो। यहोवा के लोग तुम्हारे विषय में बुरी बातें कह रहे हैं। 25 यदि कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध पाप करता है, तो परमेश्वर उसकी मध्यस्थता कर सकता है। किन्तु यदि कोई व्यक्ति यहोवा के ही विरुद्ध पाप करता है तो उस व्यक्ति की मध्यस्थता कौन कर सकता है?”

किन्तु एली के पुत्रों ने एली की बात सुनने से इन्कार कर दिया। इसलिए यहोवा ने एली के पुत्रों को मार डालने का निश्चय किया।

26 बालक शमूएल बढ़ता रहा। उसने परमेश्वर और लोगों को प्रसन्न किया।

एली के पिरवार के विषय में भंयकर भविष्यवाणी

27 परमेश्वर का एक व्यक्ति एली के पास आया। उसने कहा, “यहोवा यह बात कहता है, ‘तुम्हारे पूर्वज फिरौन के परिवार के गुलाम थे। किन्तु मैं तुम्हारे पूर्वजों के सामने उस समय प्रकट हुआ। 28 मैंने तुम्हारे परिवार समूह को इस्राएल के सभी परिवार समूहों में से चुना। मैंने तुम्हारे परिवार समूह को अपना याजक बनने के लिये चुना। मैंने उन्हें अपनी वेदी पर बलि—भेंट करने के लिये चुना। मैंने उन्हें सुगन्ध जलाने और एपोद पहनने के लिये चुना। मैंने तुम्हारे परिवार समूह को बलि—भेंट से वह माँस भी लेने दिया जो इस्राएल के लोग मुझको चढ़ाते हैं। 29 इसलिए तुम उन बलि—भेंटों और अन्नबलियों का सम्मान क्यों नहीं करते। तुम अपने पुत्रों को मुझसे अधिक सम्मान देते हो। तुम माँस के उस सर्वोत्तम भाग से मोटे हुए हो जिसे इस्राएल के लोग मेरे लिये लाते हैं।’

30 “इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने यह वचन दिया था कि तुम्हारे पिता का परिवार ही सदा उसकी सेवा करेगा। किन्तु अब यहोवा यह कहता है, ‘वैसा कभी नहीं होगा! मैं उन लोगों का सम्मान करूँगा जो मेरा सम्मान करेंगे। किन्तु उनका बुरा होगा जो मेरा सम्मान करने से इनकार करते हैं। 31 वह समय आ रहा है जब मैं तुम्हारे सारे वंशजों को नष्ट कर दूँगा। तुम्हारे परिवार में कोई बूढ़ा होने के लिये नहीं बचेगा। 32 इस्राएल के लिये अच्छी चीजें होंगी, किन्तु तुम घर में बुरी घटनाऐं होती देखोगे। तुम्हारे परिवार में कोई भी बूढ़ा होने के लिये नहीं बचेगा। 33 केवल एक व्यक्ति को मैं अपनी वेदी पर याजक के रुप में सेवा के लिये बचाऊँगा। वह बहुत अधिक बुढ़ापे तक रहेगा। वह तब तक जीवित रहेगा जब तक उसकी आँखे और उसकी शक्ति बची रहेगी। तुम्हारे शेष वंशज तलवार के घाट उतारे जाएंगे। 34 मैं तुम्हें एक संकेत दूँगा जिससे यह ज्ञात होगा कि ये बातें सच होंगी। तुम्हारे दोनों पुत्र होप्नी और पीनहास एक ही दिन मरेंगे। 35 मैं अपने लिये एक विश्वसनीय याजक ठहराऊँगा। वह याजक मेरी बात मानेगा और जो मैं चाहता हूँ, करेगा। मैं इस याजक के परिवार को शक्तिशाली बनाऊँगा। वह सदा मेरे अभिषिक्त राजा के सामने सेवा करेगा। 36 तब सभी लोग जो तुम्हारे परिवार में बचे रहेंगे, आएंगे और इस याजक के आगे झुकेंगे। ये लोग थोड़े धन या रोटी के टुकड़े के लिए भीख मागेंगे। वे कहेंगे, “कृपया याजक का सेवा कार्य हमें दे दो जिससे हम भोजन पा सकें।”’”

यूहन्ना 5:1-18

तालाब पर ला-इलाज रोगी का ठीक होना

इसके बाद यीशु यहूदियों के एक उत्सव में यरूशलेम गया। यरूशलेम में भेड़-द्वार के पास एक तालाब है, इब्रानी भाषा में इसे “बेतहसदा” कहा जाता है। इसके किनारे पाँच बरामदे बने हैं जिनमें नेत्रहीन, अपंग और लकवे के बीमारों की भीड़ पड़ी रहती है।[a] [b] इन रोगियों में एक ऐसा मरीज़ भी था जो अड़तीस वर्ष से बीमार था। जब यीशु ने उसे वहाँ लेटे देखा और यह जाना कि वह इतने लम्बे समय से बीमार है तो यीशु ने उससे कहा, “क्या तुम नीरोग होना चाहते हो?”

रोगी ने जवाब दिया, “हे प्रभु, मेरे पास कोई नहीं है जो जल के हिलने पर मुझे तालाब में उतार दे। जब मैं तालाब में जाने को होता हूँ, सदा कोई दूसरा आदमी मुझसे पहले उसमें उतर जाता है।”

यीशु ने उससे कहा, “खड़ा हो, अपना बिस्तर उठा और चल पड़।” वह आदमी तत्काल अच्छा हो गया। उसने अपना बिस्तर उठाया और चल दिया।

उस दिन सब्त का दिन था। 10 इस पर यहूदियों ने उससे, जो नीरोग हुआ था, कहना शुरू किया, “आज सब्त का दिन है और हमारे नियमों के यह विरुद्ध है कि तू अपना बिस्तर उठाए।”

11 इस पर उसने जवाब दिया, “जिसने मुझे अच्छा किया है उसने कहा है कि अपना बिस्तर उठा और चल।”

12 उन लोगों ने उससे पूछा, “वह कौन व्यक्ति है जिसने तुझसे कहा था, अपना बिस्तर उठा और चल?”

13 पर वह व्यक्ति जो ठीक हुआ था, नहीं जानता था कि वह कौन था क्योंकि उस जगह बहुत भीड़ थी और यीशु वहाँ से चुपचाप चला गया था।

14 इसके बाद यीशु ने उस व्यक्ति को मन्दिर में देखा और उससे कहा, “देखो, अब तुम नीरोग हो, इसलिये पाप करना बन्द कर दो। नहीं तो कोई और बड़ा कष्ट तुम पर आ सकता है।” फिर वह व्यक्ति चला गया।

15 और यहूदियों से आकर उसने कहा कि उसे ठीक करने वाला यीशु था।

16 क्योंकि यीशु ने ऐसे काम सब्त के दिन किये थे इसलिए यहूदियों ने उसे सताना शुरू कर दिया। 17 यीशु ने उन्हें उत्तर देते हुए कहा, “मेरा पिता कभी काम बंद नहीं करता, इसीलिए मैं भी निरन्तर काम करता हूँ।” इसलिये यहूदी उसे मार डालने का और अधिक प्रयत्न करने लगे।

18 न केवल इसलिये कि वह सब्त को तोड़ रहा था बल्कि वह परमेश्वर को अपना पिता भी कहता था। और इस तरह अपने आपको परमेश्वर के समान ठहराता था।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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