Revised Common Lectionary (Semicontinuous)
धन्यवाद का एक गीत।
1 हे धरती, तुम यहोवा के लिये गाओ।
2 आनन्दित रहो जब तुम यहोवा की सेवा करो।
प्रसन्न गीतों के साथ यहोवा के सामने आओ।
3 तुम जान लो कि वह यहोवा ही परमेश्वर है।
उसने हमें रचा है और हम उसके भक्त हैं।
हम उसकी भेड़ हैं।
4 धन्यवाद के गीत संग लिये यहोवा के नगर में आओ,
गुणगान के गीत संग लिये यहोवा के मन्दिर में आओ।
उसका आदर करो और नाम धन्य करो।
5 यहोवा उत्तम है।
उसका प्रेम सदा सर्वदा है।
हम उस पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा कर सकते हैं!
इस्राएल के दण्ड का अंत
40 तुम्हारा परमेश्वर कहता है,
“चैन दे, चैन दे मेरे लोगों को!
2 तू दया से बातें कर यरूशलेम से!
यरूशलेम को बता दे,
‘तेरी दासता का समय अब पूरा हो चुका है।
तूने अपने अपराधों की कीमत दे दी है।’
यहोवा ने यरूशलेम के किये हुए पापों का दुगना दण्ड उसे दिया है!”
3 सुनो! एक व्यक्ति का जोर से पुकारता हुआ स्वर:
“यहोवा के लिये बियाबान में एक राह बनाओ!
हमारे परमेश्वर के लिये बियाबान में एक रास्ता चौरस करो!
4 हर घाटी को भर दो।
हर एक पर्वत और पहाड़ी को समतल करो।
टेढ़ी—मेढ़ी राहों को सीधा करो।
उबड़—खाबड़ को चौरस बना दो।
5 तब यहोवा की महिमा प्रगट होगी।
सब लोग इकट्ठे यहोवा के तेज को देखेंगे।
हाँ, यहोवा ने स्वयं ये सब कहा है।”
6 एक वाणी मुखरित हुई, उसने कहा, “बोलो!”
सो व्यक्ति ने पूछा, “मैं क्या कहूँ” वाणी ने कहा, “लोग सर्वदा जीवित नहीं रहेंगे।
वे सभी रेगिस्तान के घास के समान है।
उनकी धार्मिकता जंगली फूल के समान है।
7 एक शक्तिशाली आँधी यहोवा की ओर से उस घास पर चलती है,
और घास सूख जाती है, जंगली फूल नष्ट हो जाता है। हाँ सभी लोग घास के समान हैं।
8 घास मर जाती है और जंगली फूल नष्ट हो जाता है।
किन्तु हमारे परमेश्वर के वचन सदा बने रहते हैं।”
मुक्ति: परमेश्वर का सुसन्देश
9 हे, सिय्योन, तेरे पास सुसन्देश कहने को है,
तू पहाड़ पर चढ़ जा और ऊँचे स्वर से उसे चिल्ला!
यरूशलेम, तेरे पास एक सुसन्देश कहने को है।
भयभीत मत हो, तू ऊँचे स्वर में बोल!
यहूदा के सारे नगरों को तू ये बातें बता दे: “देखो, ये रहा तुम्हारा परमेश्वर!”
10 मेरा स्वामी यहोवा शक्ति के साथ आ रहा है।
वह अपनी शक्ति का उपयोग लोगों पर शासन करने में लगायेगा।
यहोवा अपने लोगों को प्रतिफल देगा।
उसके पास देने को उनकी मजदूरी होगी।
11 यहोवा अपने लोगों की वैसे ही अगुवाई करेगा जैसे कोई गड़ेरिया अपने भेड़ों की अगुवाई करता है।
यहोवा अपने बाहु को काम में लायेगा और अपनी भेड़ों को इकट्ठा करेगा।
यहोवा छोटी भेड़ों को उठाकर गोद में थामेगा, और उनकी माताऐं उसके साथ—साथ चलेंगी।
संसार परमेश्वर ने रचा: वह इसका शासक है।
22 इसके पश्चात् उस स्वर्गदूत ने मुझे जीवन देने वाले जल की एक नदी दिखाई। वह नदी स्फटिक की तरह उज्ज्वल थी। वह परमेश्वर और मेमने के सिंहासन से निकलती हुई 2 नगर की गलियों के बीच से होती हुई बह रही थी। नदी के दोनों तटों पर जीवन वृक्ष उगे थे। उन पर हर साल बारह फसलें लगा करतीं थीं। इसके प्रत्येक वृक्ष पर प्रतिमास एक फसल लगती थी तथा इन वृक्षों की पत्तियाँ अनेक जातियों को निरोग करने के लिए थीं।
3 वहाँ किसी प्रकार का कोई अभिशाप नहीं होगा। परमेश्वर और मेमने का सिंहासन वहाँ बना रहेगा। तथा उसके सेवक उसकी उपासना करेंगे 4 तथा उसका नाम उनके माथों पर अंकित रहेगा। 5 वहाँ कभी रात नहीं होगी और न ही उन्हें सूर्य के अथवा दीपक के प्रकाश की कोई आवश्यकता रहेगी। क्योंकि उन पर प्रभु परमेश्वर अपना प्रकाश डालेगा और वे सदा सदा शासन करेंगे।
6 फिर उस स्वर्गदूत ने मुझसे कहा, “ये वचन विश्वास करने योग्य और सत्य हैं। प्रभु ने जो नबियों की आत्माओं का परमेश्वर है, अपने सेवकों को, जो कुछ शीघ्र ही घटने वाला है, उसे जताने के लिए अपना स्वर्गदूत भेजा है। 7 ‘सुनो, मैं शीघ्र ही आ रहा हूँ! धन्य हैं वह जो इस पुस्तक में दिए गए उन वचनों का पालन करते हैं जो भविष्यवाणी हैं।’”
8 मैं यूहन्ना हूँ। मैंने ये बातें सुनी और देखी हैं। जब मैंने ये बातें देखीं सुनीं तो उस स्वर्गदूत के चरणों में गिर कर मैंने उसकी उपासना की जो मुझे ये बातें दिखाया करता था। 9 उसने मुझसे कहा, “सावधान, तू ऐसा मत कर। क्योंकि मैं तो तेरा, तेरे बंधु नबियों का जो इस पुस्तक में लिखे वचनों का पालन करते हैं, एक सह-सेवक हूँ। बस परमेश्वर की ही उपासना कर।”
© 1995, 2010 Bible League International