Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
1 यहोवा क बड़कई करा काहेकि उ नीक अहइ।
हमरे परमेस्सर क स्तुति क गीत गावा,
काहेकि इ नीक अहइ अउ ओकरे बरे सुखदायी अहइ।
2 उ यहोवा अहइ जउन यरूसलेम क बनाएस ह।
उ उहइ जउन ओन लोगन क एक संग जमा किहेस ह जेनका इस्राएल स तितर-बितर कीन्ह गवा रहा।
3 परमेस्सर ओनकर टूटे मनवा क चंगा करत रहत
अउर ओनकर घावन पइ पट्टी बाँधत रहा।
4 परमेस्सर तारन क गनत ह
अउर हर एक तारा क नाउँ जानत ह।
5 हमार सुआमी बहोत महान अउर सक्तीसाली अहइ।
ओकरे गियान क सीमा न अहइ।
6 यहोवा दीन लोग क सहारा देत ह।
उ दुट्ठ लोगन क खाले मँ हींच लेत ह।
7 गाइके यहोवा क धन्यवाद द्या।
हमरे परमेस्सर क गुणगान वीणा क संग करा।
8 उ बादरन स अकासे क ढाँपत ह।
उ धरती पइ बर्खा करावत ह।
उ पहाड़न पइ हरी घास क उगावत ह।
9 उ गोरूअन क अउर नान्ह कउअन क
जउन ओकरे मदद बरे गोहरावत हीं, चारा देत ह।
10 ओका जुद्ध क घोड़न
अउर सक्तिसाली सैनिक नाहीं भावत हीं।
11 यहोवा ओन लोगन स प्रसन्न होत ह, जउन ओकर सम्मान करत हीं।
यहोवा प्रसन्न अहइ, अइसे ओन लोगन स जेनकर आस्था ओकरे सच्चे पिरेम मँ अहइ।
20 यहोवा कउनो दूसर रास्ट्र क बरे अइसा नाहीं किहस।
परमेस्सर आपन नेमन क, कउनो दूसर जाति क नाहीं सिखाएस।
यहोवा क जस गावा।
10 धर्मी मनई आपन जानाबरन तलक क धियान रखत ह; किन्तु दुट्ठ मनइ सदा ही जालिम होत ह।
11 जउन अपने खेते मँ काम करत ह ओकरे लगे खाइके इफरात होइ। मुला जउन बियर्थ बिचारन क पाछा करत ह ओकरे लगे विवेक क अभाव रहत ह।
12 दुट्ठ जन बुरे जोजना क इच्छा करत ह। मुला धर्मी जन क जड़ फल लावत ह।
13 पापी मनई क ओकर आपन ही सब्द ओका जाल मँ फँसाइ लेत ह। किंतु खरा मनई बिपत्ति स बच निकरत ह।
14 आपन अच्छी बातन स जउन उ कहत ह मनइ अच्छा प्रतिफल पावत ह। इहइ तरह स एक मनइ आपन कार्य क अनुसार लाभ पावत ह।
15 मूरख क आपन मारग ठीक जान पड़त ह, मुला बुद्धिमान मनई सम्मति सुनत ह।
16 मूरख जन आपन झुँझलाहट झटपट देखावत ह मुला बुद्धिमान अपमान क उपेच्छा करत ह।
17 फुरइ स पूर्ण गवाह खरी गवाही देत ह, मुला लबार साच्छी झूठी बातन बनावत ह।
18 बिन बिचारे वाणी तरवार स छेदत, मुला विवेकी क वाणी घावन क भरत ह।
19 फुरइ स भरी वाणी हमेसा हमेसा टिकी रहत ह, मुला झूठी जीभ बस छिन भर क टिकत ह।
20 ओनके मने मँ छल-कपट भरा रहत ह, जउन कुचके स भरी जोजना रचत हीं। मुला जउन सान्ति क बढ़ावा देत हीं, आनन्द पावत हीं।
21 धर्मी जने पइ कबहँ विपत्ति नाहीं पड़ी, मुला दुट्ठन क तउ विपत्तियन घेरिहीं।
2 सुना! खुद मइँ, पौलुस तोहसे कहत रहेउँ कि अगर खतना कराइके तू पचे फिन स व्यवस्था कइँती लउतट ह्या तउ तोहरे मसीह क कउनउ महत्व न रहइ। 3 आपन खतना कराइ देइवाले हर एक मनई क, मइँ एक दाई फिन स जताए देत हउँ कि ओका पूरा व्यवस्था पर चलब जरुरी बा। 4 तू सबन मँ स जेतना जने व्यवस्था क पालइ क कारण धर्मी क रूप मँ स्वीकृत होइ चाहत हीं। उ सब मसीह स दूर होइ ग बाटेन अउर परमेस्सर क अऩुग्रह क च्छेत्र स बाहेर अहइँ। 5 मुला हम बिसवास क कारण परमेस्सर क सामने धर्मी स्वीकार कीन्ह जाइ क आसा करित ह। आतिमा क सहायता स हम एकर बाट जोहत रहेन ह। 6 काहेकि मसीह ईसू मँ स्थिति क बरे न तउ खतना करावइ क कउनउ महत्व बा अउर न खतना नाहीं करावइ क बल्कि ओहमाँ तउ पिरेम स पइदा होइवाला बिसवास क ही महत्व बा।
7 तू पचे तउ बहुत अच्छी तरह एक मसीह क जीवन जिअत रह्या। अब तू पचन क, अइसा का अहइ जउन सत्य पर चलइ स रोकत बाटइ। 8 अइसी बिमति जउन तू पचन क सत्य स दूर करत बाटइ। तू सबन क बोलावइवाले परमेस्सर कइँती स नाहीं आइ बा। 9 “तनिक खमीर गुंधा भवा समूचा आटा क खमीर स उठाइ लेत ह।” 10 पर्भू क बरे मोर पूरा भरोसा बा कि तू पचे कउनउ दूसरे मते क न अपनउब्या मुला तू सबन क विचलित करइवाला चाहे कउनउ भी होइ, उचित दण्ड पावइ।
11 भाइयो तथा बहिनियो, अगर मइँ आजभी, जइसा कि कछू जने मोहपे लांछन लगावत हीं कि मइँ खतना क प्रचार करत हउँ तउ मोका अब तलक यातना काहे दीन्ह जात अहइँ? अउर अगर मइँ अब भी खतना क जरूरत क प्रचार करत हउँ अब तउ मसीह क क्रूस क कारण पइदा भई मोर सब बाधा समाप्त होइ जाइ चाही। 12 मइँ तउ चाहत हउँ कि उ सबइ जउन तू पचन क डिगावइ चाहत हीं, खतना करावइ क साथ साथ अपने आपक बधिया ही कराइ डालतेन।
13 मुला भाइयो तथा बहिनियो, तू पचन क परमेस्सर तउ स्वतन्त्र रहइ क चुने अहइ। मुला ओह आजादी क अपने आप पूरे सुभाऊ क पूर्ति क साधन जिन बनइ द्या, एकरे विपरीत पिरेम क कारण परस्पर एक दूसरे क सेवा करा। 14 काहेकि समूची व्यवस्था क सार संग्रह इ एक आदेस मँ ही बाः “अपने साथियन स वइसेन ही पिरेम करा, जइसेन तू अपने आपस करत ह।”(A) 15 मुला आपस मँ काट करत भए अगर तू एक दूसरे क खात रहब्या तउ देखा। तू पचे आपस मँ ही एक दूसरे क नास कइ देब्या।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.