Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
“यदूतन” राग पइ संगीत निर्देसक बरे आसाफ क भजन।
1 मइँ मदद पावइ बरे परमेस्सर क गोहराउब।
मइँ परमेस्सर क गोहराउब अउर उ मोका सुनी।
2 जब मइँ दुःख मँ रहेउँ तउ मइँ यहोवा क सरण मँ आवा।
मइँ सारी रात तोह तलक पहोंचइ जूझा हउँ।
मइँ एका नाहीं छोड़ा अउर आराम तलक नाहीं किहेउँ।
3 मइँ परमेस्सर क याद करत हउँ किन्तु मइँ बेचेन हउँ।
अउर ओका बतावा कि मइँ कइसा अनुभव करत हउँ।
किन्तु फुन भी मइँ अइसा नाहीं कइ सकत हउँ।
मइँ बोलन चाहता रहेउँ, किन्तु मइँ बहोत उदास रहेउँ। (सेला)
4 तू मोका सोवइ नाहीं दिहा।
मइँ उदास रहेउँ, ऍह बरे मइँ कछू नाहीं कह सकत हउँ।
5 मइँ अतीत क बातन बरे सोचेउँ।
बहोत दिना पहिले जउन बातन घटी भइ रहिन ओन घटनन क बारे मँ मइँ सोचेउँ।
6 राति मँ, मइँ आपन गीतन क बारे मँ सोचा करत रहेउँ।
मइँ आपन आप स बातन किहेउँ।
मइँ समुझइ बरे जतन किहेउँ।
7 मोका इ हैरानी अहइ कि “का मोर सुआमी मोका सदा बरे तजि दिहे अहइ?
का उ हमका फुन नाहीं चाही?
8 का परमेस्सर क पिरेम हमेसा बरे खतम होइ गवा अहा?
का उ मोहे स फिन कबहुँ बात नाहीं करी?
9 का परमेस्सर दाया दिखावइ भूल गवा ह?
का ओकर करुणा किरोध में बदल गइ बाटइ?”
10 मइँ फुन इ सोचा करत हउँ, “उ सोच जउन मोका दर्द देत अहइ:
‘का सर्वोच्च परमेस्सर आपन निज सक्ति दिखावइ बन्द कइ दिहस ह?’”
11 सक्ति भरा उ काम जेनका यहोवा किहस ह ओका याद रखा।
हाँ उ कामन जेनका तू पहिले किहा ह मोका याद बाटइ।
12 मइँ ओन सबहिं कामन क जेनका तू किहा ह सोचे हउँ।
जेन कामन क तू किहा मइँ धियान देत हउँ।
13 हे परमेस्सर, तोहार निवास स्थान पवित्तर अहइँ।
कउनो भी अइसा महान नाहीं अहइ जइसा तू अहा।
14 तू ही उ परमेस्सर अहा जउन अद्भुत काम किहा।
तू रास्ट्रन क आपन निज महासक्ति देखाँया।
15 तू आपन सक्ति क प्रयोग किहा अउर आपन लोगन क बचाइ लिहा।
तू याकूब अउ यूसुफ क संतानन क बचाइ लिहा।
16 हे परमेस्सर, सागर तोहका लखेस अउर जब उ तोहका लखेस तउ डेराइ गवा।
गहिर समुद्दर डर स थर-थर काँप उठा।
17 घनघोर बादरन स ओनकर पानी छूट पड़ा रहा।
ऊँच बादरन स जोर क गर्जब लोग सुनेन।
फुन ओन बादरन स बिजुरी क तोहार बाण नीचे चलेन।
18 तोहार बिजुरी क गर्जन आंधी भरे हवा मँ फुन गर्जेस,
तोहार बिजुरी चमचमात भवा जगत पइ चमक उठी।
धरती हिल गइ अउर थर-थर काँपि गइ।
19 हे परमेस्सर, तू गहिर समुद्दर मँ पैदर चल्या।
तू चलिके ही सागर पार किहा।
मुला तू कउनो पद चीन्हा नाहीं छोड़्या।
20 तू मूसा अउ हारून क उपयोग
आपन मनवइयन क अगुआई भेड़िन क झुण्ड क नाई करइ मँ किहा।
8 मुला अय्यूब, अगर तोहरी जगह मइँ होतेउँ तउ मइँ परमेस्सर क लगे जाइके
आपन दुःखड़ा कहितेउँ अउर ओकरे लगे राय माँगतेउँ।
9 परमेस्सर क कारनामा समुझइ मँ बहोत अदभुत अहइँ।
परमेस्सर क अजूबा गना नाहीं जाइँ।
10 परमेस्सर धरती पइ बर्खा क पठवत ह,
अउर उहइ खेतन मँ पानी पठवा करत ह।
11 परमेस्सर विनम्र लोगन क ऊपर उठावत ह।
उ ओका ऊपर उठाइके दुःखी क जन क बचावत ह।
12 परमेस्सर चालाक अउ दुट्ठ लोगन क कुचाल क रोक देत ह।
एह बरे ओनका सफलता नाहीं मिला करत।
13 परमेस्सर चतुर क उहइ क चतुराइ भरी जोजना मँ पखरि लेत ह।
एह बरे ओनकर चतुराइ भरी सबइ जोजना असफल होतिन।
14 उ सबइ चालाक लोग दिन क प्रकास अँन्धियारा क नाई होइ गवा।
हिआँ तलक कि दुपहर मँ भी उ पचे आधी-रात क जइसा ठोकर खात हीं।
15 परमेस्सर दीन मनई क मउत स बचावत ह
अउर ओनका सक्तीसाली चतुर लोगन क सक्ती स बचावत ह।
16 एह बरे दीन मनई क भरोसा अहइ
कि परमेस्सर इ होइ क निआव नाही करब।
17 “उ मनई भाग्यवान अहइ, जेकर परमेस्सर सुधार करत ह
एह बरे जब सर्व सक्तीसाली परमेस्सर तू पचन्क सजा देत होइ तउ तू आपन दुःखड़ा जिन रोआ।
18 परमेस्सर ओन घावन पइ पट्टी बाधँत ह जेनका उ दिहस ह।
उ चोट पहोंचावत ह मुला ओकर ही हाथ चंगा भी करत हीं।
19 उ तोहका छ: विपत्तियन स बचावा।
हा! सात विपत्तियन मँ तोहका कउनो नोस्कान न होइ।
20 अकाल क समइ परमेस्सर तोहका मउत स बचाइ
अउर परमेस्सर जुद्ध मँ तोहर मउत रच्छा करी।
21 जब लोग आपन कठोर सब्दन स तोहरे बरे बुरी बात बोलिहीं,
तब परमेस्सर तोहर रच्छा करी।
विपत्तियन क समइ तोहका डेराइ क जरुरत नाहीं होइ।
22 तू विनास अउ भुखमरी स समइ मँ भी खुस रहब्य़ा।
अउर तोहका जगंली जनावरन स भी कबहुँ नाहीं डेराइ चाहीं।
23 मैदानन क चट्टानन तोहार साथी क होइ।
जंगली जनावरन भी तोहरे संग सान्ति रखत हीं।
24 तू सान्ति स रहब्या काहेकि तोहार तम्बू सुरच्छित अहइ।
तू पचे आपन भेड़न क बाड़ा भी लखब्या, अउर ओहमाँ एक भी भेड़ हेराइ नाहीं।
25 तोहर बहोत सन्तानन होइहीं।
उ सबइ एँतना होइहीं जेतना घासे क पाती भुइयाँ पइ अहइँ।
26 तू उ पका भवा गोहूँ जइसा होब्या जउन कटनी क समइ तलक पकत ह।
हाँ, तू पूरी उमर तलक जिअत रहब्या।
27 “अय्यूब, हम पचे इ सबइ बातन जाँचित ह अउर हम पचे जानित ह कि इ सबइ फुर अहइँ।
एह बरे अय्यूब मोर सुना अउर तू इ सबन्क खुद आपन समुझ ल्या।”
सत् कर्मन क खातिर दुःख झेलब
8 आखिर मँ तू पचन क सान्ति स रहइ चाही। एक दूसर क समझइ क कोसिस करा। एक दूसर स भाइयन क तरह पिरेम करा। दयालु अउर नरम बना। 9 एक बुराई क बदला दूसर बुराई स न द्या कि गाली क बदले गाली द्या। एकरे विपरीत आसीस द्या। काहेकि परमेस्सर तोह पचन क आसीर्बाद देइ बरे बोलाएस ह। इहइ स तू पचन्क परमेस्सर क आसीर्बाद क उत्तराधिकार मिली। 10 पवित्तर सास्तर कहत ह:
“जउन जीवन आनन्द उठाइ चाही
जउन समइ की सद्गति क देखइ चाही
ओका कि कबहूँ बुरा न बोलइ
उ अपने ओठन क छल वाणी स रोकइ
11 बुराई स अपने क अलग रखइ, उ करइ सदा उ नेक करमन क जउन
अहइ नीक चाही ओका कर जतन सान्ति पावइ चाही ओका अनुसरण करइ सान्ति क
12 पर्भू की आँखियन अहइँ टिकी ओनहियन प जो नीक अहइँ लागे
कान पर्भू क ओनकी पराथना प पइ जउन करत
अहइँ बुरा करम मुँहना सदा फेरत अहइ पर्भू ओनसे।” (A)
13 अगर जउन उत्तम अहइ तू पचे उहि क करइ क लालयित रहा तउ भला कउनो तोह सबन क नुकसान पहुँचाइ सकत ह। 14 मुला अगर तोहका भले क खातिर दुःख उठावइ क पड़इ तउ तू सब धन्य अहा। “इहइ खातिर कउनो क भय स भयभीत न रहा अउर न ही परेसान ह्वा अउर न विचालित।”(B) 15 अपने मन मँ मसीह क पर्भू क प्रति नरम ह्वा, श्रद्धा स नत ह्वा! तू जउन बिस्सास रखत अहा अगर कउनो ओकरे बार मँ पूछइ तउ सदा उत्तर देइ क तइयार रहा। 16 मुला विनम्रता अउर आदर क साथ अइसा करा। आपन हिरदइ सुद्ध राखा जइसेन अपने अच्छे मसीह व्यवहार स तोहरे नीक गुणन क निन्दा करइवाले तोहार अपमान करत भए लजाइँ।
17 अगर परमेस्सर क इहइ इच्छा अहइ कि क अच्छा बाटइ अच्छे काम करत भए दुःख उठावा इ नाहीं कि बुरा करत भए।
18 काहेकि ईसू मसीह भी हमरे पाप
खातिर दुःख उठाइस।
मतलब उ निर्दोस रहइ
हम सबइ पापियन खातिर एक बार मरि गवा
ताकि हमका परमेस्सर क नगीचे लइ जाइ।
सरीर क भाव स तउ उ मारा गवा
मुला आतिमा मँ जियावा गवा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.