Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
दाऊद क समर्पित।
1 हे यहोवा, मइँ खुद क तोहका समर्पित करत हउँ।
2 मोरे परमेस्सर, मोर सिरिफ तोह पइ बिस्सास बाटइ।
मोका अपमानित होइ क अनुमति जिन द्या;
मोर दुस्मनन क मोह पइ हँसी उड़ावइ क अनुमति जिन द्या।
3 अइसा मनई, जउन तोहमाँ बिस्सास धरत ह, उ निरास नाहीं होइ।
मुला बिस्सासघाती निरास होइहीं अउर,
उ पचे कबहुँ भी कछू नाहीं प्राप्त करिहीं।
4 हे यहोवा, मोर मदद करा कि मइँ तोहरी राहन क सीखउँ!
तू आपन मार्गन क मोका सिच्छा द्या।
5 आपन सच्ची राह तू मोका देखाँवा अउर ओकर उपदेस मोका द्या।
तू मोर परमेस्सर तू मोर उद्धारकर्त्ता अहा।
मोका हर दिन तोहार भरोसा अहइ।
6 हे यहोवा, मोह पइ आपन दाया राखा
अउर उ ममता क मोह पइ परगट करा, जेका तू हरदम राखत ह।
7 आपन जवानी मँ जउन पाप अउर कुकर्म मइँ किहेउँ, ओनका जिन याद राखा।
हे यहोवा आपन निज नाउँ निमित्त, मोका आपन करुणा स सुमिर ल्या।
8 हे यहोवा, सचमुच उत्तिम अहइ,
उ पापियन क जिन्नगी क नेक राह देखाँवत ह।
9 उ दीन लोगन क आपन राहन क सीख देत ह।
बिना पच्छपात क उ ओनका मारग देखाँवत ह।
10 यहोवा क राहन ओन लोगन बरे छिमा स भरी अउ सच अहइँ,
जउन ओकर करार अउर कानून क अनुसरण करत हीं।
15 “हे सुआमी हमार परमेस्सर, तू आपन महान सक्ति क प्रयोग किहा अउर हमका मिस्र स बाहेर निकारि लिआया। हम तउ तोहार आपन लोग अही। आजु तलक उ घटना क कारण तू जाना जात अहा। हे सुआमी, हम पाप किहा ह। हम खौफनाक पाप किहा ह। 16 हे सुआमी, यरूसलेम पइ किरोध करब तजि द्या। यरूसलेम तोहार पवित्तर पर्वतन पइ टिका अहइ। तू जउन करत अहा, ठीक ही करत अहा। एह बरे यरूसलेम पइ किरोधित होब तजि द्या। हमरे आसपास क लोग हमार अपमान करत हीं अउर हमरे लोगन क हँसी उड़ावत हीं। हम लोगन क पाप अउर हम लोगन क पुरखन क पापन क कारण इ सबइ कछू भएस ह।
17 “अब, हे यहोवा, तू मोर पराथना सुनि ल्या। मइँ तोहार दास हउँ। मदद बरे मोर बिनती सुन ल्या। आपन पवित्तर ठउर बरे तू अच्छी बातन करा। उ भवन नस्ट कइ दीन्ह गवा रहा। किन्तु हे यहोवा, तू खुद आपन भले बरे इ भली बातन क करा। 18 हे मोर परमेस्सर, हम लोगन क सुना। जरा आपन आँखिन खोला अउर हमरे संग जउन खौफनाक बातन घटी अहइँ, ओनका लखा। उ नगर जउन तोहरे नाउँ स गोहरावा जात रहा, लखा ओकरे संग का होइ गवा ह। मइँ इ नाहीं कहत हउँ कि हम अच्छे लोग अही। मइँ पराथना करत हउँ काहेकि मइँ जानत हउँ कि तू बहोत दयालु अहा। 19 हे सुआमी मोर सुना, हे यहोवा, हमका छिमा करा। हे सुआमी, हम पइ धियान द्या, अउर फुन कछू करा। अब अउर प्रतीच्छा जिन करा। इहइ समइ कछू करा। ओका तू खुद अपने भले बरे करा। हे सुआमी, अब तउ आपन नगर अउर आपन ओन लोगन क बरे, जउन तोहरे नाउँ स गोहरावा जात हीं कछू करा।”
सत्तर हफ्तन क बारे मँ दर्सन
20 मइँ परमेस्सर स पराथना करत भए इ सबइ बातन कहत रहेउँ। मइँ इस्राएल क लोगन क अउर आपन पापन क बारे मँ बतावत रहेउँ। मइँ यहोवा हमार परमेस्सर क पवित्तर पर्वत पइ पराथना करत रहेउँ। 21 मइँ अबहिं पराथना करत ही रहेउँ कि जिब्राएल मोरे लगे आवा। जिब्राएल उहइ सरगदूत रहा जेका मइँ दर्सन मँ लखे रहेउँ। जिब्राएल हाली स मोरे लगे आवा। उ साँझ क बलि क समइ आवा रहा। 22 मइँ जउन बातन क समुझइ चाहत रहा, ओन बातन क समुझइ मँ जिब्राएल मोर मदद किहेस। जिब्राएल कहेस, “हे दानिय्येल, मइँ तोहका बुद्धि प्रदान करइ अउ समुझइ मँ तोर सहायता क आवा हउँ। 23 जब तू पहिले पराथना आरंभ किहे रही, आदेस देइ दीन्ह गवा रहा अउ लखा मइँ तोहका बतावइ आइ गवा हउँ। परमेस्सर तोहका बहोत पिरेम करत ह। इ आदेस तहोरी समुझ मँ आइ जाइ अउर तू उ दर्सन क अरथ जान लेब्या।
24 “हे दानिय्येल, परमेस्सर तोहार प्रजा अउ तोहार पवित्तर नगरी बरे सत्तर हफ्तन क समइ निहचित किहेस ह। सत्तर हफ्तन क समइ एह बरे निहचित कीन्ह गवा ह ताकि बुरे करम खत्म कइ दीन्ह जाइँ, अउर पाप करब बन्द कइ दीन्ह जाइ, पापन बरे प्रायस्चित कीन्ह जाइ, हमेसा बरे निआव स्थापित कीन्ह जाइ। सब लोगन क सुद्ध कीन्ह जाइ, सदा-सदा बनी रहइवाली नेकी क लिआवा जाइ, दर्सन अउ नबियन पइ मोहर लगाइ दीन्ह जाइ, अउर पवित्तर ठउरे क समर्पित कीन्ह जाइ।
25 “दानिय्येल, तू एन बातन क समुझ ल्या। एन बातन क गियान रखा। जब वापस आवइ अउ यरूसलेम क पुनःनिर्माण करइ क आदेस दीन्ह गवा रहा क समइ स लइके अभिसिक्त कीन्ह गवा क आवइ क समइ तलक सात हफ्ता लगिहीं। सर्वजिनिक बाजार क निर्माण अउ नगर क रच्छा करइ बरे नगर क चारिहुँ कइँती खाई खोदइ क संग नगर क बासठ हफ्तन मँ निमार्ण कीन्ह जाइहीं। बासठ हफ्ता तलक यरूसलेम क बसावा जाइ।
4 परमेस्सर क साछी कइके अउर मसीह ईसू क आपन साछी बनाइ क जउन सबहिं जिअत अउर जउन मरि चुका बाटेन, ओनकइ निआउ करइवाला अहइ, अउर काहेकि ओकर फिन स आगमन अउर ओकर राज्य लगे बा, मइँ तोहसे सपथ स हुकुम देत हउँ। 2 सुसमाचर क प्रचार लगातार करा। चाहे तू पचन क सुविधा होइ या असुविधा आपन कर्तव्य करत रहा। लोगन क का करइ चही, ओनक समझावा। जबहिं उ पचे बुरा काम करइँ ओनका समझावा लोगन क धीरज दइके समझावत भए ओनका प्रोत्साहित करइ चाही। यह सब धीरज और सावधानी स दी गइ सिच्छा द्वारा करा।
3 मइँ इ एह बरे बतावत हउँ कि एक समइ अइसा आई जब लोग अच्छा उपदेस क सुनब तक न चइहीं उ आपन इच्छन क कारण अपने बरे बहुत स गुरू एकठ्ठा कइ लेइहीं, जउन उहइ सुनइहीं जउन उ पचे सुनइ चाहत हीं। 4 उ पचे आपन कानन क सत्य स फेर लेइहीं अउर कल्पित सबइ कथा प धियान देइ लगिहीं। 5 परन्तु तू निस्चय स सब परिस्थितियन मँ संयमी रह्या, सबइ यातना झेला अउर सुसमाचर क प्रचार क काम करा। जउन सेवा तोहका सऊँपी गइ बा, ओका पूरा करा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.